शासन में अनुकरणीय योगदान के लिए कर्मचारियों को दिए जाएंगे राज्य और जिला स्तर पर पुरस्कार चंडीगढ़, 20 नवंबर-हरियाणा सरकार ने ‘हरियाणा सुशासन पुरस्कार योजना 2024’ अधिसूचित की है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे कर्मचारियों को पुरस्कृत करके शासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है, जिन्होंने अपने अभिनव कार्यों और असाधारण प्रयासों से प्रदेश में बेहतर शासन में योगदान दिया है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्री विवेक जोशी द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है, जो राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों कर्मचारियों पर लागू होगी। अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत राज्य सरकार ने प्रदेशभर में सुशासन को बढ़ावा देने में असाधारण प्रयासों को मान्यता देने के लिए विशिष्ट पुरस्कारों की रूपरेखा तैयार की है। उत्कृष्ट प्रदर्शन और नवाचार का प्रदर्शन करने वाली टीमों के लिए राज्य स्तर पर पुरस्कारों को फ्लैगशिप योजना पुरस्कार और राज्य-स्तरीय पुरस्कार में वर्गीकृत किया गया है। राज्य स्तरीय फ्लैगशिप योजना के तहत उन प्रमुख परियोजनाओं में शामिल टीमों को सम्मानित किया जाएगा, जिनसे शासन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। इन पुरस्कारों में हरियाणा के मुख्य सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक ट्रॉफी और प्रशंसा प्रमाण पत्र शामिल है, जिसे संबंधित प्रशासनिक सचिव के माध्यम से प्रत्येक सम्मानित कर्मचारी के सेवा रिकॉर्ड में जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक फ्लैगशिप योजना के लिए 51,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। नकद पुरस्कार टीम के सभी सदस्यों में समान रूप से वितरित किया जाएगा, चाहे उनकी व्यक्तिगत रैंक या स्थिति कुछ भी हो, ताकि टीम के भीतर प्रत्येक योगदानकर्ता के लिए उचित मान्यता सुनिश्चित हो सके। फ्लैगशिप योजना पुरस्कारों के साथ-साथ, विभिन्न शासन पहलों में उच्च प्रदर्शन करने वाली टीमों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों में एक ट्रॉफी और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो सम्बन्धित कर्मचारी के सेवा रिकॉर्ड में रखा जाएगा। राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए नकद पुरस्कार की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। प्रथम पुरस्कार के लिए 51,000 रुपये, दूसरे पुरस्कार के लिए 31,000 रुपये और तीसरे पुरस्कार के लिए 21,000 रुपये दिए जाएंगे। फ्लैगशिप योजना पुरस्कारों की तरह, ये नकद पुरस्कार भी विजेता टीम के सदस्यों में समान रूप से विभाजित किए जाएंगे, ताकि टीम वर्क और सामूहिक उपलब्धि की भावना को बढ़ावा मिल सके। इस योजना के तहत जिला स्तर पर, ’जिला-स्तरीय पुरस्कार’ भी दिए जाएंगे, जो प्रत्येक जिले के उपायुक्त द्वारा प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक जिले में तीन श्रेणियों की टीमों को मान्यता दी जाएगी। इनमें प्रथम स्थान के लिए 31,000 रुपये, दूसरे स्थान के लिए 21,000 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 11,000 रुपये के नकद पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक पुरस्कृत टीम को संबंधित जिले के मंडल आयुक्त द्वारा हस्ताक्षरित एक ट्रॉफी और प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। राज्य-स्तरीय फ्लैगशिप योजना पुरस्कार श्रेणी के तहत प्रमुख राज्य पहलों में असाधारण प्रदर्शन को मान्यतास्वरूप अधिकतम छः पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी तरह, राज्य-स्तरीय पुरस्कारों में भी छः सम्मान शामिल होंगे। इसके तहत व्यक्तिगत राज्य-स्तरीय प्रदर्शन के लिए तीन पुरस्कार होंगे और प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए एक-एक पुरस्कार दिया जाएगा। निर्धारित मापदंडों के अनुसार शीर्ष तीन