मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म व हत्या की वारदात को दिया था अंजाम 

पीडि़त पक्ष को 10 लाख रुपए का मिलेगा मुआवजा

गुडग़ांव, 25 अक्टूबर, (अशोक) : धार्मिक आयोजनों में आयोजित होने वाले भण्डारों में जाने वाली बच्चियों का अपहरण व उनके साथ दुष्कर्म तथा उनकी हत्या करने के मामले में आरोपित साईको किलर सुनील की सजा पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने सुनवाई करते हुए वर्ष 2017 में सिविल लाइंस क्षेत्र में 6 साल की बच्ची के अपहरण के बाद बच्ची के साथ दुष्कर्म व उसकी हत्या कर देने के मामले में उम्रकैद व अढ़ाई लाख रुपए जुर्माने की सजा शुक्रवार को सुना दी है और साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आग्रह किया है कि पीडि़त पक्ष को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।

बच्चियों के मामलों की निशुल्क पैरवी करने वाली सामाजिक संस्था फरिश्ते गु्रप की मुख्य सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी, वरिष्ठ अधिवक्ता कुलभूषण भारद्वाज व चेयरमैन पंकज वर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश मूल के एक व्यक्ति ने सिविल लाइंस पुलिस थाना में 6 जनवरी 2017 को शिकायत दर्ज कराई थी कि वह सैक्टर 15 पार्ट 2 क्षेत्र में अपने परिवार केे साथ रहता है और रिक्शा चलाता है तथा उसकी पत्नी कोठी में घरेलू सहायक का काम करती है। वेे अपनी दोनों बच्चियों को अपनी मां केे पास छोडक़र काम पर चले गए थे। सिविल लाइंस क्षेत्र मेें पीर बाबा की मजार पर भण्डारे का आयोजन चल रहा था। उसकी 6 वर्षीया मासूम पुत्री अपनी दादी को कहकर भण्डारे में प्रसाद लेने के लिए चली गई। काफी देर तक नहीं आई तो उसको तलाश किया गया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने भादंस की धारा 346 के तहत मामला दर्ज कर मासूम की तलाश शुरु कर दी थी।

अधिवक्ताओं का कहना है कि 25 जनवरी 2017 को गुमशुदा मासूम का शव राजीव चौक स्थित द्रोण पार्क में बने पानी के हौद में पड़ा मिला था। जिसकी पहचान मासूम के माता-पिता ने की थी। पुलिस ने दर्ज की शिकायत मेें भादंस की धारा 302, 201 व पॉक्सो एक्ट 6 भी जोड़ दी थी। मासूम के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि भी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने एसआईटी का गठन भी किया था। एसआईटी ने भागदौैड़ कर उत्तरप्रदेश मूल के आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी इससे पूर्व भी कई बच्चियों का अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म व उनकी हत्या को अंजाम दे चुका था। इन मामलों की उसने पुष्टि भी की थी।

अधिवक्ताओं का कहना है कि मामला अदालत में चला। मासूम को न्याय दिलाने के लिए अदालत में पुख्ता सबूत व गवाह भी पेश किए गए। जिनसेे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना पातेे हुए अदालत ने गत सप्ताह आरोपी को दोषी करार देतेे हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जो अदालत ने शुक्रवार को सुना दिया है। एक अन्य मामले में इस आरोपी को अदालत फांसी की सजा भी सुना चुकी है औैर कुछ मामले अभी लंबित हैं। संस्था के अधिवक्ताओं का कहना है कि भविष्य में भी बच्चों के प्रति अपराध करने वाले ऐसे दरिंदों के खिलाफ मामलों में संस्था पीडि़त परिवारों की निशुल्क पैरवी अदालत में कर उनको न्याय दिलाएगी।

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