गीता ही राधा का स्वरूप : परमहंस बाबा बलिया महाराज

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी कुरूक्षेत्र धाम में पिछले लगभग 30 वर्षो से ओडिसा से कुरुक्षेत्र आकार हर वर्ष राधाष्टमी उत्सव शिशु अनंत आश्रम के अध्यक्ष परमहंस बाबा बलिया महाराज के दिव्य सानिध्य में हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। ज्योति सार प्रति सनातन धर्म ध्वजा हर साल की तरह गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में फहराया गया। ब्रह्मसरोवर के किनारे उपस्थित गीता भवन में प्रातः गीता के 18 अध्याय पर हवन किया गया साथ-साथ दो दिन सत्संग का भी आयोजन किया गया सभी सज्जनों को सम्बोधित करते हुए बाबा बलिया महाराज ने कहा की गीता ही राधा है राधा प्रियंका प्रतीक है राधा शब्द को विपरीत करे तो धारा होती है धारा का अर्थ है नियम तो गीता में नियम अनुशासन मार्ग का वर्णन है साथ-साथ प्रभु के प्रति प्रेम और भगवत प्राप्ति का सरल मार्ग काफी वर्णन है कार्यक्रम का संचालक राष्ट्रीय गीता मिशन के अध्यक्ष डा. स्वामी चिदानंद महाराज ने कहा कि गीता सिर्फ हिंदू या भारत के लिए कहा गया नहीं है गीता एक मानव संविधान है विश्व में हर जगह हर भाषा और प्रांत में गीता मार्गदर्शन करती है कार्यक्रम में ओडिसा से आए स्थानीय आदिवासियों को भी शामिल किया गया साथ में चंडीगढ़ यमुनानगर नई दिल्ली उदीसा बंगाल ओडिशा झारखंड आदि सैनिक भक्तजनों ने भाग लिया और धर्मनगरी के गणमान्यजन भी यज्ञ में मौजूद रहे।

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