खट्टर के कार्यक्रम में मंच से कुर्सी फेंकी, कार्यकर्ताओं को जोड़ने पहुंचे थे पूर्व सीएम नारायणगढ़ में कार को घेरा, फरीदाबाद में कीचड़ से बड़ी सड़क पर चलने को कहा हरियाणा भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की सुरक्षा बढ़ाई, प्रचार के वक्त ग्रामीणों से बहस धक्का मुक्की अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। नेताओं को अब ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है और लोग उनसे उनके कार्यकाल के दौरान किए गए वादों और समस्याओं के समाधान को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। हिसार जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने गए कुलदीप बिश्नोई और विधायक बेटे भव्य बिश्नोई को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के दौरान धक्का मुक्की भी हुई। घटना के बाद कुलदीप बिश्नोई खुद गांव में हुई पंचायत में पहुंचे। अपनी और भव्य की तरफ से माफी मांगी। कुलदीप बिश्नोई ने पंचायत में जाकर कहा कि आदमपुर के सभी लोग मेरे परिवार की तरह है और परिवार में किसी तरह का तरकार नहीं है। इससे पहले ग्रामीणों ने भव्य बिश्नोई से कहा कि यहां कोई काम हो नहीं हुआ बिश्नोई परिवार ने गांव के साथ सौतेला व्यवहार किया है। यह घटना आदमपुर के कुतियावाली गांव में हुई। कुलदीप ने कहा कि आप लोगों ने बड़ा दिल दिखाते हुए मुझे माफ कर दिया, मैं इसके लिए आभारी रहूंगा। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि फोन तोड़ने की वजह से सारा मामला इतना बढ़ गया। अगर फोन नहीं तोड़ा जाता तो मामला इतना नहीं बिगडता। भव्य और कुलदीप बिश्नोई सोमवार सुबह करीब 9 बजे अपने काफिले के साथ गांव की चौपाल में पहुंचे। काफिले में लाउडस्पीकर लगा हुआ था। जैसे ही भव्य गांव की चौपाल पर पहुंचे उन्होंने भाषण देना शुरू कर दिया। चौपाल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी। भाषण के दौरान भव्य ने कहा कि गांव कुतियावाली में 71 लख रुपए के विकास कार्य हुए हैं। इस पर ग्रामीण भड़क गए और पूछने वालों की 71 लाख रुपए में कौन सा काम हुआ है, गिनाया जाए। इसके बाद भव्य बिश्रोई और गांव के कुछ लड़कों के बीच कहां सुनी हो गई। कुलदीप बिश्नोई बीच बचाव करने आए और बातों का जवाब देने लगे। इसी बीच वहां मौजूद कुछ लड़के वीडियो बनाने लगे। भव्य ने वीडियो बनाने से मना कर दिया। भव्य का हाथ एक लड़के के हाथ से टकराया और मोबाइल गिरकर टूट गया। इससे भीड़ भड़क गई और धक्का मुक्की की नौबत आ गई। कुलदीप बिश्नोई को लगा कि अभी यहां से चले जाना ही बेहतर है, वह भव्य के साथ अपने कार में बैठे और चले गए। घटना के बाद प्रशासन में पुलिस ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और आदमपुर में भव्य बिश्नोई व कुलदीप बिश्नोई की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कुलदीप व भव्य को अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी। प्रशासन अन्य प्रत्याशियों को भी सुरक्षा देने पर विचार कर रहा है। झज्जर के बहादुरगढ़ में सोमवार को केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम में मंच से कुर्सी फेंकने का मामला सामने आया है। यहां खट्टर कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव लड़ने व जीतने की सीख देने पहुंचे थे। इस दौरान मंच पर बैठे नेताओं में कुर्सी को लेकर विवाद हो गया और एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेश मकड़ोली ने मंच से कुर्सी उठाकर फेंक दी। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें भाजपा नेता भाषण दे रहे हैं और उनके ठीक पीछे खड़े लोगों में विवाद चल रहा है। राजेश मकड़ोली का मंच पर बैठने को लेकर किसी नेता से विवाद हुआ था। बताया जा रहा है कि राजेश को नेता ने मंच से नीचे जाकर बैठने के लिए कह दिया था। इससे नाराज राजेश उठे और मंच से कुर्सी फेंक कर नीचे उतर गए। इसके बाद नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की और पीछे दौड़े लेकिन वह कार्यक्रम से निकल गए। दूसरी जगहों पर भी भाजपा नेताओं को चुनाव प्रचार में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । लोग उनके सरकार के काम का हिसाब मांग रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को अंबाला से नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी पवन सैनी के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया। इसके चलते उन्हें गांव से लौटना पड़ा। वहीं फरीदाबाद के बड़खल विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने पहुंचे भाजपा उम्मीदवार खाली हाथ लौट गए । ग्रामीणों ने उन्हें रास्ते में रोक कर सड़क की खस्ता हालत के बारे में बताया और सवाल पूछने लगे। