भाजपा का आखिरी दांव फेल, सट्टा बाजार में कांग्रेस को 60 सीटें

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार खत्म होने तक राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त भिड़ंत देखने को मिली। कहीं नेता टिकट न मिलने के कारण पार्टी छोड़कर विरोधी दल में जाते दिखाई दिए, वहीं कुछ नेता घर वापसी करते भी नजर आए। अब सभी को 5 अक्टूबर से ज्यादा 8 अक्टूबर का इंतजार है। क्योंकि नतीजे 8 को ही आयेंगे। हरियाणा का जो मूड नजर आ रहा है, उसके हिसाब से शनिवार 5 अक्टूबर को सत्ता परिवर्तन की एक रस्म अदायगी की जानी है। 

कई नेता ऐसे भी रहे, जिन्होंने टिकट न मिलने के कारण किसी दल में जाने की बजाए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इन नेताओं ने भले ही अपनी सहुलियत के हिसाब से अपना दांव बदल लिया है, लेकिन सट्टा किंग ने अपनी चाल नहीं बदली है।

मतलब यह है कि सट्टा किंग ने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद जो दांव लगाया था, चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद भी उसमें बदलाव नहीं किया है। चलिये बताते हैं कि सट्टा बाजार ने किस दल को एक तरहा से विजेता घोषित कर दिया है, जिससे किन-किन दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ना लाजमी है।

फलोदी सट्टा बाजार ने इस दल पर खेला दांव

फलोदी सट्टा बाजार ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आकलन जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस सरकार बना लेगी। कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी या फिर गठबंधन करके, यह आगे बताएंगे, लेकिन इससे पहले बताते हैं कि सट्टा बाजार ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान होने के बाद किस दल पर कितना भरोसा जताया था।

कांग्रेस-आप गठबंधन पर जताया था भरोसा

सट्टा बाजार को आकलन था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन हो सकता है। ऐसा होने पर इस गठबंधन को 50 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। लेकिन, आप और कांग्रेस में गठबंधन नहीं हुआ। इस कारण सट्टा किंग दांव को लेकर मंथन करता रहा। अब चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है, लिहाजा सट्टा बाजार ने भी पत्ते खोल दिए हैं। 

लेकिन इतने खुले चुनाव के बावजूद हरियाणा भाजपा के नेताओं को अपने केंद्रीय नेतृत्व मोदी-अमित शाह से बहुत उम्मीदें हैं कि वे ही भाजपा को हरियाणा में सत्ता में तीसरी बार ला सकते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसे मोदी बनाम राहुल की लड़ाई नहीं बनाना चाहता है। अभी तक हुए तमाम विधानसभा चुनाव और इस साल के लोकसभा चुनाव में फालौदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणियां सटीक रही हैं। हालांकि सट्टा बाजार एक गलत चीज है, जिसे मान्यता नहीं दी जा सकती लेकिन तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की लोकप्रियता नापने का पैमाना सट्टा बाजार बन गया है।”

भाजपा को 24 से 26 सीटें मिल सकती हैंः फालौदी सट्टा बाजार

सट्टा बाजार भविष्यवाणी कर रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहेगा। 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 56 से 58 सीटें मिलने का अनुमान है। जिससे कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में होगी। दूसरी ओर, भाजपा का प्रदर्शन और खराब होने की आशंका है, फलौदी सट्टा बाजार का अनुमान है कि सत्तारूढ़ पार्टी आगामी चुनावों में 24 से 26 सीटें हासिल करेगी। राजस्थान के अन्य सट्टा बाजार कांग्रेस को तो 60 सीटें दे रहे हैं, जबकि वे भाजपा को अधिकतम 20 सीटें दे रहे हैं। हालांकि सट्टा बाजार के पास कोई मशीन या तकनीक नहीं है, जिसके आधार पर वो सही अनुमान बता सके।

हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 40 सीटें जीती थीं और वो बहुमत नहीं पा सकी थी। सरकार बनाने के लिए उसे 6 सीटें और चाहिए थीं। उसने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से हाथ मिला लिया और उसके 10 विधायकों को साथ लेकर सरकार बना ली। फिर से मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया गया। लेकिन हरियाणा की जनता भाजपा के इस कदम से नाराज हो गई। इसी बीच किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के आंदोलन ने भाजपा के लिए माहौल बिगाड़ दिया। चुनाव से 6 महीने पहले खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया गया। इसके बावजूद सरकार विरोधी लहर थमी नहीं।

हालांकि फालौदी समेत सभी सट्टा बाजार शुरुआत में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला बता रहे थे। उसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुछ आगे है, लेकिन मुकाबला आसान नहीं है। इस बीच गोदी मीडिया ने हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा के नैरेटिव को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन तमाम स्वतंत्र यूट्यब चैनलों और सोशल मीडिया ने गोदी मीडिया के नैरेटिव को ध्वस्त कर दिया। धीरे-धीरे हरियाणा का चुनाव गोदी मीडिया से हटने लगा या फिर बहुत कम कवरेज होने लगी। अभी हाल ही में पूर्व सैफालोजिस्ट और अब एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने जब हरियाणा के चुनाव के बारे में 2 अक्टूबर को अपना अनुमान बताया तो फालौदी सहित सारे सट्टा बाजार पलट गये। तबाही मच गई। उन्होंने भाजपा की हार और कांग्रेस की सरकार बनने की भविष्यवाणी शुरू कर दी। 

फलोदी सट्टा बाजार ने कांग्रेस को 55 से 58 के बीच सीटें आने का अनुमान जताया है। वहीं बीजेपी के लिए 24 से 26 सीटें मिलने का अनुमान है। बहरहाल, सट्टा बाजार का यह आंकलन कितना सटीक बैठता है, यह 8 अक्टूबर को आने वाले नतीजों के बाद ही पता चल सकेगा।

सट्टा बाजार का अनुमान शत प्रतिशत ठीक नहीं होता

यह खबर पढ़कर कांग्रेस समर्थकों के चेहरे का खिलना लाजमी है, लेकिन बताते चलें कि सट्टा किंग की भविष्यवाणी शत प्रतिशत सच नहीं होती है। कारण यह है कि सट्टा बाजार मुनाफा कमाने के लिए ऐसी खबरें फैला देता है, ताकि ज्यादा लोग उसके अनुरूप दांव खेल सके और विपरीत रिजल्ट आने पर सट्टा कारोबारियों को मोटा मुनाफा मिल जाए।

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन, जेजेपी-एएसपी गठबंधन और अकेले चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषकर इनेलो-बसपा गठबंधन किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। लिहाजा यह कहना कि बीजेपी या कांग्रेस में से किसी को बहुमत स्पष्ट मिल सकता है, यह एग्जिट पोल के बाद ही अनुमान लगाया जा सकता है।

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