पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि बादशाहपुर के विकास के लिए यहां का नेतृत्व मजबूत होना आवश्यक

गुरुग्राम। बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि बादशाहपुर को आज के दिन अगर किसी चीज की आवश्यकता है तो वह है विकास। अगर समय रहते गुरुग्राम में विकास के काम नहीं कराए गए तो वह दिन दूर नहीं जब यहां की समस्याएं कैंसर की तरह गंभीर रूप धारण कर लेंगी। ऐसी परिस्थितियों में आवश्यक है कि यहां की जनता अपनी कमान मजबूत हाथों में सौंपने का काम करे। उन्होंने कहा कि अगर जनता ने राव नरबीर सिंह पर विश्वास जताया तो वह गारंटी देते हैं कि बादशाहपुर विकास में नंबर वन होगा। राव नरबीर सिंह बृहस्पतिवार को बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव हरसरू, बामडोली, सालिग की ढाणी व हयातपुर में आयोजित सभाओं को संबोधित कर रहे थे।

रेवेन्यू की तरह विकास में भी प्रदेश में अग्रणी होगा गुरुग्राम :
पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम जिला प्रदेश में सबसे अधिक 56 प्रतिशत रेवेन्यु सरकार के खजाने में देता है। 2014 से 2019 तक जब वह कैबिनेट मंत्री थे तो सरकार के खजाने में दिए जा रहे योगदान के बराबर ही गुरुग्राम को विकास के लिए पैसा भी मिल रहा था। हजारों करोड़ की लागत से यहां हाईवे, सडक़ व ओवरब्रिज-अंडरब्रिज का जाल बिछाया गया था। 2019 के बाद यहां के नेतृत्व कमजोर रहा जो सरकार से गुरुग्राम का हिस्सा नहीं ले पाया। इसके चलते ही पिछले पांच सालों में गुरुग्राम विकास में पिछड़ा है। बादशाहपुर की जनता ने इस बार उनका साथ दिया तो राव नरबीर सिंह एक बार फिर से सरकार में बादशाहपुर की चौधर लाने का काम करेगा। प्रदेश के खजाने में दिए जाने वाले राजस्व की तरह ही गुरुग्राम विकास में भी सबसे आगे रहेगा।

गुरुग्राम में चार अस्पताल और शिक्षण संस्थानों की जरूरत :
राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम का तेजी से विस्तार हुआ है। आज यहां की आबादी 30 लाख से अधिक हो चुकी है जबकि उपचार व शिक्षा के संसाधन बेहद कम है। उन्होंने मंत्री रहते हुए नागरिक अस्पताल के पुराने भवन के डेमोलेशन के आर्डर पास कराए थे। उनके जाने के पश्चात पांच साल में भी अस्पताल का भवन नहीं बन पाया तो इसके लिए केवल और केवल यहां का नेतृत्व जिम्मेदार रहा। अस्पताल भवन की जगह पार्किंग बनी हुई है। गुरुग्राम को एक नहीं बल्कि चार कोनों पर चार नागरिक अस्पताल की जरूरत है और वह अपने इस सपने को जरूर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड की जो कमी है उसको भी दूर करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त काकरोला गांव में जो विश्वविद्यालय उन्होंने मंत्री रहते हुए बनवाया था वह हमारी आने वाली पीढय़िों को शिक्षित करने का कार्य करेगा। इसके साथ ही कुछ और बड़े शिक्षण संस्थान गुरुग्राम में लाए जाएंगे जिसको लेकर वह सरकार में लगातार पैरवी कर रहे हैं। जिन भी सडक़ों पर अंडरपास व ओवरब्रिज की जरूरत है वहां के प्रोजेक्ट को भी आने वाले दिनों में सिरे चढ़ाया जाएगा।

मजबूत मंत्री थे इसलिए सरकार में नहीं रुका कोई काम:
पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि इलाके का विकास कराने के लिए आपका वकील मजबूत होना चाहिए। वह जब प्रदेश सरकार में मंत्री थे तो उनका पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बेहतरीन तालमेल था। उनका बड़े से बड़ा काम भी सरकार में कभी नहीं रुका। मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेश रहते थे कि राव नरबीर सिंह की फाइल को 24 घंटे भी नहीं रोकना है। सीएम विदेश होते थे तो भी उनकी फाइल पास होती थी। इसी तरह से वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उनके मित्र है। नायब सिंह सैनी को वह नजदीक से जानते हैं क्योंकि पांच साल तक वह सरकार में उनके साथ मंत्री थे। कम समय में ही बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने बेहतरीन छाप छोड़ी है। वह प्रदेश के आने वाले मुख्यमंत्री भी है।

तीन पीढ़यिों से जनता की सेवा में है हमारा परिवार:
राव नरबीर सिंह ने कहा कि मैं आप लोगों के बीच का साथी हूं। मेरा परिवार तीन पीढय़िों से आपकी सेवा में है। मेरे दादा, मेरे पिता व मेरे चाचा ने क्षेत्र की जनता की सेवा की और तीसरी पीढ़ी के रूप में मैंने बादशाहपुर के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी। यह भी सच है कि जब भी जनता के आशीर्वाद से वह जीते हैं तो सरकार में मंत्री बने ही हैं। इस बार वह मंत्री इसलिए बनना चाहते हैं ताकि बादशाहपुर की धरती का जो कर्ज उनके ऊपर है उसको वह उतार सकें। जो भी विकास के काम जनता चाहती है वह उनको पूरा कराना चाहते हैं। जनता ने साथ दिया तो एक बार फिर से बादशाहपुर की चौधर का झंडा सरकार में लहराता नजर आएगा।

कार्यक्रमों में इनकी रही उपस्थिति :
हरसरू गांव में अनिल चैहान, लतूर सिंह, रमेश, मान सिंह, नरेन्द्र, अशोक, मंजीत, राज बहादूर, संदीप, खुशेन्द्र नंबरदार, अनिल, मुकेश, मुनेश, गजराज सिंह, सुरेन्द्र, उमेश, समुन्द्र, प्रभाती लाल मौजूद रहे।

बाडौली गांव में सरपंच साधूराम, पूर्व सरपंच शमशेर सिंह, पूर्व सरपंच सुभाष, औमप्रकाश ठेकेदार, रगबीर, रणबीर, राजबीर, राजेन्द्र, राजेश, सतीश, राम निवास, नरेन्द्र, गजराज, नरेश, भूपेन्द्र, लखीराम, भूपेन्द्र, रामकिशन मौजूद रहे।

सालिग की ढाणी में  श्रीभगवान, राजेश, गंगाराम, सुरेश, मोहन, सतबीर, रामकिशन, श्योनारायण, महाबीर, राजबीर, मित्रपाल, सतीश, राकेश मौजूद रहे।

हयातपुर गांव में नरेन्द्र सरपंच, लखमी सरपंच, चरण सिंह, लीलू मैंबर, अनिल यादव, सूरजभान, श्यामलाल, सत्यनारायण, श्योनारायण, राजपाल, नरेन्द्र, लाल चंद, धरमसिंह, लीलू राम, विनोद, रवि, केसू, हरिऔम, हरपाल, पुरषोतम कौशिक आदि मौजूद रहे।

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