-पार्टी की टिकट को लेकर नेताओं की दिल्ली में बढ़ी भागदौड़ -दिल्ली में अपने आला नेताओं से मिल कर रहे नेता अपनी मजबूत दावेदारी – छोटे से छोटे बड़े से बड़े संपर्क सूत्र को साध किया जा रहा टिकट का जुगाड़ अशोक कुमार कौशिक नारनौल। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की अचानक घोषणा होने से प्रदेश के सभी राजनीतिक दल सकते में आ गए हैं। पिछली बार के मुकाबले करीब एक माह पहले चुनाव का ऐलान हो गया है। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार समेत तमाम विपक्षी दल इस समय धरातल पर चुनावी माहौल तैयार करने में जुटे हुए थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लगातार घोषणाएं कर रहे थे और उनकी अधिसूचनाएं जारी करवा रहे थे, लेकिन चुनाव की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर ब्रेक लग जाएगा। हरियाणा में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं अंतिम चरण में हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा की गई कई घोषणाएं अभी पूरी नहीं हो पाई हैं। हरियाणा में चुनावी बिगुल बजते ही टिकट दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा तथा कांग्रेस की टिकट पाने के इच्छुक नेता अपने राजनीतिक आकाओं से मिलकर जुगत भिड़ा रहे हैं। भाजपा के लोग संघ व भाजपा शीर्ष नेतृत्व वह प्रभावशाली नेताओं के दरवाजे खटखटा रहे हैं। हालांकि इस बार दोनों पार्टियों नए चेहरे और सर्वे को ज्यादा तवज्जों दे रही है फिर भी टिकट की आस में भाजपाईयों तथा कांग्रेसियों धड़कने बढ़ी हुई है। वह टिकट पाने के लिए इतने लालायित हैं की छोटे से छोटे और बड़े से बड़े संपर्क सूत्र को टटोलना में जुटे हुए हैं और उनको साधनें के लिए परिक्रमा कर रहे है। कांग्रेस पार्टी से भी अपने हल्के की टिकट हासिल करने को लेकर कांग्रेसी नेता व भावी उम्मीदवार अपना एक पैर अपने क्षेत्र में तथा दूसरा पैर दिल्ली दरबार में अपने आका नेताओं की हाजरी लगाने में जमा रखा है। कांग्रेसी नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी की लिस्ट में अपना नाम डलवाने को लेकर भावी प्रत्याशी बराबर अपने हल्के की जनता और दिल्ली में बैठे नेताओं के हाजरी लगा रहे है। पार्टी से टिकट के लिए आवेदन करने के बाद हरियाणा में जल्द हुई चुनावी घोषणा ने नेताओं की टिकट को लेकर दिल्ली की ओर भागदौड़ ज्यादा ही बढ़ा दी है। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की टिकट की मारामारी को लेकर मची भागदौड़ ने नेताओं के दिल की धड़कन, बीपी और शुगर भी बढ़ा दिया है। दक्षिण हरियाणा से जुड़े कांग्रेसी नेताओं की सबसे ज्यादा भीड़ टिकट को लेकर रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के दिल्ली निवास पर तथा हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के कार्यालय पर देखी जा सकती है। आज कल पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी दिल्ली में अपने पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा को मिले सरकारी सांसद आवास को अपना घर बना रखा है। कुछ माह पूर्व हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हरियाणा से पांच सांसद जीतने के बाद से पार्टी कार्यकताओं में पूरा जोश है और पूरे प्रदेश से 90 हल्को में लगभग ढाई हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक बनने के लिए पार्टी टिकट के लिए निर्धारित शुल्क राशि जमाकर आवेदन किया है। भाजपा व कांग्रेस में अटेली, नांगल चौधरी, नारनौल व महेंद्रगढ़ टिकट की चाह रखने वालों की लिस्ट लंबी है। दोनों पार्टियों की टिकट चाहने वालों की कतार लगी है। जिला महेंद्रगढ़ में चारों विधानसभाओं से कांग्रेस की टिकटों के लिए 99 लोगों ने दावेदारी जताई है। कांग्रेस की टिकट के लिए महेंद्रगढ़ से तीन, अटेली से 27, नांगल चौधरी से 29 तथा नारनौल से 40 लोगों ने आवेदन किया है। टिकट की चाह में भाजपा अटेली विधानसभा से दावेदार एडवोकेट नरेश यादव संघ के पूर्ण कालिक वरिष्ठ विचारक राजाभाऊ देशपांड से मिले। अटेली, नारनौल, महेंद्रगढ़ व नांगल चौधरी से दावेदार पार्टी व संघ नेताओं के साथ-साथ महंत और मठाधीशों की शरण में जा रहे हैं। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सिंह सैनी, अलवर के सांसद भूपेंद्र सिंह यादव, राव इंद्रजीत सिंह, बाबा रामदेव व तिजारा से विधायक महंत बालक नाथ का आशीर्वाद लेने में जुटे हैं। टिकट की चाह उन्हें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली की खाक छनवा रही है। यही वस्तुस्तिथि आजकल कांग्रेस की बनी हुई है। हुड्डा गुट के लोग भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ दीपक बावरिया की परिक्रमा कर रहे हैं तो शैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ-साथ दीपक बावरिया, भंवर जितेंद्र सिंह, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, अजय माकन तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी एक कार्यालय के साथ मलिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी तथा सोनिया गांधी के संपर्क सूत्रों को साधकर टिकट का जुगाड़ बैठाने में लगे हैं। राजनीतिक आकाओं के साथ-साथ महंत, बाबा तथा मंदिरों में पूजा अर्चना कर टिकट मिलने की मनोकामना रखें हैं। 