परिवार पहचान पत्र के जारी आंकडों अनुसार ही प्रदेश की कुल आबादी 2.80 करोड़ में 1.98 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से नीचे है : विद्रोही सरकार अपना राजस्व बढाने के लिए जमीन कलैक्टर रेट बढाकर स्टाम्प डयूटी के नाम पर अपना खजाना भरने के लिए आमजन की जेब काट रही है : विद्रोही 2 दिसम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणाभर में भाजपा सरकार द्वारा जमीन के कलैक्टर रेट 10 से 30 प्रतिशत तक बढाने के निर्णय को आमजन के घर बनाने के सपने पर कुठाराघात बताया। कलैक्टर रेट बढने से जमीन का महंगी होना तय है जिसके चलते आमजन को अपना घर बनाना और भी मुश्किल हो जायेगा। विद्रोही ने कहा कि रेवाडी जिले में भी सरकार ने जमीन के कलैक्टर रेट 10 से 20 प्रतिशत बढा दिये है। सवाल उठता है कि इस समय भाजपा सरकार को कलैक्टर रेट बढाने की क्या जरूरत थी जब आमजन पहले ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। एक ओर सरकार हरियाणा के हर बेघर को खुद का घर का सपना दिखा रही है, वहीं दूसरी ओर कलैक्टर रेट बढाकर आमजन अपने लिए घर बनाने खातिर जमीन न खरीद सके, इसका भी प्रबंध कर दिया। कलैक्टर रेट बढने से जहां जमीन के भाव बढेंगे, वहीं मकान निर्माण सामग्री भी महंगी होती जा रही है जो गरीबों के लिए मकान बनाने के रास्ते में बडा रोडा है। विद्रोही ने कहा कि सरकार के परिवार पहचान पत्र के जारी आंकडों अनुसार ही प्रदेश की कुल आबादी 2.80 करोड़ में 1.98 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से नीचे है अर्थात बीपीएल है। जब प्रदेश के 67 प्रतिशत नागरिक गरीबी रेखा से नीचे हो, तब जमीन मंहगी होने व घर बनाने की सामग्री के अभाव आसमान छूने के चलते बेघर घर बनायेगा कैसे? हरियाणा में बेघर लोग भी तो गरीबी रेखा से नीचे जीने वाले 67 प्रतिशत लोगों में से ही है। ऐसी स्थिति में सरकार को कलैक्टर रेट बढाने की बजाय घटाने चाहिए थे ताकि आमजनों को घर बनाने के लिए सस्ती जमीन उपलब्ध हो सके। विद्रोही ने कहा कि सरकार अपना राजस्व बढाने के लिए जमीन कलैक्टर रेट बढाकर स्टाम्प डयूटी के नाम पर अपना खजाना भरने के लिए आमजन की जेब काट रही है जो किसी भी तरह उचित व न्यायसंगत नही है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मांग कीे कि सरकार हरियाणा में 10 से 30 प्रतिशत जमीनों के बढाये गए कलैक्टर रेट वापिस ले ताकि आमजनों पर अपना घर बनाने के लिए स्टाम्प डयूटी के नाम पर अतिरिक्त बोझ न बढ़े। वहीं सरकार यह भी व्यवस्था करे कि भवन निर्माण सामग्री के बढ़े भावों पर भी अंकुश लगे ताकि आमजन को अपना घर बनाने में ज्यादा आर्थिक बोझ वहन न करना पड़े। Post navigation एचकेआरएम की आड़ में आरक्षण खत्म करना चाहती है सरकार: सैलजा एमएसपी किसानों का अधिकार, कानूनी गारंटी दे बीजेपी सरकार- हुड्डा