मैंने जीते जी अपना जनाजा निकलते देख लिया : प्रो सम्पत सिंह

-कमलेश भारतीय

कितनी पीड़ा होगी मन में और कितने उलाहने मन में होंगे प्रो सम्पत सिंह के पर वे पीड़ा को पी गये और नलवा से पहले कांग्रेस टिकट कटने और फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकन वापस लेते दिन भर अपने समर्थकों के बीच रहते शाम को मनाने के लिए रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के आने से पहले समर्थकों को भरे गले से संबोधित करते कहा कि मैंने जीते जी अपना जनाजा निकलते देख लिया । आपके गुस्से का मेरे पास कोई जवाब नहीं और अब न ही दीपेंद्र के आने पर कोई सवाल जवाब करें ! अब पुरानी बात करने का कोई फायदा नहीं । यदि आप मेरे मेहमान को कुछ कहोगे तो यह मेरा अपमान होगा ! दीपेंद्र के जाने के बाद आप अपना गुस्सा मुझ पर निकाल लेना ! इस तरह अपने आवास पर सुबह से दुख, उदासी और गुस्से में इकट्ठे हो रहे समर्थकों को प्रो सम्पत सिंह ने समझाने बुझाने की कोशिश की । अंदर परिवार के लोग भी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहे थे और बाहर गुस्साये समर्थक सुबह से बैठे थे ।

आखिरकार पांच बजे दीपेंद्र हुड्डा आये। सीधे प्रो सम्पत सिंह व गौरव सम्पत को गले लगाकर घर के अंदर ले गये । श्रीमती कृष्णा सम्पत भी साथ रहीं और बंद कमरे में लगभग पौने घटे तक बातचीत और रूठना मनाना होता रहा । आखिर जब ये लोग बाहर आये तब तक हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा के बड़े भाई व हिसार नगरपालिका के पूर्व प्रधान बिहारी लाल राड़ा भी अंदर आ चुके थे और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से चुनाव में सहयोग मांगा जबकि नम्बर तक उनके पास नहीं था तब दीपेंद्र ने पीए साहिल को नम्बर नोट करने की हिदायत दी और बाहर कार्यकर्ताओं के बीच जा पहुंचे । इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, पूर्व विधायक कृष्णा पूनिया, कुलबीर बेनीवाल, गौरव सम्पत, योगेश सिहाग सहित बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे ।

पहले गौरव सम्पत ने संबोधित करते कहा कि आपके काम नहीं रुकेंगे ! जहां कहोगे, वहां तक हर जगह आपके साथ जाऊंगा । जो भी दुख सुख है, वह हमारा सांझा है । एक दरवाजा बंद हुआ है तो दूसरा खुल जायेगा, यही सच है और यही होता आया है । उम्मीद नहीं छोड़नी ! फिर प्रो सम्पत सिंह ने कहा कि गुस्से में कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि हुड्डा जी की फोटो उतार दो, मैंने कहा कि मेरे बड़े भाई हैं हुड्डा जी, मैं यह फोटो नहीं उतारूंगा! मैंने तो आज तक चौ देवीलाल की फोटो नही हटाई । सोनिया गांधी व राहुल की फोटो भी लगी हैं, ज्यों की त्यों ! टिकट कटने पर भी यही कहा कि कांग्रेस में हूँ और न कोई झंडा उतारा, न किसी की फोटो उतारी ! हुड्डा मेरे बड़े भाई हैं और दीपेंद्र मेरे प्यारे भतीजे ! गौरव और दीपेंद्र इकट्ठे पढ़े हैं स्कूल में ! मैं भाजपा सरकार की दस साल की नीतियों से भाजपा का विरोध कर रहा हूँ । चुनाव न लड़कर भी यह विरोध जारी रहेगा । हमारे परिवार और समर्थकों का पूरा सहयोग कांग्रेस को पूरे जिला हिसार में मिलेगा । मेरे समर्थक तो फतेहाबाद, भट्टू में भी हैं क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों से चुनाव जीते और नलवा तो है ही अपना ! लगातार सैंतालिस साल से राजनीति में हूँ, लोगों के सुख दुःख में साथ हूँ, हमेशा और रहूंगा ! भाजपा ने किसान, जवान और पहलवान सबके साथ अन्याय किया ।

दीपेंद्र हुड्डा ने संबोधन में कहा कि नामांकन वापसी की बात तो फोन पर ही हो गयी थी, आपने हमारी बात का मान रखा, हम आपकी बात का मान सदैव‌ रखेंगे । प्रो सम्पत सिंह संघर्ष व अनुभव से भरपूर नेता हैं । इन्होंने इज्जत कमाई है हमेशा । गौरव मेरा सहपाठी है । हम इन्हें मान सम्मान देगे और पार्टी संगठन में भी उचित सम्मान मिलेगा । आप हर क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशियों को सहयोग दें । यदि इस बार हम चूक गये, फिर कभी ये समय नहीं आयेगा ! भाजपा ने दस साल हरियाणा का नुकसान हर क्षेत्र में किया । हर वर्ग का अपमान किया ।

इस तरह मान मनोबल कर दीपेंद्र हुड्डा लगभग दो घंटे बाद रवाना हुए ।

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