कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलीं, पिता मोदी सरकार में मंत्री, कौन है कैबिनेट मंत्री आरती राव?

इनमें से एक हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आईं

भारत सारथी कौशिक 

नारनौल। हरियाणा की नई कैबिनेट में इस बार 2 महिला मंत्रियों को जगह मिली है। नई कैबिनेट में श्रुति चौधरी और आरती राव को शामिल किया गया है। श्रुति चौधरी तोशाम विधानसभा सीट पर कमल खिलाकर हरियाणा विधानसभा पहुंची हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल की विरासत को संभालने वाली 48 वर्षीय श्रुति चौधरी पूर्व में एक बार सांसद भी रह चुकी हैं। वहीं, आरती राव केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव की बेटी हैं। अहम बात है कि दोनों के दादा हरियाणा के सीएम रह चुके हैं। श्रुति के दादा बंसी लाल थे और आरती के दादा राव बीरेंद्र सिंह। दोनों ही अलग अलग मौकों पर सीएम रहे हैं। दोनों का जिला महेंद्रगढ़ से नाता है। श्रुति चौधरी का भिवानी महेंद्रगढ़ सांसद के रूप में जिला महेंद्रगढ़ से नाता रह चुका है, वही आरती राव जिले की अटेली विधानसभा सीट से चुनीं गई है। जानते हैं इन दोनों महिला मंत्रियों के बारे में-

कौन हैं श्रुति चौधरी?

हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के परिवार से आने वालीं किरण चौधरी उपचुनाव समेत चार बार तोशाम से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं। अब उनकी जगह उनकी बेटी श्रुति चौधरी विधानसभा पहुंची हैं। श्रुति चौधरी पहले एक बार सांसद रह चुकी हैं। वह कांग्रेस की टिकट पर 2009 में लोकसभा चुनाव जीती थीं। उनकी शादी अरूनाब चौधरी से हुई है। श्रुति चौधरी ने डीयू के दयाल सिंह कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई करने के बाद आगरा की बी आर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की है।

मां को राज्यसभा भेजा, बेटी को मिला मंत्री पद

श्रुति चौधरी के कंधों पर अपने दादा बंसीलाल की विरासत की जिम्मेदारी है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से नाराजगी बढ़ने के बाद मां किरण चौधरी के साथ श्रुति चौधरी भाजपा में शामिल हुईं थी। इसके बाद भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया और श्रुति को विधानसभा का टिकट दे दिया था।

कितने वोटों के अंतर से जीता चुनाव?

* जाट रीजन से हैं, तोशाम से जीत दर्ज की है। किरण चौधरी की बेटी हैं।

* 2009 में कांग्रेस की टिकट पर भिवानी महेंद्रगढ़ से सांसद बनीं।

* एलएलबी की पढ़ाई की है, मां के साथ ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की।

* तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा असर रहा है।

* तोशाम विधानसभा सीट पर श्रुति चौधरी ने 14257 वोटों से जीत हासिल की।

* श्रुति चौधरी को कुल 76414 वोट मिले। वहीं कांग्रेस अनिरुद्ध चौधरी को 62157 वोट मिले हैं।

कौन हैं आरती राव सिंह?

अटेली विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाली आरती राव 6 बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत राव की 45 वर्षीय बेटी है। आरती का यह पहला चुनाव था लेकिन, पहले ही चुनाव में आरती राव ने जीत का डंका बजा दिया। यहां राजनीतिक विरासत और जातिगत समीकरण चुनाव के बीच चुनाव होने की बात सामने आ रही थी, जिसमें आरती राव ने बाजी मार ली। इंद्रजीत राव इस क्षेत्र से बड़े अहीर नेता माने जाते हैं।

निशानेबाज रही हैं आरती

* आरती सिंह राव ओबीसी के यादव समाज से आती हैं। अटेली सीट से चुनाव जीती हैं।

* राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं और महिला निशानेबाज रही हैं।

* आरती सिंह राव 3085 वोटों से चुनाव जीती हैं।

कैबिनेट मंत्री श्रीमती आरती सिंह राव ने अटेली से पहली बार चुनाव लड़ा और जीता है। उनके पिता राव इंद्रजीत सिंह केंद्र में भाजपा सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री हैं और गुरुग्राम से सांसद हैं। आरती राव नेशनल शूटिंग खिलाड़ी भी रही हैं।

आरती सिंह राव की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के प्रसिद्ध लॉरेंस सनावर स्कूल से हुई है। यहां से पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली से इंग्लिश ऑनर्स की थी। वह 1997 से लेकर 2018 तक भारतीय शूटिंग टीम का हिस्सा रही हैं।

साथ ही वह शूटिंग में नेशनल चैंपियन रही हैं और तीन बार सिल्वर मेडल भी जीता था। इस दौरान आरती ने नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया था। आरती राव कॉमनवेस्ट गेम्स 2006 और 2014 में भारतीय टीम का हिस्सा थीं। इसके अलावा। उन्होंने 2002, 2006 और 2010 की एशियंस गेम्स में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल भी जीता है।

बता दें कि आरती राव के पिता राव इंद्रजीत सिंह कभी कांग्रेस में हुआ करते थे। लेकिन 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था और फिर भाजपा में चले गए थे। भाजपा ने उन्हें केंद्र सरकार में बीते दो बार मंत्री बनाया है। पिता ने ही बेटी को जहां टिकट दिलवाया। वहीं, अब उन्हीं की वजह से उन्हें कैबिनेट में भी जगह मिली है। शुक्रवार को आरती राव ने चंडीगढ़ में राज्यसचिवालय में कैबिनेट मंत्री का पदभार ग्रहण किया और उन्हें आठवें फ्लोर पर 45 नंबर कमरा मिला है। फिलहाल, कैबिनेट मंत्रियों को सीएम नायब सैनी की तरफ से विभाग नहीं बांटे गए हैं।

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