टिकटों को लेकर हॉट सीट बन गई है भिवानी विधानसभा की सीट

कांग्रेस और भाजपा के नेता टिकटों को लेकर असमंजस में, दोनों प्रमुख पार्टियों की टिकट के लिए लम्बी लाइन

ईश्वर धामु  

भिवानी।   कांग्रेस और भाजपा के टिकटार्थियों ने चुनावी माहौल को गर्म किया हुआ है। टिकट पाने के लिए नेतागण अपने राजनैतिक आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा टिकट के लिए मारामारी मची हुई है। पर इस बार कांग्रेस की टिकट का अधिक आकर्षण बना हुआ है।

भिवानी से कांग्रेस की टिकट चाहने वाले 34 नेता हैं। इनमें प्रमुख रूप से दो पूर्व विधायक डॉक्टर शिव शंकर भारद्वाज और डॉक्टर वासुदेव शर्मा के अलावा नीलम अग्रवाल, अशोक बुवानीवाला, प्रेमवती गोयत, संदीप तंवर भी शामिल हैं। इस बार युवा भी टिकट के लिए आगे आए हैं। इनमें धीरज सिंह, अभिजीत लाल सिंह, संजय कौशिक का नाम प्रमुख रूप से लिया जा सकता है। कांग्रेस की टिकट की लाइन में पवन बुवानीवाला, अमन राघव तंवर, देवराज मेहता भी शामिल हैं। हर टिकटार्थी का पार्टी में अपना रूतबा है। लेकिन कांग्रेस भिवानी सीट को अग्रवाल समाज की सीट मानकर चल रही है। अगर कांग्रेस टिकट अग्रवाल समाज के नेता को देती है तो टिकट नीलम अग्रवाल और अशोक बुवानीवाला के बीच रहेगी। पार्टी की दूसरी प्राथमिकता ब्राह्मण समाज के नेता की है। ऐसे में टिकट डॉक्टर शंकर भारद्वाज और डॉक्टर वासुदेव शर्मा के बीच जा सकती है। डॉक्टर शंकर भारद्वाज जहां दो बार विधायक रहे हैं, वहीं डाक्टर वासुदेव शर्मा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहे हैं। लेकिन पंजाबी वर्ग से एक ही नेता देवराज मेहता ने टिकट मांगी है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा की टिकट की लाइन में भी बड़े नेता शामिल हैं। भाजपा की टिकट के लिए पहला नाम सिटिंग विधायक घनश्याम सर्राफ का लिया जा रहा है। पर पार्टी के सर्वे में उनका नाम एक नम्बर पर नहीं आया बताते हैं। वैसे भी उनका स्वास्थ्य नरम चल रहा है। इनके अलावा पार्टी के जिला प्रधान मुकेश गौड़ का नाम आ रहा है। लेकिन उन्होंने अपने पर से त्यागपत्र नहीं दिया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार गौड़ को कुछ दिन पूर्व प्रदेश मुख्यालय बुला कर जिला प्रधान पद से त्यागपत्र लिया गया था। पर जब इस बारे में शीर्ष नेताओं को पता चला तो उन्होंने उनका त्यागपत्र स्वीकार करने से रुकवा दिया। ऐसे में उनकी टिकट को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इनके अलावा भाजपा से ठाकुर विक्रम सिंह, पार्षद विनोद चावला, मुकेश रहेजा, विवेक बंसल, प्रिया असीजा, धर्मेंद्र जिंदल, मीना परमार, सुभाष जिंदल भी टिकट मांग रहे हैं। अभी एक नाम संदीप जोशी का उभर सामने आया है। दादरी से भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रधान रहे स्वर्गीय रमेश जोशी के पुत्र संदीप जोशी, वर्तमान में फरीदाबाद रह रहे हैं। परन्तु टिकट केे मौसम में वें भिवानी सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस की 45 साल की सम्बंधता को छोडऩे वाली तोशाम से विधायक किरण चौघरी भाजपा में शामिल हो गई और उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया। अब किरण चौधरी अपनी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी केे लिए तोशाम से भाजपा से टिकट मांगेगी। श्रुति की टिकट पक्की भी मानी जा रही है। हालांकि भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है। ऐसे मेें 2019 का तोशाम से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक शशी परमार केे सामने चुनाव क्षेत्र का सवाल आन खड़ा हो गया है। उस चुनाव में परमार कांग्रेस की किरण चौधरी से हारे थे। पर उन्होंने 54 हजार 639 वोट प्राप्त किए थे। उनसे इस बार तोशाम की सीट निकालने की पूरी उम्मीद की जा रही थी। पर अचानक राजनीतिक हालात बदल गए। अब वें हर हाल में भिवानी से टिकट का दावा जतायेंगे। बताया जा रहा है कि टिकट की लाइन में उनका नाम पहले नम्बर पर चल रहा है।

अभी तक आप, इनेलो और जेजेपी के किसी नेता का नाम टिकट के लिए उभर कर सामने नहीं आया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आप की प्रत्याशी प्रदेश उपाध्यक्ष इंदू शर्मा हो सकती है। नगर परिषद के चुनाव में उन्होने बहुत अच्छा प्रदर्शन कर दूसरे स्थान पर रही थी। अब देखना होगा कि कांग्रेस और भाजपा टिकट बांटने में क्या फार्मूला अपनाती हैं?

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