गुरुग्राम, : हरियाणा प्रदेश के जिला रोहतक में सोमवार को विधि संकाय द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रथम मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर व कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव, विधि संकाय के अधिष्ठाता समेत अन्य गणमान्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर किया । इस अवसर पर न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर ने छात्रों को मूट कोर्ट प्रतियोगिता के बारे में बताया कि यह प्रतियोगिता न केवल कानूनी ज्ञान के विस्तार में सहायक है, बल्कि छात्रों को न्यायिक प्रक्रियाओं और अदालती व्यवहार का वास्तविक अनुभव प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट छात्रों के लिए वास्तविक न्यायिक कार्य का अनुकरण है, जो उन्हें अदालत के नियमों, नैतिकता, और प्रक्रिया की समझ विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। यह प्रतियोगिता तर्कशक्ति को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ वाद-विवाद, अनुसंधान और संप्रेषण कौशल को भी सशक्त बनाती है। न्यायमूर्ति ठाकुर ने न्याय दिलाने के लिए शब्दों के गहन ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया, और कहा कि सफलता का मार्ग उन लोगों के लिए खुला होता है जो शब्दों की महत्ता को समझते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में सफल होने के लिए कठोर परिश्रम और प्रत्येक पहलू का गहराई से अध्ययन करना आवश्यक है। उन्होंने न्याय प्रणाली की भूमिका पर कहा कि समाज में सुधार तब आता है जब न्यायिक प्रणाली मजबूत होती है। कानून की आवश्यकता तब महसूस होती है जब हमारी आत्मा में गिरावट आ जाती है, और एक सशक्त आत्मा वाला व्यक्ति ही न्याय प्रदान करने में सक्षम होता है। उन्होंने छात्रों को विधिक अनुसंधान और तर्क कौशल में दक्षता प्राप्त करने का आह्वान किया और कहा कि एक सफल वकील वही बन सकता है जो गहराई से शोध करता है और अपनी बात को स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून का क्षेत्र निरंतर अध्ययन और अनुशासन की मांग करता है, और एक वकील के लिए सत्य और न्याय के प्रति निष्ठा सर्वोपरि होनी चाहिए। वहीं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालकनाथ योगी जी ने मूट कोर्ट प्रतियोगिता के अवसर पर सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए छात्रों में गुणवत्ता और मूल्यों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा, स्वास्थ्य, और न्यायिक व्यवस्था का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। यदि ये तीनों व्यवस्थाएं मजबूत होंगी, तो समाज और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।महंत बालकनाथ योगी जी ने देश में एक सशक्त न्यायिक व्यवस्था की आवश्यकता पर विशेष बल दिया और घोषणा की कि विश्वविद्यालय में जल्द ही साइबर कोर्स शुरू किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक समय की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे न्यायिक और कानूनी क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा का महत्व समझ सकें। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के लिए न्यायिक प्रक्रियाओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का एक अनमोल अवसर है। यह प्रतियोगिता न केवल कानूनी ज्ञान को गहन बनाती है बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन, और तर्कशक्ति के विकास की दिशा में भी छात्रों को प्रेरित करती है। उन्होंने छात्रों को विधि शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, “एक सफल विधि-व्यवसायी बनने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ न्यायालय की प्रक्रियाओं का व्यावहारिक ज्ञान भी आवश्यक है।” विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच.एल. वर्मा ने कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता न केवल छात्रों की कानूनी समझ को समृद्ध करती है, बल्कि उन्हें अपने तर्क कौशल, अनुसंधान क्षमता, और संवाद शैली में सुधार का अनमोल अवसर भी देती है।डॉ. वर्मा ने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों को व्यावहारिक अनुभव से जोड़ने मंद सहायक सिद्ध होते हैं, जिससे वे केवल कक्षाओं में अध्ययन तक सीमित न रहकर अदालत की वास्तविक कार्यप्रणाली और नैतिकता को समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि एक अच्छे वकील का निर्माण केवल शैक्षणिक अध्ययन से नहीं होता, बल्कि मूट कोर्ट जैसी गतिविधियों में भागीदारी से होता है, जो उसे सच्चे अर्थों में न्याय प्रणाली का हिस्सा बनने का अवसर देती है।डॉ. वर्मा ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता के दौरान प्राप्त अनुभव न केवल उन्हें कुशल विधि-व्यवसायी बनने में सहायक होंगे, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी सुदृढ़ करेंगे, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर मनीष दलाल द्वारा लिखी गई पुस्तक “ड्राफ्टिंग, प्लीडिंग, कंवेंसिंग एंड मूट कोर्ट”,का विमोचन किया गया। सेमीफाइनल के लिए जिला गुड़गांव के सेक्टर 40 स्थित लॉ कॉलेज की टीम के स्टूडेंट अमन,मान्या शर्मा व भावना ने कड़ी मेहनत करके कई टीमों को पछाड़ते हुए अपनी जगह बनाई। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त नरेन्द्र कुमार, अतिरिक्त पुलिस कप्तान शशि शेखर, डी.ए. राजेश कुमार, डिप्टी डी.ए. अनुज दहिया, पुलिस इंस्पेक्टर बजेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह, जगबीर सिंह, और कुलदीप सिंह व एडवोकेट बिजेन्द्र सिंह राठी आदी उपस्थित थे। इसके अलावा, न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की धर्मपत्नी कविता ठाकुर भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रही, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामयी बना दिया। Post navigation विकसित भारत सम्मेलन 2024 का भव्य आयोजन …. डीसी एवं श्री माता शीतला देवी श्राईंन बोर्ड के प्रशासक अजय कुमार ने किए श्री शीतला माता के दर्शन …….