-कमलेश भारतीय हरियाणा में सबसे नयी पार्टी जजपा, जिसने पहली ही बार में सिर्फ दस विधायकों के बावजूद सत्ता का पूरे साढ़े चार साल स्वाद चखा, अब वह बुरी तरह टूटन और बिखराव की ओर बढ़ चुकी है । आचार संहिता लगते ही जजपा के चार विधायक देवेंद्र बबली, रामकरण काला, ईश्वर सिंह और अनूप धानक जजपा से इस्तीफा देकर नयी पार्टी की खोज में निकल पड़े हैं । यानी यदि आप असंतुष्ट रामकुमार गौतम को भी इनमें जोड़ लें तो आधे विधायक जजपा को बाॅय बाॅय कह चुके हैं । आखिर जजपा में इतने बड़े बिखराव का जिम्मेदार कौन? यह सवाल सहज ही उठता है। जब भाजपा से गठबंधन हुआ था, तब वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम को यह विश्वास था कि दादा कहने वाला दुष्यंत उन्हें मंत्रिमंडल में साथ मंत्री बनायेंगे लेकिन आस निरास भई और जिला हिसार से अनूप धानक को मंत्री बनवा दिया । दादा गौतम बुरी तरह नाराज़ हो गये और साफ कहा कि इतने मलाईदार विभाग अपने पास रख लिये, किसी दूसरे को भी कुछ बांटा होता और यह नाराजगी आज तक चल रहीं है । मंत्रीपद मिला देवेंद्र बबली को, पंचायत मंत्री और सरपंचों की अनुदान राशि पर ही पंचायतों को नाराज़ कर दिया । वैसे देवेंद्र बबली और ईश्वर सिंह कांग्रेस टिकट के दावेदार थे लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस में टिकट से वंचित रह गये और जजपा ने इन्हें हाथों हाथ लिया और ये संयोग से जीत भी गये । यदि कांग्रेस ने टिकट दी होती तो ये कांग्रेस के पाले में बैठते पर यही राजनीति है । अब भी ये दोनों कांग्रेस का द्वार वाया सुश्री सैलजा खटखटा सकते हैं । देवेंद्र बबली ने तो लोकसभा चुनाव में ही सुश्री सैलजा का साथ दिया।जजपा ने अपने विधायकों को उपेक्षित किया, शायद यही टूटने और बिखरने का बड़ा कारण है । कुछ दुष्यंत की उपमुख्यमंत्री के रूप में इनकी उपेक्षा, जो आरोप रामचरण काला ने लगाये भी थे । सबसे बड़ी बात कि अनुभवी डाॅ अजय चौटाला ने कभी इन विधायकों की तकलीफों या नाराजगी पर कोई बात भी नहीं की । इसके अध्यक्ष निशान सिंह भी कांग्रेस में चले गये तब जाकर डाॅ अजय बोले कि हम तो उन्हें सरदार जी कहते थे पर उनके मन में क्या था, यह नहीं जान पाये ! इस तरह पुराना साथी खो दिया । अब विधानसभा की तैयारियों के ऐन बीच में इस तरह विधायकों का पार्टी का साथ बीच मंझदार छोड़ जाना, बहुत ही संकट बढ़ाने वाला है । पहले लोकसभा चुनाव भी हारे, कोई दूसरा दल समझौता या गठबंधन करने में कोई रूचि नही दिखा रहा तो क्या होगा विधानसभा चुनाव में?? एक ईट क्या गिरी मेरे मकान कीलोगों ने आने जाने का रास्ता बना लिया!!-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी. 9416047075 Post navigation भ्रष्टाचार में रिकार्ड बनाने वाले मांग रहे हैं हिसाब, प्रदेश की जनता देगी जवाबः नायब सैनी हरियाणा के नेताओं का एक पैर हल्के में तो दूसरा दिल्ली में, टिकट की चाह में परिक्रमा