भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी, हुई पर उसमें ऐसा नजर आया कि जैसे बिना विपक्ष का नेता होने के पश्चात भी विपक्ष सत्ता पक्ष पर भारी रहा।

हरियाणा सरकार की ओर से तो समाचार लिखने तक विधानसभा की विज्ञप्ति आई नहीं है। कुछ सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले रोहतक के विधायक बीबी बतरा ने सरकार को चुनाव के मामले में बुरी तरह घेरा। उनका कहना था कि चुनाव में 60 प्रतिशत जनता ने भाजपा के विरूद्ध मतदान किया है। 8 विधानसभाओं में भाजपा की जमानत जब्त हुई है। कांग्रेस 39.3 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं, जबकि भाजपा 38 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर भी टिप्पणी की कि वह चुनाव होने के पश्चात ही ब्यान देते हैं कि भाजपा बहुमत से जीत रही है। उनका कहना था कि यह चुनाव साम-दाम-दंड-भेद की नीति से भाजपा द्वारा लड़ा गया है और जिसमें पैसे का बहुत प्रयोग हुआ है।

विधानसभा अध्यक्ष हरविन्दर कल्याण की भूमिका आज बहुत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने बहुत परिपक्व तरीके से सदन को संचालित किया। उन्होंने भाजपा विधायकों को ही नहीं अपितु मंत्रियों को भी कहा कि दूसरे के बीच में न बोलें, विशेष रूप से जब भारत भूषण बतरा बोल रहे थे तो अरविंद शर्मा को उन्होंने बड़ी कड़ाई से रोका।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सरकार पर भारी पड़े। उनका कहना था कि सरकार मेरे कार्यकाल में कराए हुए कार्यों का श्रेय स्वयं ले रही है। हिम्मत है तो बताएं कि उन्होंने पिछले 10 वर्ष में क्या-क्या कार्य किए। वह केवल उनके करे हुए कार्यों को अपना बताकर ही ढिंढोरा पीट रहे हैं। उन्होंने अनेक उदाहरण भी दिए, जिसमें गुरुग्राम में मेट्रो का और बाढ़सा में कैंसर का संस्थान आदि-आदि।

भाजपा विधायक दादा रामकुमार गौतम जो पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रशंसा करने पर चर्चा में आए थे, आज सदन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर खूब बरसे, जिसमें वह सदन की मर्यादा को भी भूल गए। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ शब्द सदन की कार्यवाही से हटाए गए। वह शब्द हैं दादा रामकुमार गौतम द्वारा जाट भाईयों और उनसे संबंधित कहे गए शब्द। और सरकार की भी ना तो पोर्टल की है, न परिवार पहचान पत्र की है, यह जीत नायब सिंह सैनी जी की है, से संबंधित कहे गए शब्द सदन की कार्यवाही से निकलवाए गए हैं।

मेरी याद में यह पहला अवसर है, जब विधानसभा में सत्ता पक्ष शोर मचा रहा है और विपक्ष शांति से अपनी बात कहना चाह रहा है। ये सभी जानकारियां सूत्रों से प्राप्त हैं लेकिन सूत्र इतने विश्वस्त हैं कि यह सत्य है। अधिक जानकारियां विधानसभा सत्र के बारे में मिल नहीं पाई, क्योंकि सरकार की ओर से कोई भी सूचना पत्रकारों को उपलब्ध कराई नहीं गई है।

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