भारत सारथी

गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम के एचएसवीपी कार्यालय सेक्टर 14 में शुक्रवार शाम को उस समय हड़कंप मच गया। जब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट पुलिस टीम के साथ दफ्तर को ताला लगाकर सील करने पहुंच गई। जैसे ही टीम सेक्टर 14 दफ्तर में दाखिल हुई और अपनी कार्रवाई से अधिकारियों को अवगत कराया तभी एलओ दफ्तर, सवे विग व प्रशासक कार्यालय में हड़कंप मच गया। जिससे विभाग में अफरातफरी का माहौल बन गया। कई घंटे बाद अधिकारियों से बातचीत होने के बाद कर्मचारीयों व अधिकारियों ने राहत की सांस ली। तथा ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस की मौजूदगी में अधिकारियों के दफ्तर को सील किया।

मिली जानकारी के अनुसार मानेसर क्षेत्र के कासना गांव निवासी मनोज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विभाग द्वारा जबरदस्ती जमीन के नोटिस निकाल बिना मुआवजा दिए कब्जा कर सड़क बना दी थी। इसमें विभाग ने पीड़ित किसान की जमीन के चार व छह के नोटिस जारी कर दिए थे, लेकिन बिना अवार्ड सुनाए व मुआवजा दिए ही अपनी दबंगी दिखाते हुए किसान की जमीन में से सरकारी सड़क बना दी थी, जिसका एतराज भी किसान ने किया था। विभाग ने पीड़ित को कोई मुआवजा नहीं दिया था,जिस पर पीड़ित किसान ने दोबारा से कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस दायर किया था।

जिस पर सुनवाई करते हरकेश मनुजा की अदालत ने एलएसी,ईओ वन तथा ईओ टू के कार्यालय को सील कुर्की करने के आदेश दिए थे। जिसपर हाईकोर्ट के आदेश की पालना करते हुए उपायुक्त द्वारा ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्त किए गए नायब तहसीलदार सुरेंद्र भारद्वाज पुलिस टीम के साथ शुक्रवार शाम दिल्ली रोड कार्यालय पर पहुंची थी। तथा स्टाफ की छुट्टी होने के बाद LAC ,EO-1,EO-2 दफ्तरों की सील कर दिया। जिसमें तत्कालीन अधिकारी लवीना, विकास ढांडा, राजेंद्र सिंह बैठते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी
जब इस घटनाक्रम के बारे में एचएसवीपी के इओ वन विकास ढांडा से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका। वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि पीड़ित याचिकाकर्ता की जमीन के करीब साढ़े छह करोड़ रुपए विभाग ने जमीन के मुआवजे के तौर पर देने हैं। वहीं विभाग में यह भी चर्चाएं है कि जब अवार्ड ही नहीं हुआ तो पैसे किस बात के बना दें, इसमें जिस अधिकारी की लापरवाही/गलती है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए और यह मामला 2017 से ही हाईकोर्ट में पेंडिंग था।

बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुग्राम में पहले भी कई सरकारी विभाग को ताला जड़ा जा चुका है।

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