मेरे लिए कोई धर्म संकट नहीं, एक बहू के धर्म का पालन कर रही हूँ : शालू जिंदल

-कमलेश भारतीय

हिसार : मेरे लिए कोई धर्म संकट नहीं है श्रीमती सावित्री जिंदल के लिए चुनाव प्रचार करना ! मैं अपना धर्म ही निभा रही हूँ, जो एक बहू के नाते निभाना चाहिए ! मैं जिंदल परिवार की बहू हूँ और सारा हिसार हमारा परिवार है । यह कहना है भाजपा के कुरूक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल की धर्मपत्नी श्रीमती शालू जिंदल का। वे आज हमारे आवास पर थीं, एक बहन के नाते और इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेविका श्रीमती पंकज संधीर व पूर्व पार्षद शोभा नेहरू भी मौजूद रहीं ।

-सावित्री जिंदल के मन में क्या है?
-वे हिसार को परिवार मानती हैं और समाजसेवा के नाते जुड़ी हैं । सबके बीच रहना चाहती हैं । वे बाबूजी यानी ओमप्रकाश जिंदल के अधूरे सपनों को पूरा करना चाहती हैं । पूरे पांच साल वे हिसार के परिवार के लिए उपलब्ध रहेंगीं ।

-आप एक प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं, क्या आपकी इच्छा भी राजनीति में आने की है या कभी राजनीति में आ सकती हैं?
-नहीं। मैं कुच्चीपुड़ी नृत्यांगना हूँ और जिंदल फाउंडेशन की चेयरपर्सन हूँ, जिसके माध्यम से समाजसेवा करने का प्रयास करती हूँ । यह फाउंडेशन छत्तीसगढ़, ओड़िसा व झारखंड में काम कर रही है और अब कुरूक्षेत्र में भी नवीन फाउंडेशन बना कर वहां युवाओं को रोज़गार का प्रशिक्षण देने का केंद्र शुरू किया गया है, जिससे डंकी समस्या से इनको निजात दिलाई जा सके ।

-इसके लिए क्या क्या कर रही हैं आप?
-अभी मैं पेरिस जाकर आई हूँ, जहां व्यावसायिक प्रशिक्षण के कोर्स देखे और हम बीस व्यावसायिक प्रशिक्षण आरम्भ कर रहे हैं ।
-कितने बच्चे हैं आपके?
-दो। बेटा वेंकटेश जो व्यवसाय में अपने दादाजी पर गया है और हमें भी नये नये आइडियाज देता है । बेटी यशस्विनी जो मेरी तरह नृत्यांगना भी है ।

-आपका सपना या कहिये लक्ष्य क्या?
-भगवान् ने जो जीवन दिया है वह बहुत सार्थक ढंग से जी सकूं। जो समाज ने मुझे जो दिया है, उसे अच्छे से लौटा सकूं!

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