प्रदर्शन करने वाले जिलों के लिए तीन पुरस्कार निर्धारित किए जाएंगे। जिला स्तर पर, प्रत्येक जिला तीन पुरस्कारों के लिए पात्र होगा, जिसमें शासन संबंधी पहलों के लिए शीर्ष तीन स्थानों को मान्यता दी जाएगी। अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों को अपने ऑनलाइन आवेदन haryanagoodgovernanceawards.haryana.gov.in पर पोर्टल के माध्यम से या दस्ती तौर पर ‘सशक्त समिति’ या ‘जिला-स्तरीय सशक्त समिति’ के पास जमा करवाने होंगे। इसके अतिरिक्त, कर्मचारी पोर्टल के माध्यम से या नियमित मेल द्वारा अपनी सफलता की कहानी की एक अग्रिम प्रति जमा करा सकते हैं। ‘सशक्त समिति’ और ‘जिला स्तरीय सशक्त समिति’ के पास आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर, 2024 है। राज्य स्तरीय फ्लैगशिप योजनाओं (सरकार द्वारा), राज्य स्तरीय पुरस्कार (सशक्त समिति द्वारा) और जिला स्तरीय पुरस्कार (जिला स्तरीय सशक्त समिति द्वारा) सहित पुरस्कारों के लिए अंतिम सिफारिशों को 10 दिसंबर, 2024 तक अंतिम रूप दिया जाएगा। पुरस्कारों की संख्या से तीन गुना तक उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने की जिम्मेदारी राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए सशक्त समिति और जिला स्तरीय पुरस्कारों के लिए जिला स्तरीय सशक्त समिति की होगी। राज्य स्तरीय फ्लैगशिप योजनाओं और राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए पुरस्कारों की स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकारी राज्य सरकार होगी, जबकि जिला स्तरीय श्रेणियों के लिए संबंधित जिले के उपायुक्त पुरस्कारों को स्वीकृति देंगे। इन पुरस्कारों के लिए मूल्यांकन के क्षेत्रों में सार्वजनिक सेवा डोमेन की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होगी। ’आर्थिक’ श्रेणी में प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों में ईज आॅफ डूइंग बिजनेस, उद्योगों और एमएसएमई प्रतिष्ठानों की वृद्धि, खाद्यान्न और बागवानी उत्पादन जैसी कृषि उन्नति तथा वन आवरण में परिवर्तन और जलवायु कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन जैसे पर्यावरणीय विचार शामिल हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वृद्धि, प्रति व्यक्ति आय, राजकोषीय स्थिति और राज्य राजस्व सृजन सहित इकाॅनामिक गवर्नेंस मीट्रिक भी मूल्यांकन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कारक होंगे। ’बुनियादी ढांचा’ श्रेणी में, पीने योग्य पानी, बिजली और स्वच्छता सहित अनिवार्य सार्वजनिक उपयोगिताओं की उपलब्धता का आकलन किया जाएगा। जल जीवन मिशन (जेजेएम), खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) गाँव और कस्बे जैसी पहलों की सफलता और 24 घंटे बिजली आपूर्ति की पहुँच फोकस के प्रमुख क्षेत्र रहेंगे। इसके अतिरिक्त, बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ग्रामीण कनेक्टिविटी और ऊर्जा उपलब्धता में सुधार का मूल्यांकन भी किया जाएगा। ’सामाजिक’ क्षेत्र मूल्यांकन में मानव संसाधन विकास से संबंधित संकेतकों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूल नामांकन में लैंगिक समानता और कौशल प्रशिक्षण पहल शामिल हैं। यह स्वास्थ्य बीमा कवरेज, बेरोजगारी दर और सभी के लिए आवास जैसे सामाजिक कल्याण पर भी बल देता है। इसके तहत एससी, एसटी समुदायों के खिलाफ अत्याचारों से संबंधित मामलों के निपटान के साथ-साथ महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा, यह सेवाओं के डिजिटलीकरण और उपभोक्ता अधिकारों समेत मामलों के निपटान में न्यायपालिका की दक्षता जैसी नागरिक-केंद्रित शासन पहलों का मूल्यांकन भी करता है। Post navigation विधानसभा सत्र बाद मुख्यमंत्री का दावा कि उन्होंने अपने चुनावी वादे पूरे करने शुरू कर दिये, एक जुमला : विद्रोही कृषि मंत्री ने डॉ. सीमा परमार को पुरस्कार मिलने पर दी 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