हजारों नागरिकों को अपने आवश्यक कार्य करवाने से वंचित रहने पर भारी आर्थिक, मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है : विद्रोही जब डीआईटीएस के माध्यम से विभिन्न जिलों में कम्प्यूटर आपरेटर को वेतन मिलता है, तो फिर उन्हे हरियाणा कौशल विकास रोजगार निगम में जाने को क्यों मजबूर किया गया? विद्रोही 20 जुलाई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की हठधर्मिता के चलते विगत छह रोज से प्रदेशभर में चल रही कम्प्यूटर आपरेटरों की हडताल से प्रदेश को लगभग 400 करोड़ रूपये का राजस्व नुकसान हो चुका है, वहीं हजारों नागरिकों को अपने आवश्यक कार्य करवाने से वंचित रहने पर भारी आर्थिक, मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। विद्रोही ने कहा कि विगत पांच वर्षो से कम्प्यूटर आपरेटर लगातार भाजपा सरकार से मांग करते आ रहे है कि उनके सेवा नियम शर्तो में सुधार करके ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जाये जिससे उनकी नौकरी भी सुरक्षित रहे और उन्हे समय पर नियमित वेतन भी मिलता रहे। लेकिन सत्ता अहंकारी भाजपा सरकार ने कम्प्यूटर आपरेटरों की बातो व मांगों पर ध्यान देने की बजाय अपनी मनमानीे उन पर थोपकर पहले उन्हे बाध्य करके हरियाणा कौशल विकास रोजगार निगम के माध्यम से दोबारा अनुबंध आधार पर नौकरी करने को बाध्य किया और जिन आपरेटरों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, उनका वेतन रोक दिया। रेवाडीे जिले में ही 20 कम्प्यूटर आपरेटर ऐसे है जो अपना वेतन पाने के लिए दो वर्षो से जूझ रहे है। सरकार की ओर से इनका 8 माह का बकाया पड़ा है। ऐसी स्थिति में सहज अनुमान लगा ले कि वे कैसी आर्थिक स्थितियों से गुजर रहे है। विद्रोही ने कहा कि जब डीआईटीएस के माध्यम से विभिन्न जिलों में कम्प्यूटर आपरेटर को वेतन मिलता है, तो फिर उन्हे हरियाणा कौशल विकास रोजगार निगम में जाने को क्यों मजबूर किया गया? डीआईटीएस के माध्यम से जो पैसा वेतन के रूप में इन आपरेटरों को मिलता है, वह पैसा सर्विस के रूप में जिला उपायुक्त कार्यालय उपभोक्ताओं से वसूलता है। सरकार इन कम्प्यूटर आपरेटरों को अपने बजट से एक पैसा भी नही देती जबकि सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यो के लिए यही कम्प्यूटर आपरेटर करोड़ों रूपये का राजस्व सरकार के लिए जुटाते है। फिर इन कम्प्यूटर आपरेटरों को सरकार खजाने से वेतन क्यों नही दिया जाता? वहीं जिला स्तर पर बनी डीआईटीएस को सुदृढ़ करके उनका एकीकरण करके प्रदेश स्तर पर एक हरियाणा राज्य स्तर की इनफोरल टैक्नोलॉजी संस्था क्यों नही बनाई जाती और उस संस्था को सरकार बजट आवंटित करके कम्प्यूटर आपरेटरों को नियमित वेतन समय पर मिले, इसकी व्यवस्था क्यों नही करती। विद्रोही ने मांग की कि डीआईटीएस के तहत काम करने वाले प्रदेश में लगभग 2768 कम्प्यूटर आपरेटर की मांगे सरकार मानकर उनकी हडताल समाप्त करवाये व आमजन को ड्राईविंग लाईसेंस, जमीन रजिस्ट्री आदि कम्प्यूटर से सम्बन्धित सरकारी कार्यो में आ रही बाधा को दूर करके उन्हे राहत देने की पहल करे। वहीं कांग्रेस राज के समय कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की पोलिसी में जो भी आवश्यक परिवर्तन भाजपा सरकार करना चाहती है, उन्हे करके प्रदेश के लगभग एक लाख 19 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करे। Post navigation बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है ‘हरियाणा मांगे हिसाब’, भाजपा ने आरंभ किया ‘हुड्डा दे जवाब’ हांसी-महम-रोहतक-नई दिल्ली रेलमार्ग पर सिरसा से शुरू की जाए इंटरसिटी ट्रेन : कुमारी सैलजा