मेरा प्यार हिसार और मणिकर्णिका लगातार मदद पर

-कमलेश भारतीय

तीसरा दिन है आज सेक्टर सोलह सत्रह की झुग्गी झोपड़ियों के राख होने का और इसी राख में से फिर‌ नयी ज़िंदगी, नये सपने लताश‌‌ रहे हैं ये लोग ! आज सुबह मित्र त्रिलोक बंसल के साथ सेक्टर सोलह सत्रह के कम्युनिटी सेंटर पहुंचा, जहां अस्थायी तौर पर प्रशासन ने इन लोगों को अपने दुख भरे दिन बिताने की छांव दे रखी है । इनके लिए एक तरफ चाय बन रही है तो दूसरी तरफ कारों में भर भर कर चादरें, कंबल, बर्तन और अन्य घरेलू सामान लेकर हमारा प्यार हिसार व मणिकर्णिका के लोग पहुंच रहे हैं, जिनमें सुशील खरींटा, जितेंद्र बंसल, पूर्वी बंसल, ममता छाबड़ा, पायल, हिमांशु बंसल, दिनेश बंसल, प्रो एस के गर्ग, विजय कामयान, मंजू पूनिया, सुमन ऐरन, डॉ मूलचंद खत्री, डॉ राज वर्मा, सतेंद्र यादव व सेवा भाव से हूड्डा प्रशासक राजेश खोथ भी आ पहुंचे हैं।

मणिकर्णिका की टीम में नेहा मेहता, प्रवीण खुराना और रेज़ी शामिल हैं । सुबह की चाय, ब्रेड और बिस्कुट वितरित किये जा रहे हैं और साथ साथ जरूरत का सामान भी बांटा जा रहा है । सभी बच्चे व बड़े सेवाभाव से जुट रहे हैं । राख हुई झुग्गियों के लोगों के चेहरों से मायूसी धीरे धीरे कम हो रही है, यह देखकर कि कितने हाथ उनकी मदद को तीन दिन से लग रहे हैं। वैसे तो पहले ही दिन खबर होने पर हिसार की विधायक श्रीमती सावित्री जिंदल भी सहानुभूति जताने आ पहुंची थीं और कुछ लोग उनकी टीम में भी अपने आपको शामिल बता रहे हैं । मणिकर्णिका की टीम कम्य सेंटर से कार में दूध, चाय, ब्रेड व बिस्कुट रखकर सेक्टर सोलह सत्रह की राख हुई झुग्गियों की ओर चल पड़ती हैं, वहां मैं देखता हूँ राख में से बच्चे जैसे नये सपने देख रहे हैं, खोज रहे हैं और कुछ झुग्गियों का दोबारा निर्माण भी कर चुके हैं यानी ज़िंदगी फिर नयी अंगड़ाई ले रही है जैसे मनु और श्रद्धा ने प्रलय के बाद नयी ज़िंदगी शुरू की थी ! ये दुख भरे दिन भूल जायेंगे और नयी उम्मीदों से फिर ज़िंदगी शुरू हो जायेगी ।

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