-कमलेश भारतीय

अभी हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार रफ्तार कैसे पकड़े? अभी तो गठबंधन पर तकरार और रूठे या कहिये बागी नेताओं का मानमनोबल जारी है । कल नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन जो था तो कुछ भाजपा के तो कुछ कांग्रेस के नेता मान गये और नामांकन वापस ले लिये । कुछ ख्वाब दिखाये, कुछ मान सम्मान किया, कुछ हाथ जोड़े, ऐसे करते करते नेता मान गये और सुख सपनों में खो गये कि सरकार आई तो यह मिलेगा, यह करवा लेंगे ! राजनीति के वादे पे जो मारे गये, बंदे सीधे सादे ! लम्बी लिस्ट मानने वालों की रही लेकिन कांग्रेस में रहते निर्दलीय लड़ने जा रहे प्रो सम्पत सिंह का नामांकन वापस लेना और भाजपा में रहकर चुनाव की ताल ठोंकने जा रहे राजीव जैन व कविता जैन का नामांकन वापस लेना थोड़ा हैरान कर गया । प्रो सम्पत सिंह को 2019 में भी टिकट नहीं मिली और अब 2024 में टिकट से वंचित कर दिये गये । एक दिग्गज नेता की इतनी अनदेखी ! फिर निर्दलीय फार्म भर दिया और दफ्तर भी खोला लेकिन दूसरे दिन ही नामांकन वापस ले लिया ! इसी प्रकार कभी भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कविता जैन और राजीव जैन ने भी नामांकन वापस ले लिया ! कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भाजपा से हाथ जोड़ने गये तो दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के बागी नेताओं को मनाने गये ! कल का दिन इसी कवायद में निकल गया ! प्रचार क्या रफ्तार पकड़ेगा?

दूसरी ओर हलोपा इनेलो बसपा गठबंधन परपर भी गोपाल कांडा व अभय चौटाला में तकरार सामने आई, जब गोपाल कांडा ने भाजपा गठबंधन की भी बात कह डाली तब अभय चौटाला ने याद दिलाया कि गठबंधन हलोपा और इनेलो बसपा का है न कि भाजपा के साथ । इस पर गोपाल कांडा भी अपनी बात से पलटे और इसी गठबंधन को स्वीकार किया खुलेआम ! हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व आप का गठबंधन सिरे नहीं चढ़ा ! जजपा को चंद्रशेखर की पार्टी से गठबंधन करना पड़ा ! अब ये गठबंधन क्या रंग दिखायेंगे, ये तो चुनाव परिणाम ही बेहतर बतायेंगे !

-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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