नई सरकार में कौन-कौन बनेंगे मंत्री? इन दलित, जाट और ब्राह्मण चेहरों पर हो रही चर्चा

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा की जीत से उत्साहित बीजेपी अब नई सरकार के गठन को लेकर फोकस कर चुकी है। गुरुवार को भाजपा की नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक होने जा रही है। बैठक में सभी 48 विधायकों को बुलाया गया है। जिसमें नई सरकार के गठन को मंजूरी मिल सकती है। लेकिन अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है। बहरहाल इस बात पर अंदरखाते चर्चा हो रही है कि किस जाति से कितने और कौन-कौन से विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है? बताया जा रहा है कि सीएम नायब सिंह सैनी ही रहेंगे। पार्टी ने उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सैनी की एक दिन पहले पीएम मोदी से भेंट हुई है। नई सरकार में 14 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।

भाजपा को हरियाणा में मिली अप्रत्याशित जीत ने कई नेताओं की लॉटरी लगा दी है। इनमें पहला नंबर तो सीएम नायब सिंह सैनी का ही है। उन्हें भाजपा ने 6 महीने पहले ही सीएम बनाया था और सियासी हलकों में उन्हें बलि का बकरा बताया जा रहा था। 10 साल की ऐंटी इनकम्बैंसी में हार के चर्चे थे और कहा जा रहा था कि खट्टर तो केंद्रीय मंत्री बन गए, लेकिन नायब सिंह सैनी पर हार का ठीकरा फूटेगा। अब जब भाजपा जीती है तो 6 महीने के सीएम बने नायब सिंह सैनी के लिए अब पूरे 5 साल के कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है। 

मंत्रियों के नामों पर फिलहाल मंथन चल रहा है। इस बार भाजपा के सिर्फ दो ही मंत्री महिपाल ढांडा और मूलचंद शर्मा ही जीतकर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि कैबिनेट में इस बार 11 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल मंत्रिमंडल गठन में रखा जाएगा। भाजपा को दलित समुदाय के अच्छे वोट मिले हैं। 17 रिजर्व सीटों में से बीजेपी ने 9 पर जीत दर्ज की है।

इस बार 8 पंजाबी विधायक जीते

इस बार पंजाबी समुदाय से 8, यादव व जाट समुदाय से 6-6 और ब्राह्मण समुदाय से 7 विधायक जीतकर आए हैं। गुर्जर, राजपूत, वैश्य और ओबीसी समुदाय के 1-1 विधायक ने जीत हासिल की है। दलित विधायकों की बात करें तो कृष्णलाल पंवार छठी बार जीतकर पहुंचे हैं। वहीं, कृष्ण बेदी को दूसरी बार जीत हासिल हुई है। दोनों के नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। वहीं, पंजाबी वर्ग से अनिल विज सातवीं बार जीतकर आए हैं। वे पहले गृह मंत्री रह चुके हैं। हांसी से विनोद भयाना और यमुनानगर से घनश्याम दास अरोड़ा की चर्चा है।

इसके अलावा भाजपा को 11 में से 10 सीटें देने वाले अहीरवाल बेल्ट के नेताओं की भी बांछें खिल सकती हैं। अटेली विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव चुनाव जीती हैं। ऐसे में वह चाहते हैं कि आरती राव को मंत्री पद मिल जाए। राव इंद्रजीत सिंह तो सीएम पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं, जो मुश्किल लगती है। लेकिन उनकी बेटी को जरूर मंत्री पद मिल सकता है। राव इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि अहीरवाल बेल्ट मंत्री परिषद में बड़ी हिस्सेदारी चाहता है। राव इंद्रजीत का कहना है, ‘तीन बार यहां को लोगों ने भाजपा पर भरोसा जताया है। अब हम चाहते हैं कि मंत्री परिषद में अच्छा प्रतिनिधित्व मिले। इसके साथ ही एक पावरफुल मंत्री भी हो। राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव पहली बार अटेली से जीतकर पहुंची हैं। दूसरी बार लक्ष्मण यादव भी जीतकर आए हैं। दोनों के नाम चर्चा में हैं। तीसरी बार नारनौल से पूर्व मंत्री ओम प्रकाश यादव भी जीत कर आए हैं।