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी दिनेश अदलखा वहां से लौट गए। पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भ्याना, नारायणगढ़ में भाजपा प्रत्याशी पवन सैनी, जेजेपी नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और बरवाला से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास धोलेड़ा को विरोध का सामना करना पड़ चुका है। सरकार के रहते किसाने और मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और जेजेपी प्रत्याशियों को घेरा जा रहा है। सीम नायब सैनी के गृह क्षेत्र अंबाला के विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ में भाजपा उम्मीदवार पवन सैनी का विरोध किया गया पवन सैनी नारायणगढ़ कस्बे में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे लेकिन उनके आने से पहले ही स्थानीय किसान संगठनों के लोगों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद किसान संगठन के सदस्य पहले से ही गांव के रास्ते पर झंडा लेकर जमा हो गए। उन्होंने पवन सैनी की गाड़ी आते ही नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया। इसके बाद पवन सैनी को बिना प्रचार के रास्ते से लौटना पड़ा। उनके सामने किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। फरीदाबाद के बडखल विधानसभा में चुनाव प्रचार करने पहुंचे भाजपा प्रत्याशी उल्टे पैर लौट गए। रास्ते में उनका रोककर ग्रामीणों ने उन्हें सड़क की जर्जर हालत के बारे में बताया और सवाल पूछने लगे । लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से कीचड़ से भरी सड़क पर चलने को कहा । इसके बाद भाजपा प्रत्याशी धनेश अदलखा वहां से लौट गए। अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज को रविवार श्याम जलबेड़ा और शाहपुर गांव में किसानों का विरोध झेलना पड़ा। विज के इन दोनों गांव में चुनावी कार्यक्रम रखे गए थे। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियनों से जुड़े लोग वहां पहुंच गए और झंडा लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। दुष्यंत चौटाला का विरोध हरियाणा के उचाना क्षेत्र में पूर्व डिप्टी सीएम और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला का विरोध हुआ। शनिवार शाम को जब उनका काफिला छातर गांव पहुंचा, तो वहां के युवाओं ने नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया। युवाओं ने आरोप लगाया कि दुष्यंत चौटाला ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट मांगा था और जीतने के बाद भाजपा के साथ चले गए। इस वजह से गांव में उनकी छवि पर बुरा असर पड़ा और लोग अब उनका सामाजिक बहिष्कार कर रहे हैं। उनको काले झंडे भी दिखाए गए। आखिर क्या है विरोध की वजह? यहां याद दिलाना होगा कि 2020 में मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में जब किसानों ने जोरदार आंदोलन किया था तब भी दुष्यंत चौटाला को विरोध का सामना करना पड़ा था। किसानों ने मांग की थी कि चौटाला को हरियाणा की बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए लेकिन दुष्यंत चौटाला सरकार के साथ बने रहे। लोकसभा चुनाव 2024 में जब दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, तब भी उन्हें कई जगहों पर किसानों का विरोध झेलना पड़ा था। इसके बाद कई बार दुष्यंत चौटाला के खिलाफ किसानों ने नाराजगी दिखाई थी। जींद जिले में किसान राजनीति का अच्छा खासा असर है। जेजेपी ने पहली बार हरियाणा में विधानसभा का चुनाव 2019 में लड़ा था और पहली बार में ही 10 सीटें जीतकर हरियाणा की राजनीति में अपनी जोरदार धमक दर्ज कराई थी। पिछले चुनाव में जब किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन दिया और राज्य में सरकार बनाई। लेकिन इस साल