एचईआरसी ने इस संबंध में बनाए नए विनियम

डिस्कॉम्स को अपने सीएसआर फंड से मदद करनी होगी ई चार्जिंग स्टेशन के इंस्टालेशन में

रूफ टॉप सोलर इंस्टाल के मामले में भी नियमों को किया गया सरल

10 किलोवाट तक के क्षमता के रूफ टॉप सोलर के लिए तकनीकी व्यवार्हयता की शर्त को किया खत्म

एचईआरसी के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा

चंडीगढ़ , 27 जुलाई, 2024 । हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने दो नए विनियम बनाए हैं, इन विनियमों के अनुसार 200 किलोवाट तक लोड के लिए ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन की स्थापना में प्रदेश की बिजली वितरण निगमों के सीएसआर फंड से मदद की जाएगी। डिस्कॉम्स के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड में कमी की स्थिति में प्रदेश की बिजली वितरण कंपनी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की पिटीशन में इसका क्लेम कर सकती हैं। इसके अलावा अब 10 किलोवाट तक के क्षमता के रूफ टॉप सोलर के लिए तकनीकी व्यवार्हयता की शर्त को खत्म कर दिया है।

एचईआरसी के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा और सदस्य मुकेश गर्ग ने इस संबंध में एक जनसुनवाई की थी। उसके बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इन विनियमों को नोटिफिकेशन करवा दिया गया, यह विनियम पूरे हरियाणा में लागू हो गए हैं। इससे बिजली उपभोक्ताओं को भारी राहत मिलेगी। सौर ऊर्जा को बढावा देने के लिए बिजली उपभोक्ताओं की लंबे समय से मांग चल रही थी कि इनके विनियमों में सरलता होनी चाहिए। इस मामले में 10 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप सोलर फोटो वोल्टाइक सिस्टम के लिए पूर्ण रूप से सही आवेदन, तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता के बिना ही स्वीकृत माने जाएंगे और उपभोक्ता के स्वीकृत लोड में कोई भी आवश्यक बढ़ोतरी, जैसा कि आवश्यक हो वह यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन द्वारा की जाएगी।

इसके अतिरिक्त तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन के दौरान, इन विनियमों में निर्दिष्ट रूफटॉप सिस्टम क्षमता और उपलब्ध
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (डीटी) लोडिंग के संबंध में, आवेदन में किसी प्रकार की कमियां पाई जाती हैं तो इसे यूएचबीवीएन एवं डीएचबीवीएन द्वारा आवेदक को आवेदन की स्वीकृति की तारीख से 15 दिनों के अंदर ईमेल / एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा, अन्यथा यह माना जाएगा कि प्रस्ताव तकनीकी रूप से व्यवहार्य है। आयोग के इन दोनों नए विनियमों से ग्रीन एनर्जी को बल मिलेगा और इससे इस संबंध में हरियाणा को जो भारत सरकार से ग्रीन एनर्जी को बढावा देने के लिए टारगेट मिले हैं उसको पूरा करना आसान होगा। अनेकों उपभोक्ताओं को इसका लाभ होगा।

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