90 हलकों में चुनावी सर्वे राजनीतिक दृष्टिकोण से तैयारियों की अगर बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी ग्राउंड पर सभी 90 हलकों में चुनावी सर्वे करवा चुकी है। भाजपा के पर्यवेक्षकों की टीम चुनावी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ग्राउंड पर वेरीफिकेशन भी कर चुकी है। भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी रैलियों का कार्यक्रम भी तय किया जा चुका है। टिकट के लिए कांग्रेस के पास 2700 आवेदन भाजपा पिछले करीब एक माह से चुनावी मोड पर काम कर रही है, लेकिन उसे भी यह उम्मीद नहीं थी कि केंद्रीय चुनाव आयोग अचानक चुनाव की तारीख की घोषणा कर सकता है। दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस भी चुनावी मोड में है। कांग्रेस द्वारा प्रदेश के सभी 90 विधानसभा हलकों से चुनाव लड़ने के चाहवानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुनाव की घोषणा से पहले ही 90 सीटों के लिए कांग्रेस के 2700 नेता टिकट के लिए आवेदन कर चुके हैं। हुड्डा और सैलजा के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए चल रही लड़ाई अभी भी कांग्रेस नेतृत्व के लिए अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिसे पार पाने के लिए आलाकमान उम्मीदवार तय करने के लिए दोनों दिग्गजों के लिए सीटों का कोटा निर्धारित करने पर भी विचार कर रहा है, परंतु इसमें कितनी सफलता मिलेगी यह तो उम्मीदवारों के नाम सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। लोकसभा चुनाव के नतीजों से यह साफ है कि लड़ाई टक्कर की है और कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही सियासी पार्टियां किसी तरह का मौका नहीं गंवाना चाहती। लेकिन टिकट की चाह रखने वाले उम्मीदवारों का एक आंकड़ा कांग्रेस को हरियाणा में मजबूती स्थिति में दिखा रहा है, लेकिन यही आंकड़ा पार्टी के लिए मुसीबत भी बन सकता है। कांग्रेस में पहली परीक्षा पूरी, दूसरी पर चल रहा काम उम्मीदवारों का नाम फाइनल करने के लिए कांग्रेस ने बंगलौर की मार्केटिंग एवं मैनेजमेंट कंपनी को सर्वे का काम सौंपा हैं। कंपनी एक सर्वे पूरा कर चुकी है और 11 अगस्त को शुरू हुआ सर्वे 20 अगस्त तक चलेगा। दूसरे सर्वे में कंपनी प्रत्येक सीट पर पांच से आठ उम्मीदवारों के नाम शार्टलिस्ट करेगी। दूसरा सर्वे पूरा होने के बाद तीसरा सर्वे शुरू किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक विधानसभा के लिए तीन नाम शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे। इसी सर्वे लिस्ट के आधार पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी। इसी साल 25 मई को हुए लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल के सर्वे का काम इसी कंपनी को सौंपा था। कांग्रेस को मिल सकती हैं 56 से 62 सीट बंगलौर की कंपनी ने अपने पहले सर्वे में कांग्रेस को प्रदेश की 90 में में 56 से 62 सीट मिलने की संभावना व्यक्त की है। लोकसभा चुनावों में भी कंपनी ने कांग्रेस को 10 में से पांच से आठ सीट मिलने की उम्मीद जताई थी और कांग्रेस पांच सीट जीतने में सफल रही। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद में प्रदेश कांग्रेस के नेता उत्साहित दिख रहे हैं। कांग्रेस के कैप्टन ने फिर दी हुड्डा को चुनौती मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे मानकर चल रहे भूपेंद्र हुड्डा को कुमारी शैलजा पहले से ही चुनौती देती रही है। विधानसभा चुनावों के बाद पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी शैलजा की लाइन पकड़ ली है। शुक्रवार को कैप्टन अजय यादव ने कहा कि टिकट वितरण में इस बार किसी नेता के लिए कोटा नहीं होगा। राहुल गांधी स्पष्ट कर चुके हैं कि टिकट वितरण में किसी नेता की एकतरफा नहीं सुनी जाएगी और सभी को बताकर ही टिकट दी जाएगी। कैप्टन ने हुड्डा के साथ राजबब्बर पर निशाना साधते हुए कहा कि 15 दिन में सात लाख से अधिक वोट लेने के लिए उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं थी। रेवाड़ी में राजबब्बर को कोई नहीं जानता था, फिर भी उन्हें 60 हजार वोट मिले। जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह वोट कांग्रेस पार्टी व हमारे द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए काम की बदौलत मिले। Post navigation जजपा में बिखराव, कौन जिम्मेदार? क्रेच, प्रीस्कूल, प्री-प्राइमरी, नर्सरी स्कूल अध्यापक इग्नू से करें डीईसीई :डॉ धर्म पाल