महंत सर्वेश्वरी गिरि ने बताई गुरु की महिमा वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र, 20 अक्तूबर : अंतर्राष्ट्रीय भागवताचार्य एवं श्री गोविंदानंद आश्रम की महंत सर्वेश्वरी गिरि ने आज सत्संग के अवसर पर कहा कि गुरु को ही साक्षात परब्रह्म कहा जाता है तथा गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समकक्ष माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज चाहे हम सुविधाओं से युक्त आधुनिक समाज में है लेकिन समझना होगा कि गुरु ही शिष्य को गढ़ते हैं, उनका पालन- पोषण करते हैं और उनके दुर्गुणों का नाश करते हैं। गुरु ही अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। महंत सर्वेश्वरी गिरि ने कहा सच्चा गुरु किसी वस्तु, द्रव्य, धन, की आस नही रखता है। उसका काम लेना नहीं वरन देना ही होता है। गुरुजनों के मार्गदर्शन में ही विश्व की महान विभूतियों ने आकार लिया है। गुरुजनों के त्याग, तपस्या व ज्ञान के आलोक में ही सभ्यता और संस्कृतियों का उन्नयन हुआ। गुरु, रक्षक, सृजक और पथ प्रदर्शक हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। Post navigation कुवि की हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिकाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा रत्नावली महोत्सव में दिखेगी स्वदेशी स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भर भारत की झलक : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा