फैसला वापस न लेने पर महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री हरियाणा तथा मुख्य सचिव हरियाणा से करेंगे शिकायत। बोले, किसी भी कीमत पर गीता महोत्सव की मर्यादा भंग नहीं होने दी जाएगी। स्थानीय रेहड़ी वालों को केडीबी द्वारा उजाड़ने की कड़ी निंदा की अरोड़ा ने। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 30 नवंबर : थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने गीता जयंती महोत्सव में बिंडे लेकर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा बाउंसर तैनात करने की कड़ी निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि इन बाउंसरों को नहीं हटाया गया तो इसकी शिकायत महामहिम राज्यपाल हरियाणा, मुख्यमंत्री नायब सैनी तथा प्रदेश के मुख्य सचिव से करेंगे। अरोड़ा केडीबी मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ लाडवा के पूर्व विधायक मेवा सिंह भी उपस्थित थे। मेवा सिंह ने भी गीता जयंती महोत्सव पर बाउंसर नियुक्त करने की कड़ी आलोचना करते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। अरोड़ा ने कहा कि गीता जयंती एक धार्मिक उत्सव है। इस उत्सव में काले कपड़े पहने बिंडे लेकर बाउंसर तैनात करना शोभा नहीं देता, इससे पहले यह कभी नहीं हुआ। बाउंसरों की तैनाती सरकार व पुलिस प्रशासन की विफलता का प्रतीक है। इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस प्रशासन गीता महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल है। केडीबी का यह फैसला सरकार को भी कटघरे में खड़ा करता है। अरोड़ा ने कहां की यदि केडीबी को प्राइवेट सुरक्षाकर्मी अगर तैनात करने थे तो किसी भी प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी से वर्दीधारी सुरक्षाकर्मी लेने चाहिए थे। वैसे तो हरियाणा सरकार के पास होमगार्ड के जवान भी है और अक्सर ऐसे मौकों पर जिला पुलिस बाहर के जिलों से भी पुलिस बुला लेती है, लेकिन केडीबी ने बिंडे वाले बाउंसर तैनात करके सारी मर्यादाए तोड़ दी है। अरोड़ा ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि बाउंसर हटाने का फैसला वापस नहीं लिया गया तो वह अपने स्तर पर मीडिया के सहायता से इसकी लड़ाई लड़ेंगे और किसी भी कीमत पर गीता जयंती उत्सव की मर्यादा को भंग नहीं होने देंगे। एसपी कुरुक्षेत्र को नहीं लिया गया विश्वास में : अरोड़ा।विधायक अशोक अरोड़ा ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले को लेकर एसपी कुरुक्षेत्र वरुण सिंगला से बातचीत की तो एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि गीता जयंती महोत्सव में बाउंसर तैनाती के मामले में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई। यह निर्णय अपने स्तर पर केडीबी प्रशासन द्वारा लिया गया है। अरोड़ा के अनुसार एसपी ने कहा कि पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है, यदि जरूरत पड़ी तो बाहर के जिलों से भी पुलिस बुलाई जा सकती है। स्थानीय रेहडी वालों को मेले में स्थान देने की मांग की अरोड़ा ने।अशोक अरोड़ा ने कहा कि थानेसर शहर के अनेक गरीब लोग पिछले कई वर्षों से ब्रह्मसरोवर के आस-पास रेहड़ी व छोटी-छोटी दुकान लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। अब केडीबी प्रशासन बाउंसरो की सहायता से उन्हें खदेड़ने का काम कर रहा है. उनका सामान फेंका व तोड़ा जा रहा है, उन्होंने केडीबी प्रशासन से मांग की है कि इन स्थानीय रेहड़ी वालों को भी गीता जयंती महोत्सव में कोई निर्धारित स्थान दिया जाए और इन्हें उजाड़ा ना जाए, ताकि यह भी अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने दिया अरोड़ा को आश्वासन।पत्रकार वार्ता के पश्चात अशोक अरोड़ा तथा पूर्व विधायक मेवा सिंह ने केडीबी कार्यालय जाकर सीईओ पंकज सेतिया से मुलाकात करनी चाही, लेकिन सेतिया कार्यालय से नदारत मिले। जिस पर केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने विधायक अशोक अरोड़ा से मिलकर अपनी सफाई थी और आश्वासन दिया कि जो सुझाव और मांग अशोक अरोड़ा ने रखी है उन्हें पूरा किया जाएगा। बाउंसरो द्वारा बिंडे हाथ में लेकर घूमने का फैसला वापस लिया जाएगा और एक निश्चित वर्दी में प्राइवेट सुरक्षाकर्मी आईडी कार्ड सहित तैनात किए जाएंगे और जो स्थानीय लोग यहां पर रेहड़ी इत्यादि कई सालों से लगा रहे हैं, उन्हें निर्धारित स्थान पर रेहड़ी व फड़ी लगाने की इजाजत दी जाएगी। सिंघल ने कहा कि विधायक अरोड़ा हमारे सम्मानित विधायक होने के साथ-साथ केडीबी के पदेन सदस्य भी है इसलिए उनकी सलाह व मार्गदर्शन हमारे लिए जरूरी है। Post navigation श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2024 के लिए हुआ भूमि पूजन एवं सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ लाडवा और पिहोवा में परंपरानुसार हर्षोल्लास और पूरी उमंग के साथ मनाया जाएगा गीता जयंती समारोह : नेहा सिंह