रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी बेहद करीबी रहे हैं और उनके कार्यकाल में भी वह अहम पद पर तैनात रहे हैं।

चंडीगढ़. हरियाणा में नायब सैनी सरकार ने कार्यभार संभाल लिया है. ऐसे में सरकार भी एक्शन में दिख रही है, हालांकि, अपने एक फैसले को लेकर नायब सैनी सरकार दुविधा में दिखी और फिर यूटर्न ले लिया । अंत में अपने फैसले में संशोधन करते हुए उसे लागू कर दिया।

दरअसल, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री नायब सैनी का चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया था, लेकिन आदेश जारी होने के बाद वापस ले लिए गए । 18 अक्तूबर को ये जारी हुए थे लेकिन उसी दिन 4 घंटे बाद ही आदेशों को होल्ड कर दिया गया था। तब जारी किए गए आदेशों में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर कैबिनेट मंत्री का दर्जा और सुविधाएं भी दी गई थी, लेकिन अब कैबिनेट मंत्री का दर्जा हटाकर नए आदेश जारी किए गए हैं । बता दें कि  रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नायब सैनी के पहले कार्यकाल में भी चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी रह चुके है।

बताया जा रहा है कि सीएम नायब सैनी सोमवार को दिल्ली दौरे पर गए थे और उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी रहे बिप्लब कुमार देब से मीटिंग की और अधिकारियों की नियुक्तियों और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की । देर शाम जैसे ही वह चंडीगढ़ लौटे तो खुल्लर की नियुक्ति के आदेश जारी हुए ।

बता दें कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार किसी ब्यूरोक्रेट को कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया गया था । लेकिन बाद में विरोध के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया है । ऐसे में नायब सैनी सरकार इस फैसले को लेकर दुविधा में नजर आई । बता दें राजेश खुल्लर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी बेहद करीबी रहे हैं ।

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