लोकसभा वाली गलती से बच रही है भाजपा, कार्यकर्ताओं से मांगे तीन नाम

क्या हरियाणा में भाजपा इनको देगी टिकट?, बॉक्स में सील हो गए नाम

नारनौल में भी दो सदस्य टीम ने ली रायसुमारी

अशोक कुमार कौशिक 

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को यूपी, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में झटका लगने के पीछे एक वजह उम्मीदवारों का चयन भी मानी जा रही थी। पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट में भी कहा गया था कि भाजपा ने कई ऐसे चेहरों को रिपीट किया था, जिनसे जनता नाराज थी। इसका खामियाजा तमाम सीटों पर हार के तौर पर दिखा। अब भाजपा उम्मीदवारों के चयन में नया प्रयोग कर रही है और सीधे स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह बहुत ज्यादा व्यापक नहीं थी। जिला अध्यक्षों पार्टी के सभी इकाइयों के लोगों को सूचना ही नहीं दी। फल स्वरुप रायशुमारी में पार्टी के अन्य इकाइयों के लोगों की राय नहीं ली गई।

हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूरे प्रदेश में रायशुमारी की है। 

भाजपा ने रविवार को हरियाणा में जिला स्तर पर सर्वे कराए। सभी जिला मुख्यालयों में मतदान कराया गया, जिनमें स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपनी पसंद के तीन नाम लिखकर देने को कहा गया।

इसके लिए पार्टी ने राज्य इकाई, जिला, मंडल और तमाम मोर्चों के नेताओं को बुलाया था। इसके अलाव पूर्व विधायक, सांसद और स्थानीय निकायों में प्रतिनिधियों ने भी वोट डाले। इन नेताओं से पूछा गया था कि वे बताएं कि अपने विधानसभा क्षेत्र में आप किन तीन नेताओं को टिकट का दावेदार मानते हैं। इन लोगों को एक स्लिप दी गई थी, जिनमें तीन नाम भरने की जगह थी। इन स्लिपों में तीनों नाम भरने के बाद उसे बॉक्स में डाल दिया गया। भाजपा के एक नेता बताया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि कार्यकर्ताओं को भरोसे में लिया जा सके। वे खुद को पार्टी की रणनीति में शामिल मान कर चलें और चुनाव में अच्छी मेहनत करें। 

यह प्रक्रिया सभी जिलों में अपनाई गई। पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर मतदान कराया और इलाके की सभी सीटों को लेकर यह एक तरह का आंतरिक सर्वे भी था। इस दौरान चुनाव प्रभारियों की भी मौजूदगी रही। भाजपा नेताओं का कहना है कि हरियाणा की सभी 90 सीटों पर कार्यकर्ताओं की राय लगी गई है। भाजपा अकेले ही सभी सीटों पर उतरने जा रही है और उसका जजपा से गठबंधन टूट चुका है। पिछली बार भी यह गठबंधन चुनाव के बाद ही बना था क्योंकि पहले भाजपा अकेले ही चुनाव में उतरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत न मिलने पर गठबंधन सरकार बनाई थी। 

नारनौल में पू्र्व मंत्री करण देव कंबोज व कुलभूषण गोयल, पंचकूला में घनश्याम दास अरोड़ा व राहुल राणा, अंबाला में कंवरपाल गुर्जर व योगेश शर्मा, यमुनानगर में वेदपाल एडवोकेट व वरुण श्योराण, कुरुक्षेत्र में सीमा त्रिखा व अरविंद यादव, कैथल में असीम गोयल व बंतो कटारिया, करनाल में कृष्ण बेदी व शंकर धूपड़, पानीपत में सुभाष बराला व सतीश नांदल, सोनीपत में अर्चना गुप्ता व महेश चौहान, जींद में महिपाल ढ़ांडा व भूपेंद्र सिंह, रोहतक में संदीप जोशी व मनीष मित्तल, झज्जर में कैप्टन अभिमन्यु व अजय बंसल, हिसार में जेपी दलाल व संतोष यादव, सिरसा में संजय कटारिया वह अमरनाथ सौदा, फतेहाबाद में मंत्री बनवारी लाल व मदन गोयल भिवानी में कमल गुप्ता व सुनीता दांगी, दादरी में विपुल गोयल व रेनू डाबला, रेवाड़ी में विशंभर वाल्मीकि व जवाहर यादव, गुरुग्राम में रामचंद्र जांगड़ा व भानी राम मंगला, पलवल में अरविंद शर्मा व जीएल शर्मा, नूंह में सुखविंदर श्योराण व दीपक मंगला तथा फरीदाबाद में सुरेंद्र पूनिया व हरविंदर कोहली ने भाजपा के लोगों से रायशुमारी की।