‘हरियाणा में गैर-जाट वोट से बनी बात, महाराष्ट्र-झारखंड में भी रणनीति दोहराएगी भाजपा हरियाणा में कितने दलित-ब्राह्मण होंगे मंत्री, जातिवार कौन-कौन नाम रेस में आगे नतीजों के बाद उनके रेवाड़ी स्थित रामपुरा हाउस में जोरदार जश्न देखने को मिला था। राव इंद्रजीत सिंह की बेटी ने 3085 वोटों से जीत पाई। इसके अलावा 9 अन्य उम्मीदवारों ने भी जीत पाई, जिन्हें राव इंद्रजीत की सिफारिश पर टिकट मिला था। यही नहीं हरियाणा की सबसे बड़ी असेंबली सीट कहे जाने वाले बादशाहपुर से जीत राव नरबीर सिंह चाहते हैं कि डिप्टी सीएम का पद मिल जाए। वह अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। चुनाव के बाद उनकी हाईकमान से दिल्ली में मुलाकात भी हुई है। यही नहीं मीडिया से नरबीर ने कहा कि यह जीत उत्साहित करने वाली है। मैं किसी भी रोल के लिए तैयार हूं, लेकिन उम्मीद है कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी। उसके तहत मैं लोगों की सेवा करूंगा।

अमित शाह ने कहा था- बड़े आदमी होंगे राव नरबीर

दरअसल नरबीर सिंह को टिकट मिलना भी मुश्किल था। कहा जाता है कि अमित शाह के दखल के बाद ही उन्हें टिकट मिला था। अमित शाह ने उनके लिए कैंपेन भी किया था और कहा था कि यदि वह जीते तो बड़े आदमी बनेंगे। अब 60 हजार वोटों से जीतने के बाद राव नरबीर सिंह का दावा भी मजबूत हो गया है। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राव नरबीर के दावे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यदि वह डिप्टी सीएम नहीं बने तो भी उन्हें कैबिनेट में कोई बड़ा पद मिल सकता है। अहीरवाल इलाके में भाजपा के 6 विधायक जीते हैं। यहां भाजपा को अच्छे वोट मिले हैं। बादशाहपुर से छठी बार जीते राव नरबीर को मंत्री बनाया जा सकता है। वे 2014 में भी मंत्री रह चुके हैं।  जाट समुदाय से महिपाल ढांडा दूसरी बार पानीपत ग्रामीण सीट से जीतकर आए हैं। वे पहले मंत्री थे। माना जा रहा है कि उनका मंत्री पद बरकरार रहेगा।

अरोड़ा का नाम लिस्ट से कट सकता है, क्योंकि वे मूल रूप से अंबाला जिले से आते हैं। वहां से विज की दावेदारी पहले से है। बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। वे ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक अरविंद शर्मा भी ब्राह्मण समुदाय से दावेदार हैं। वे दो बार सांसद भी रह चुके हैं। इस बार गोहाना से जीतकर आए हैं। सफीदों से जीते रामकुमार गौतम भी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। पिछली बार जेजेपी से मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे। सफीदों से भाजपा को पहली बार उन्होंने जीत दिलाई है।

जाट समुदाय से गहलावत का नाम तय

राई से दूसरी बार विधानसभा पहुंचीं कृष्णा गहलावत का नाम भी चर्चाओं में है। तोशाम सीट से जीतकर आईं किरण चौधरी की बेटी श्रुति पर भी भाजपा दांव खेल सकती है। वैश्य समुदाय से विपुल गोयल मंत्री बन सकते हैं। वे पहले भी मंत्री रह चुके हैं। वहीं, हिसार से निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल बीजेपी को समर्थन दे चुकी हैं। उनको भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। राजपूत समुदाय से श्याम सिंह राणा और तीसरी बार जीतकर आए हरविंदर कल्याण का नाम आगे है। रणबीर गंगवा ओबीसी कोटे से मंत्री बन सकते हैं। पिछली सरकार में उनको डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। तिगांव से दूसरी बार विधायक बने राजेश नागर को गुर्जर चेहरे के तौर पर सैनी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। 

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