केंद्र की मोदी सरकार भी बांग्लादेश पर सैनिक कार्रवाई नहीं कर रही दुनिया के सनातनी एक हाथ में गीता और एक हाथ में भाला अवश्य रखें बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अपनी आंखें बंद करके चुप्पी साध रखी है फतह सिंह उजाला गुरुग्राम । अपनी बात प्रखर और डंके की चोट पर कहने के लिए विख्यात काशी सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, बांग्लादेश के दो टुकड़े कर वहां हिंदू राष्ट्र अलग बनाया जाना चाहिए। बांग्लादेश हो या फिर पाकिस्तान हो, दोनों ही देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ विशेष रूप से बहन बेटियों के साथ लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। यह बात उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश के घटनाक्रम और वहां के हिंदुओं पर हुए अत्याचार के संदर्भ में टेलीफोन पर विशेष बातचीत के दौरान कही । उन्होंने कहा दुनिया भर के सनातनी हिंदुओं को अपना सनातनी इतिहास अवश्य पढ़ाना चाहिए। सनातनी हिंदू अपने एक हाथ में गीता और एक हाथ में भाला रखना आरंभ कर दें। हमारे अपने सनातन देवी देवताओं को भी देखें तो सभी देवी देवताओं के हाथ में कोई ना कोई हथियार अवश्य मौजूद रहा है। यह हथियार विपदा के समय अपनी और कमजोर की रक्षा के लिए ही होता था। हाथ में हथियार रहेगा तो निश्चित रूप से सनातनी हिंदू संरक्षित और सुरक्षित भी रहेगा। संविधान में और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी कहा गया है , आत्मरक्षा के लिए उठाया गया हथियार अथवा अस्त्र अपराध की श्रेणी में नहीं माना जा सकता। शंकराचार्य नरेंद्रानंद महाराज ने बांग्लादेश के घटनाक्रम को लेकर तल्ख शब्दों में कहा, जितनी भी निंदा की जाए वह काम है । वहां की सेना का दायित्व बनता है कि मानवता की रक्षा की जाए। लेकिन आई एस आई और एजेंट सहित जमातियों का सहयोग देने का काम किया गया। शंकराचार्य ने कहा बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को जल्द से जल्द भारत से बाहर भेज देना चाहिए। यदि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का संरक्षण ही भारत सरकार को करना है, तो बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा सेना को बांग्लादेश भेज कर शेख हसीना को प्रधानमंत्री की गद्दी दिलवाई जाए। आई एस आई के एजेंट और वहां के जमातियों को 72 हूरों के पास जल्द से जल्द भेजना चाहिए। बांग्लादेश में रह रहे सभी सनातनी हिंदुओं को वहां अलग से हिंदू राष्ट्र बनाया जाने की मांग भी करनी चाहिए। शंकराचार्य नरेंद्रानंद ने इसी कड़ी में आगे कहा भारत देश में भी विधर्मियों को मताधिकार से वंचित कर उनकी नागरिकता को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा जनसंख्या नियंत्रण कानून, धर्मांतरण पर कानून, समान नागरिक संहिता और एक समान शिक्षा नीति समय की जरूरत बन गई है। केंद्र की मोदी सरकार को लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर जल्द से जल्द भारत को वैदिक हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए। केंद्र की मोदी सरकार सनातन और हिंदुओं के हित में अनुकरणीय कार्य कर रही है । उन्होंने कहा संविधान में अनेक बार संशोधन किए गए और अब हालात को देखते हुए संविधान में और भी संशोधन की आवश्यकता है। जनसंख्या नियंत्रण और धर्मांतरण पर कानून भारत देश में भी अवश्य होना चाहिए। Post navigation विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता की जिला में पालना हो सुनिश्चित : डीसी एम्बियन्स मॉल, गुरुग्राम में बम्ब रखने की ई-मेल प्राप्त, कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई