आंखों से निकले आंसू ……. छात्राएं भी बुजुर्गों को दादा -दादी व नाना – नानी समझ कर मिली। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 25 अक्तूबर : प्रेरणा वृद्धाश्रम में शुक्रवार को नजारा देखने लायक था। वृद्धाश्रम में स्कूली छात्राएं शैक्षणिक, संस्कृति एवं संस्कार कार्यक्रम के अंतर्गत पहुंची थी। यह गीता कन्या वरिष्ठ विद्यालय की छात्राएं अपनी अध्यापिकाओं अंजू बंसल मंजू एवं मोनिका के साथ प्रेरणा वृद्धाश्रम में आई थी। छात्राओं का बुजुर्गों से मिलने का क्षण बहुत ही भावनात्मक था। जब छात्राएं बुजुर्ग माताओं से मिली तो उनकी आंखों में आंसू देख कर हर कोई द्रवित हो उठा। वृद्धाश्रम के बुजुर्गों से छात्राएं लिपटकर ऐसे मिली मानो उनकी पोतियां अथवा दोहतियाँ मिलने आई हों। बुजुर्गों ने भी बच्चों से अपनी भावनाएं सांझी की और बुजुर्ग माताओं ने उन बच्चों को अपने बच्चे समझ कर लाड लडाया। बुजुर्ग माता सुरक्षा अग्रवाल ने कहा कि कल जो हमने बच्चों के लिए अहोई अष्टमी व्रत रखा था, लगता है प्रभु ने वह हमारा व्रत स्वीकार कर लिया और हमारे पास इतने बड़ी संख्या में बच्चे मिलने आ पहुंचे हैं। इसी के साथ छात्राओं के साथ आई अध्यापिकाओं ने भी कहा कि हमारे स्कूल के बच्चे जब भी इस वृद्धाश्रम में आते हैं वे बहुत सी बातें सीख कर जाते हैं। इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि अगर वृद्धाश्रम में पहुंचे बच्चे यह शिक्षा लेकर यहां से जाएं कि हमें अपने जीवन में अपने बुजुर्गों को सदा ही अपने साथ रखना है तो इन का यहां पर आना और बुजुर्गों से मिलना सार्थक हो जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों से प्रतिज्ञा करवाई कि हम अपने गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने के बाद कभी भी अपने सास ससुर को या किसी घर के बुजुर्ग को तिरस्कार करके घर से बाहर नहीं भेजेंगे। सभी बच्चों ने खुशी-खुशी यह प्रतिज्ञा की। साथ ही कहा कि हम सच्चे मन से यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम कभी भी अपने सास ससुर, दादा दादी या नाना नानी को इस तरह लावारिस नहीं छोड़ेंगे कि उन्हें किसी वृद्धाश्रम का सहारा लेना पड़े। इस मौके पर प्रेरणा की अध्यक्षा रेणु खुंगर, आशा सिंगला, शिल्पा सिंगला, आराध्या, आश्वी सिंगला, शकुंतला, सीता, बलविंदर कौर, क्षमा मल्होत्रा, उषा सच्चर, चरणजीत कौर, सुरक्षा, अश्विनी अग्रवाल, पंकज मेहता, विजय अग्रवाल, मंगत सिंह, बलदाऊ बी. श्रीवास्तव, चंद्रकांत डी. ठक्कर, जोगिंदर, कश्मीरी लाल जैन व नन्द लाल गुप्ता इत्यादि मौजूद रहे। Post navigation लोक सांस्कृतिक परम्पराओं को समृद्ध कर रहा है रत्नावली महाकुंभ शिक्षा, चिकित्सा व सुरक्षा हरियाणा सरकार का मूल आधार : कृष्ण बेदी