सीईओ हरियाणा ने प्रचार वीडियो में बच्चे को शामिल करके आदर्श आचार संहिता  के कथित उल्लंघन पर भाजपा को जारी किया कारण बताओ नोटिस

चंडीगढ़, 28 अगस्त— मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हरियाणा को आम आदमी पार्टी से @BJP4Haryana हैंडल द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हाल ही में किए गए एक पोस्ट के संबंध में शिकायत मिली है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भाजपा द्वारा पोस्ट किए गए एक प्रचार वीडियो में एक बच्चा दिखाई दे रहा है, जिसके बारे में आप का दावा है कि यह भारत निर्वाचनआयोग के दिशा-निर्देशों और राज्य में पहले से लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

भारत निर्वाचन आयोग ने अपने पत्र संख्या 4/3/2023/एसडीआर/वॉल्यूम एक्स, दिनांक 5 फरवरी 2024 के माध्यम से स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, जिसमें चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी पर रोक लगाई गई है। ये निर्देश सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को सूचित किये गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजनीतिक दलों और चुनाव अधिकारियों द्वारा चुनाव प्रक्रिया में किसी भी बच्चे को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

भारत निर्वाचन आयोग के उपर्युक्त निर्देशों के पैराग्राफ 5 (बी) नोट 2 में कहा गया है कि “किसी भी संदेह को दूर करने के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि सभी राजनीतिक नेताओं/उम्मीदवारों को किसी भी तरह से अभियान/प्रचार/रैली/यात्रा आदि के लिए बच्चों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिसमें बच्चे को अपनी गोद में रखना, बच्चे को अपने वाहन में ले जाना या बच्चे को चुनाव अभियान/रैली आदि का हिस्सा बनाना शामिल है। इसके अलावा बोले गए शब्दों/कविता/गीतों, राजनीतिक दल/उम्मीदवार के प्रतीक चिन्ह के प्रदर्शन, राजनीतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन, राजनीतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या विरोधी राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की आलोचना के माध्यम से राजनीतिक अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चे का उपयोग बहाल नहीं किया जाएगा।”

सीईओ हरियाणा ने मामले का संज्ञान लेते हुए भाजपा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष को मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने, सुधारात्मक कार्रवाई करने और 29 अगस्त, 2024 को शाम 6:00 बजे (गुरुवार) तक अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का निपटारा सीईओ हरियाणा के कार्यालय द्वारा समय-समय पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाता है।

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