भाजपा की नाकामी का खामियाजा भुगत रहे किसान, डीएपी के लिए खा रहे दर-दर की ठोकरें : लाल बहादुर खोवाल

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने किसानों को डीएपी न मिलने पर जताया रोष, समुचित व्यवस्था करने की मांग की

हिसार : किसानों को डीएपी खाद न मिलने पर हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने सरकार व प्रशासन के प्रति रोष जताया है। हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि डीएपी खाद के लिए किसान कई दिनों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो किसान धरने व प्रदर्शन के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि डीएपी के लिए किसान रात को ही लाइन में लग जाते हैं लेकिन सुबह होने पर उन्हें यही जवाब मिलता है कि डीएपी उपलब्ध नहीं है।

एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि भाजपा की लचर नीतियों व अदूरदर्शिता का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। दरअसल खाद के लिए प्रताडऩा झेल रहे किसानों की हालत देखकर भाजपा के झूठे दावों की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसान हितैषी होने की बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन सच्चाई यह है कि किसान डीएपी, बिजली व खेती के लिए पर्याप्त पानी के लिए भी जूझ रहे हैं। खोवाल ने कहा कि महिलाएं भी डीएपी के लिए दस-दस घंटे लाइन में लगी रहती हैं लेकिन उन्हें खाद की जगह कोरा आश्वास्न मिलता है।

खोवाल ने कहा कि भाजपा ने हमेशा गरीब, मजदूर, किसान व पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों को प्रताडि़त करने का काम किया है। पिछले कई वर्षों से आम आदमी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, महंगाई व लचर कानून व्यवस्था के कारण आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि अब किसान बिजाई के लिए तैयार है लेकिन खाद के बिना कृषि कार्य अधर में लटके हुए हैं। एडवोकेट खोवाल ने कहा कि भाजपा हर वर्ष कहती है कि अगली बार किसानों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी लेकिन डीएपी की आपूर्ति के लिए न कोई ठोस योजना बनाई जाती है और न ही इस दिशा में कोई गंभीर कदम उठाया जाता है। इसलिए हर वर्ष किसान खाद के लिए ठोकरें खाते हुए दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि इसी भांति मंडियों में अनाज की आपूर्ति हो चुकी है लेकिन बिक्री के समुचित प्रबंध न होने से किसान अनाज मंडियों में भी परेशानी झेलने के लिए मजबूर है। इसलिए सरकार व प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए तुरंत प्रभाव से डीएपी उपलब्ध करवानी चाहिए और अनाज की खरीद के समुचित प्रबंध करने चाहिए।

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