शिक्षा सफलता की पहली सीढ़ी : भारत भूषण भारती वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में श्रीमद्भगवद्गीता सदन में 25 से 28 अक्टूबर तक चार दिनों तक चलने वाले चार दिवसीय राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस रत्नावली समारोह के तीसरे दिन पहले सत्र में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष भारत भूषण ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष रत्नावली महोत्सव का आयोजन बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ करता है। रत्नावली महोत्सव कौशल और हरियाणवी संस्कृति का मिश्रण है। उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए सबसे पहला कदम शिक्षा है। जीवन में एक शिक्षा स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से मिलती है जिसे अक्षर ज्ञान कहते हैं। दूसरी शिक्षा व्यवहारिक शिक्षा है जो कि हमें अपने माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी से मिलती है। इससे पहले विश्वविद्यालय में पहुंचने पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भारत भूषण भारती व आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान का स्वागत व अभिनंदन किया। उन्होंने ऑडिटोरियम हॉल के प्रांगण में लगे क्राफ्ट मेले का अवलोकन किया और मेले में लगे हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद चखा। सभागार में युवा कलाकारों को सम्बोधित करते हुए भारत भूषण भारती ने कहा कि विश्वविद्यालय में चल रहे रत्नावली महोत्सव युवा छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। क्राफ्ट मेले में जिस प्रकार से छात्रों ने स्टाल लगाए हैं उसे देखकर लगता है कि रत्नावली महोत्सव कौशल और संस्कृति का संगम है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता इसलिए हरियाणा में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब संकल्प लिया गया था कि युवाओं को उनकी मेहनत का फल दिया जाएगा और पूरे प्रांत में बिना भेदभाव व बिना खर्ची पर्ची के नौकरियां दी गई। आज हरियाणा प्रांत में मिशन मेरिट चल रहा है। युवा विश्वविद्यालय में अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर नौकरियां प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की भी खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि प्रो. सोमनाथ सचदेवा के कुशल मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध, खेल, संस्कृति व नवाचार के क्षेत्र में बुलन्दियों को छू रहा है और कर्मचारियों को एक ऐसा माहौल दिया जा रहा है कि जिसका परिणाम है कि अब हड़ताल शब्द सुनने को भी नहीं मिलता ।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भारत भूषण भारती व डॉ. करतार सिंह धीमान को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, प्रो. रमेश भारद्वाज, प्रो. जसबीर ढांडा, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. ज्ञान चहल, डॉ. सुशील टाया सहित शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद थे।अंतिम दिन के कार्यक्रम। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला ने बताया कि राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह के अंतिम दिन 28 अक्टूबर को ऑडिटोरियम हॉल में ग्रुप डांस हरियाणवी, ओपन एयर थियेटर में रागनी कंपटीशन प्रोफेशनल, खुले मंच पर डे पर्फाेमर प्रेजेंटेशन व सायं 3.30 बजे ऑडिटोरियम हॉल में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा। Post navigation मनुष्य अर्थ का दास है और अर्थ किसी का दास नहीं : महंत महेश मुनि हरियाणवी पगडी बांधो प्रतियोगिता में केयू कैम्पस टीम अव्वल