निगम तो बना दिया लेकिन  न शहर और नहीं गांव की छोड़ी पहचान

विख्यात औद्योगिक क्षेत्र लेकिन इसी क्षेत्र  के युवक बेरोजगार

फतह सिंह उजाला 

मानेसर । जिस प्रकार से साइबर सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम की अपनी ही एक अलग छाप प्रदेश और विदेश में है । ठीक उसी प्रकार से गुरुग्राम जिला में ही पटौदी विधानसभा क्षेत्र के मानेसर इलाके की पहचान भी यहां के औद्योगिक और उद्योगों के कारण देश और दुनिया में बनी हुई । भाजपा की डबल इंजन सरकार के दूसरे कार्यकाल में मानेसर को हरियाणा का 11वां और जिला गुरुग्राम का दूसरा नगर निगम का मेडल दे दिया गया । इसके साथ ही मानेसर को सब डिवीजन बना दिया गया। मानेसर नगर निगम और इसको सबडिवीजन बनाने की होड़ कहे या दौड़ कहे ? इसमें मानेसर की ने तो शहर की पहचान बची और नहीं गांव की पहचान छोड़ी गई । 2 वर्ष से अधिक समय से नगर निगम की अपनी शहरी सरकार के चुनाव नहीं होने से एक प्रकार से विकास के कार्य सिस्टम के सिस्टम में ही उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं।

कई बार मांग उठी, पंचायत हुई, धरना भी दिया गया कि मानेसर निगम को रद्द कर यहां की देहात की पुरानी पहचान को जिंदा रखने के लिए ग्रामीण इलाका ही रहने दिया जाए। पंचायत के खजाने नगर निगम सिस्टम के पास ट्रांसफर हो गए। विकास की योजनाएं बनी ,लेकिन उससे कहीं अधिक समस्याएं जगह-जगह फैली हुई चुनौतियां बनती चली गई। डबल इंजन सरकार के दूसरे कार्यकाल का हाल देखने के बाद 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के द्वारा किए गए वादे और संकल्प को लेकर जब हरियाणा प्रदेश कांग्रेस एससी सेल की प्रदेश महासचिव और कांग्रेस प्रत्याशी एडवोकेट श्रीमती पर्ल चौधरी मानेसर क्षेत्र के देहात में अपने लिए समर्थन मांगने से पहले समस्याओं और लोगों का दर्द समझने के लिए पहुंची। तो पर्ल चौधरी को अपने बीच पहुंचा देखकर पूरा का पूरा मानेसर क्षेत्र ही दिल खोलकर मुस्कुराता हुआ दिखाई दिया । सुबह से लेकर देर रात तक एक गांव से दूसरे गांव लोगों के बीच पहुंचने समस्याओं को समझने और जानने का सिलसिला चलता रहा। बदलाव की बयार को महसूस करते हुए 36 बिरादरी के लोगों ने अपने बीच एक नया विकल्प देखकर अपने ही अंदाज में अभिनंदन करते हुए पर्ल चौधरी को जीतने का संकल्प भी कर डाला।

उबड़ खाबड़ रास्तों, संकरी गलियों में भरे गंदे पानी, ओवरफ्लो सीवर, जगह कूड़े कचरे के ढेर, पीने के पानी का टोटा जैसी और भी समस्याएं जिज्ञासा बन गई,  अपना समाधान मांग रही है या फिर अपने ही अंदाज में कांग्रेस के उम्मीदवार का अभिनंदन कर रही है । इस बात से इनकार नहीं की इसी प्रकार का अनुभव पिछले 5 वर्ष में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधि के लिए भी रहा होगा । जहां-जहां भी सभा का आयोजन था, वहां पर महिलाओं के द्वारा मुख्य रूप से एक जैसी ही समस्याएं बताई गई । कहीं पर ऊपर चौबारे से फूल बरसाए गए तो कहीं पगड़ी पहनाई गई तो कहीं पर लड्डुओं से तोलकर  मानेसर ने एक प्रकार से अपना फैसला 8 अक्टूबर से पहले ही घोषित कर दिया है।

कांग्रेसी पर्ल चौधरी ने कहा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही वादा कर चुके हैं मानेसर में मेट्रो कांग्रेस की सरकार बनने पर अवश्य पहुंचेगी। इसी प्रकार से यहां के पढ़े-लिखे टेक्निकल ट्रेड युवाओं को मानेसर क्षेत्र के ही उद्योगों में रोजगार के लिए कोई ना कोई ठोस नीति अवश्य बनाई जाएगी । सबसे बड़ा दुख यही है कि 2 वर्ष से अधिक हो गए , मानेसर की अपनी शहरी सरकार नहीं होने के कारण यहां विकास के कार्य एक प्रकार से सरकारी सिस्टम के सिस्टम में उलझे हुए दिखाई दे रहे हैं । जब स्थानीय जनप्रतिनिधि और मेयर जनता के द्वारा चुन लिए जाएंगे , इसके बाद जनता की जरूरत और मांग के मुताबिक विकास कार्य के साथ ही समस्याओं का समाधान भी होगा । इसी कड़ी में पर्ल चौधरी ने कहा दलितों के हक अधिकार को खत्म करने या कराने के आरोप भाजपा के द्वारा लगाए जा रहे हैं, सबसे पहले डबल इंजन वाली भाजपा सरकार को जवाब देना चाहिए मानेसर नगर निगम के वार्ड बंदी और आरक्षण में दलितों के लिए आरक्षित वार्ड की संख्या क्यों किन कारण  से और किसके दबाव में काम की गई है ? उन्होंने आहवान किया 5 अक्टूबर को अपने हाथ की अंगुली से हाथ का निशान वाला बटन दबाकर हाथ की मजबूत कांग्रेसी सरकार बनाने का काम करें।

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