दावेदारों की लंबी लिस्ट, स्क्रीनिंग में भी पार्टी को मिलेगी मदद

सर्वे के दौरान कार्यकर्ताओं ने उम्मीदवार के लिए पसंद के तीन नाम तो गिनाए ही। इसके साथ ही इलाके की कुछ समस्याएं भी गिनाईं, जिनके समाधान की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि इस सर्वे के आधार पर ही चुनावी रणनीति तय होगी। इस सर्वे की वजह यह भी है कि जाना जा सके कि लोगों को कौन से नेता पसंद हैं और किनसे वे नाराज हैं। दरअसल पार्टी पार्टी में टिकट के दावेदारों की भी लंबी लिस्ट है। ऐसे में उनकी स्क्रीनिंग के लिए यह एक तरीका पार्टी ने निकाला है।

वही नारनौल में एक भाजपा नेता का यह कहना है कि नारनौल में सब कुछ सुनियोजित तरीके से अपने अपने आदमियों को बुलाया गया। भाजपा के अनेक वरिष्ठ नेताओं और संगठन से जुड़े लोगों को सूचना तक नहीं दी गई। नारनौल में दो महिला नेत्रियों जिसमें से एक जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई है व एक पूर्व विधायक के पुत्र के नाम दिए गए हैं। अनेक संगठन के नेताओं का कहना है की नारनौल में रायसुमारी व्यवस्थित तरीके से नहीं की गई।

प्रदेश भर के पार्टी पदाधिकारियों ने इस प्रक्रिया में भाग लिया और तीन संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नाम सुझाए। इन नामों को विशेष बक्सों में बंद करके सील किया गया।

इन नामों को प्रदेश भर से संग्रहित करके एकत्र किया गया और सुरक्षित रूप से इन्हें प्रदेश पार्टी कार्यालय मंगल कमल में जमा कराया गया। 

दरअसल, भाजपा इस प्रकिया के तहत की आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे उपयुक्त और मजबूत उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए यह रायशुमारी की गई, जिससे पार्टी को स्थानीय स्तर पर सबसे लोकप्रिय और जिताऊ उम्मीदवारों की जानकारी मिल सके। 

रायशुमारी के तहत जमा किए गए बक्से अब पार्टी केन्द्रीय नेतृत्व कमेटी के सामने खोले जाएंगे। यह कमेटी ही आखिरी फैसला लेगी कि किस उम्मीदवार को टिकट दिया जाए। केन्द्रीय नेतृत्व का निर्णय पार्टी के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि भाजपा आगामी चुनाव में अधिकतम सीटें जीत सके।

भाजपा आगामी चुनाव के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सबसे योग्य उम्मीदवारों को ही चुनना चाहती है। अभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा क्षत्रप नेताओं की राय को भी लिया जाएगा। इस बार हरियाणा में भाजपा की स्थिति कमजोर है इसलिए वह हर एंगल से तीसरी बार सरकार बनाने के जुगाड़ में लगी हुई है। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि बॉक्‍स में किन-किनके नाम निकलते हैं और किन्‍हें पार्टी की ओर से टिकट दिया जाएगा। लेकिन यह तो है कि जिन लोगों के नाम इस रायशुमारी में भेजे गए हैं उनके समर्थक उत्साहित है।

Previous post

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वर्ष 2000 में पहली बार अपने नागपुर मुख्यालय में तिरंगा फहराया था : विद्रोही

Next post

व्यापारमंडल कचरा प्रबंधन तक निज कोष से कराए तो किन सुविधाओं के लिए टैक्स भरें दुकानदार ? माईकल सैनी (आप)

You May Have Missed