वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पानीपत : प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा. महेन्द्र शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह से भद्रा भद्रा करने वाले ब्राह्मण महानुभाव ज़रा विचार करें कि मान लो आज 19/8/2024 को हमारे नगर पानीपत में यदि चंद्र सायं 7 बजे से चंद्र ग्रहण होता तो उस ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पूर्व मध्याह्न 1 बजे से प्रारंभ होता और आज भद्रा भी मध्याह्न 13/31 तक है तो फिर आज रक्षा बन्धन त्यौहार न मनाया जाता या फिर इस को एक दिन पूर्व मनाया जाता। दो वर्ष पूर्व 2022 और इससे पूर्व 1994 में दीपावली के दिन सूर्य ग्रहण था जिस का सूतक सूर्योदय से ही प्रारंभ था तो इस पर्व चतुर्दशी पर मनाया गया था क्यों कि कोई और व्यवस्था नहीं बनती थी। सूर्य और चंद्र ग्रहण क्रमश: अमावस्या और पूर्णिमा को घटित होते हैं।

आप ब्राह्मण हैं आप के पास भी पंचांग होगा, पंचांगों का अध्ययन कर के यह बताएं कि क्या हमारे ब्राह्मण पूर्वजों से वर्ष के प्रथम मुख्य पर्व को भद्रा दोष से मुक्त कर के जनकल्याणक किया या कोई गलत कार्य किया। सनातन जगत को बार बार भद्रा का दोष श्रावणी उपाकर्म के बताना पड़ रहा है, इस उपाकर्म को तो श्रावण शुक्ल पंचमी या फिर श्रावण माह में जिस दिन हस्त नक्षत्र हो, उस पर भी यह सुकृत्य कर सकते हैं लेकिन भाई बहिन का यह स्नेहपर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर ही होता है जिसको अन्य दिन मनाने की वैदिक व्यवस्था अन्य किसी शास्त्र में नहीं है। इस लिए हमारे उत्तर भारत के विद्वत ब्राह्मण समाज के गहन चिन्तन और अध्ययन के पश्चात भद्रा दोष से मुक्त रखा है।

किसी बात पर पक्ष रखने के लिए उस विषय पर अध्ययन के अभाव में व्हाट्सएप और फेसबुक को अपना गुरु बना लेते हैं। यजमान तो इस पर चर्चा करने या न करने के लिए दोषमुक्त है, क्यों कि यह यजमान का विषय ही नहीं, इस में दोषी हम ब्राह्मण हैं जो विषय पर गहराई से अध्ययन नहीं करते और चर्चा बहस कर के अपनी विद्वता को सिद्ध और दूसरों को नीचा दिखाने के कार्य करते रहते हैं। ईश्वर ने यदि हमारे परिवार को दायित्व दिया है तो उस दायित्व का सृजन करने का आशीर्वाद अध्ययन शक्ति भी प्रदान की है।

क्षमा सहित,चूंकि अब पर्व तो बीत गया है, पहले शोर में शायद कोई इस बात को सुनता या न सुनता, अब सब सनातनी इस विषय की गम्भीरता को समझें कि जिन्ह ब्राह्मणों ने पर्व सूची कैलेंडर निर्माण किया है वह सब ज्योतिष विषय के मार्तण्ड हैं। आप श्री सनातन धर्म संगठन के पर्व सूची कलेंडर पर श्रद्धा विश्वास बनाए रखें। गलती किसी भी व्यक्ति से हो सकती है लेकिन फिर 100% तक यही प्रयास रहता है कि ईश्वर वो दिन न दिखाएं
क्षमा याचक
आचार्य डॉ. महेन्द्र शर्मा “महेश”
पर्व सूची संयोजक एवं विप्र वृंद श्री सनातन धर्म संगठन एवं शास्त्री परिवार, पानीपत।

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