भारत सारथी

गुरुग्राम: सतीश भारद्वाज : गुरुग्राम के बीजेपी विधायक मुकेश शर्मा द्वारा बीते मंगलवार को विधानसभा में गुरुग्राम को लेकर उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। जिसको लेकर सरेआम राजनीतिक व समाज सेवकों में चर्चाएं है कि विधायक ने विधानसभा में जो मुद्दे उठाए हैं, वे सभी मुद्दे अपनी ही पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की भांति उठाए गए हैं। इनमें कुछ मुद्दों का तो मामला न्यायालय में होने के चलते सरकार बेबस है। वहीं कुछ मुद्दे तो इस तरह के हैं जिनको सब जनता जानती है और वह पिछले 2014 से ही विधानसभा में उठते रहे हैं। जिनमें उन्हीं की पार्टी के गुरुग्राम से विधायक रहे उनके ऊपर सीधा कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाने के बराबर लग रहा है।

लोगों का कहना था कि आयुध डिपो 900 मीटर का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जिसमें कुछ महीने पहले अदालत में लगी तारीख पर आयुक्त डिपो के 300 मीटर तक को खाली करने की बात सामने आई थी। जिसमें सरकार की तरफ से कहा गया था कि गुरुग्राम के आयुक्त डिपो के 300 मीटर तक अगर सरकार खाली जगह बिल्कुल कर देती है तो 900 मीटर के दायरे में भी कुछ बदलाव के बारे में विचार सरकार कर सकती है, लेकिन अभी तक 300 मीटर के दायरे में ही जमीन खाली नहीं हुई है।

2014 के लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम से बीजेपी की सीट से चुनाव लड़ रहे राव इंद्रजीत ने भी जल्द ही 900 मीटर के मामले को सुलझाने का आश्वासन प्रभावित क्षेत्रवासियों को दिया था। लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद भी आज तक मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। जिस पर उन्होंने अब बात ही करनी बंद कर दी है, वहीं अबकी बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी ने भी लोगों को प्रभावित करने के लिए चुनावी मुद्दा बनाकर मामले को उठाया था, वहीं लोगों का कहना है कि क्या वह यह नहीं जानते कि मामला न्यायालय में चल रहा है तो फिर क्षेत्रवासियों को भ्रम में क्यों डाल रहे हैं।

वहीं आयुध डिपो क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए पानी सप्लाई का मुद्दा, जिस्म भी सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश सामने आया है जिसमें बताया गया है कि यूपी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पानी अवश्य उपलब्ध कराया जाए लेकिन वह सार्वजनिक तौर पर नल लगा कर उपलब्ध कराया जाए ना कि एक-एक निवासी के घर में पानी की सप्लाई दी जाए। जबकि आयुक्त डिपो क्षेत्र में पानी का जमकर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। इसके बारे में नगर निगम के निर्वातमान पार्षद वीरेंद्र यादव डूंडाहेड़ा ने भी जीएमडीए व नगर निगम के अधिकारियों पर मिली भगत के आरोप लगाकर समाधान शिविर में भी शिकायत दर्ज कराई थी।

वही विधायक द्वारा उठाया गया मामला की गुरुग्राम की आबादी बढ़ रही है सीवर लाइन बड़ी डालनी चाहिए। तो इसमें विधायक जी को शायद इस बात की पूरी जानकारी नहीं है कि जहां तरक्की विकास विकास होता है, वही सरकार सारे मामलों की जानकारी लेकर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराती है। हालांकि गुरुग्राम में बाहरी लोगों की तादाद ज्यादा है,और मतदाता सूची में काम है जबकि नगर निगम और जीएमडीए जो भी आंकड़े उठाती है वह सरकारी आंकड़ों के हिसाब से विकास पर खर्च करती है। वहीं निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि गुरुग्राम में जो भी सीवर पानी की लाइन डाली हुई है वह सरकारी आंकड़े मतदाता सूची को देखे तो उनके हिसाब से काफी एडवांस डाली गई है। लेकिन गुरुग्राम क्षेत्र में किराएदारों की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण जल आपूर्ति, तथा गंदगी ज्यादा फैल रही है। वहीं के टैक्स देने में कोई भी क्षेत्रवासी खुश नहीं है, जिसमें सत्ता पक्ष के चाहने वाले निवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा भी थी की कुछ दिन पहले ही बादशाहपुर विधानसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके मनीष यादव के पिताजी पर भी निगम का करोड़ों रुपए टैक्स बकाया है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या विधायक का विधानसभा में उठाए गए मुद्दों का कोई असर भी होगा या केवल अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को खुश करने के लिए ही यह मुद्दे उठाए गए हैं।

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