मार्च में बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ दिया था। आसपा (कांशीराम) से किया है गठबंधन विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) के साथ गठबंधन किया है। जेजेपी 70 सीटों पर और आसपा 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कृष्ण बेदी और ग्रामीणों के बीच तीखी बहस जींद के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व मंत्री और प्रत्याशी कृष्ण बेदी को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। वे भिखेवाला गांव में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि कृष्ण बेदी ने अपने मंत्री रहते हुए गांव की समस्याओं को नजरअंदाज किया और अब वे चुनावी वादे करने आए हैं। ग्रामीणों का कहना था कि भाजपा ने किसान आंदोलन के दौरान उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया और अब वे भाजपा को वोट देने के मूड में नहीं हैं। उकलाना और हांसी में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध उकलाना के कंडूल और प्रभुवाला गांव में अनूप धक को गुस्सा आ ग्रामीणों ने घेर लिया अनूप धानक पिछले 10 साल से उकलाना के विधायक हैं ऐसे में लोग पिछले 10 साल का हिसाब किताब मांग रहे हैं। गांव कंडूल में ग्रामीणों ने अनूप धानक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 10 सालों तक हुए हलके के विधायक रहे हैं । एक बार भी उनका हाल-चाल जानने नहीं आए, आज ग्रामीणों की याद कैसे आ गई। ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव में 10 वर्षों में 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है, किसी के यहां शोक जताने तक नहीं आए। दूसरी और प्रभुवाला गांव के ग्रामीणों ने कहा कि जब मंत्री बने हुए थे तो हमारे शरीर में बदबू आती थी। अगर खुशी से मिठाई देने जाते तो वह भी खाने की बजाय दीवार पर रख देते थे। ग्रामीणों का बढ़ता गुस्सा देखा अनूप धानक वहां से निकल गए। ग्रामीणों का विरोध उनको लगभग हर गांव में झेलना पड़ रहा है। इससे पहले भी उनका गांव में विरोध हो रहा था। उकलाना के गांव किनाला में भाजपा प्रत्याशी अनूप धाणक के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। जैसे ही धानक प्रचार अभियान के तहत गांव पहुंचे ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और अनुप धानक मुर्दाबाद के नारे लगाए। हांसी भाजपा प्रत्याशी बोले वोट मत देना मगर बहस मत करो हांसी के गांव घिराय में किसानों ने विनोद भयाणा के कार्यक्रम में हंगामा करते हुए पूछा कि किसान आंदोलन में आपकी सरकार ने शुभकरण को गोली क्यों मरवाई? हांसी में डीपी वत्स और बिजेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था। आपकी सरकार किसान विरोधी है जो कृषि यंत्रों पर 28% जीएसटी लगाया गया है ।विधायक बोले इस बात का विरोध करना है तो वोट मत देना मगर बहसबाजी मत करो। रामनिवास घोड़ेला का विरोध बरवाला से कांग्रेस के उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला को टिकट देने के खिलाफ किसानों ने 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। किसान नेता जोगेंद्र मय्यड़ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चेंज ऑफ लैंड यूज कांड के आरोपी को टिकट दिया है। किसान अब कांग्रेस के फैसले का विरोध कर रहे हैं और इसके लिए गांव-गांव जाकर लोगों को सूचित करेंगे। भ्रष्टाचार के आरोप पूर्व कांग्रेस सरकार में विभिन्न नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनमें तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव विनोद भयाना और अन्य शामिल हैं। इन नेताओं पर वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने और अन्य मामलों में घूस मांगने के आरोप थे। इस मामले में इनेलो ने 2014 में लोकायुक्त से शिकायत की थी और 2015 में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित कर जांच शुरू की गई थी। हरियाणा में इन घटनाओं के कारण चुनावी माहौल में तनाव और गर्मी बनी हुई है। नेताओं को अब जनता के गुस्से और सवालों का सामना करना पड़ रहा है। Post navigation नारनौल में भाजपा हैट्रिक लगाएगी: नरेंद्र झमरिया कब से कब तक हैं श्राद्ध, कौन कर सकता है, क्या और किसे खिलाएं, बता रहे पंडित जी