क्या अमित शाह के महेंद्रगढ़ दौरे पर लिखी गई पटकथा? क्या इसके बाद भुपेंद्र हुड्डा होंगे ईडी के शिकार? अमित शाह का पाई पाई का हिसाब को लेकर कयास अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में कांग्रेस के दो नेता ईडी के रडार पर हैं। कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोक्कर के आवासों पर बीते दिन ईडी ने रेड डाली थी, लेकिन अब हरियाणा के ही एक अन्य कांग्रेस विधायक राव दान सिंह के ठिकानों पर दबिश दी है। ईडी ने गुरुवार को राव दान सिंह के बहादुरगढ़ में कंपनी पर रेड डाली और यहां पर करीब 15 घंटे तक जांच की। गुरुवार रात 10 बजे के करीब यहां से ईडी की टीम निकली। हालांकि, गुरुग्राम में राव दान सिंह के ठिकानों पर साढ़े बारह घण्टों तक ईडी की रेड चली। महेंद्रगढ़ क्षेत्र में दोनों ठिकानों पर छह गाड़ियों में करीब 15 अधिकारी पहुंचे थे। उनकी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के भी कई जवान तैनात रहे। टीम ने राव दान सिंह के परिवार के सभी के मोबाइल कब्जे में ले लिए और किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी। यह कार्रवाई देर रात तक चली। गौरतलब है कि ईडी की कार्रवाई से दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महेंद्रगढ़ में थे। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सम्मेलन को संबोधित करने के लिए महेंद्रगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान पर कटाक्ष किया था। कांग्रेस के हरियाणा मांगे हिसाब अभियान का जवाब देते हुए कहा कि मैं बनिया का बेटा हूं, पाई पाई हिसाब लेकर आया हूं। उन्होंने कहा कि हमारे दस साल और हुड्डा के दस साल का काम देख लें। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री के बयान के बाद राव दान सिंह से भी पाई-पाई का हिसाब लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया जा रहा है की राव दान सिंह पर शिकंजा कसने की पटकथा यही से शुरू की गई। धर्मसिंह छोक्कर के बाद राव दान सिंह पर ईडी का शिकंजा कसा गया, जो अब भुपेंद्र हुड्डा तक जा सकता है। राजनीतिक हलकों में अब इस बात के कयास बड़े जोरों से लगाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, ईडी ने 1300 करोड़ से अधिक के घोटाले में राव दान सिंह के 15 ठिकानों पर दबिश दी है। हरियाणा के ही बहादुरगढ़ में दिल्ली-रोहतक रोड़ पर एएसएल यानी एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड कंपनी में भी गुरुवार सुबह ईडी पहुंची थी। ईडी के आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी कंपनी में जांच के लिए पहुंचे थे और बाद में रात को कम्पनी के बैंक खातों से सम्बंधित रिकार्ड साथ लेकर चले गए। बता दें कि वर्ष 2022 में 1392 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई ने एफआईआर की थी। बाद में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया था। यह कंपनी विधायक राव दान सिंह के बेटे अक्षत सिंह और उनके परिवार से जुड़ी बताई जा रही है। उधर, गुरुग्राम में अब भी राव दान सिंह के ठिकाने पर जांच जारी रही । गुरुग्राम के सेक्टर-17 स्थित राव दान सिंह के आवास पर उनकी पत्नी और पुत्र वधु मौजूद थी। गुरुवार सुबह 7 बजे ईडी यहां पहुंची थी। बता दें कि हरियाणा के दो कांग्रेस विधायक ईडी के रडार पर हैं। ये दोनों विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों में हैं। इससे पहले, कांग्रेस विधायक धर्मसिंह छोकर के बाद घर पर भी ईडी ने रेड डाली थी और उनके बेटे को गिरफ्तार किया था। कांग्रेस नेता धर्म सिंह छोक्कर के मामले में 31 जुलाई को स्पेशल कोर्ट सुनवाई होगी। बता दें कि गुरुग्राम में 1500 फ्लैट से जुड़ा यह मामला है। किरण चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद हुई कार्रवाई, महेंद्रगढ़ से चार बार के विधायक हैं दान सिंह राव दान सिंह हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से विधायक हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटकर भूपेंद्र हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि ये चुनाव वे हार गए थे। कांग्रेस प्रत्याशी को 5,47,154 वोट मिले थे। कांटे की टक्कर में बीजेपी उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर 5,88,664 वोट लेकर लगातार तीसरी बार लोकसभा पहुंचे थे। उनके परिवार का इस मामले से कोई संबंध नहीं- कांग्रेस विधायक लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार के दौरान राव दान सिंह ने कहा था कि उनके परिवार का इस मामले से कोई संबंध नहीं है और उनके बेटे के खिलाफ मामला भी बंद कर दिया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि उनके बेटे का नाम एक कंपनी के साथ लेनदेन के कारण ईडी की जांच में आया था और कथित घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। कांग्रेस के एक प्रमुख अहीर नेता 68 वर्षीय राव दान सिंह, महेंद्रगढ़ से चार बार के विधायक हैं। दान सिंह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2000 में भाजपा के बड़े नेता राम बिलास शर्मा को लगभग 39,000 वोटों से हराया था। शर्मा 1982 से चार बार इस सीट पर जीत हासिल कर चुके थे। दान सिंह ने 2005 और 2009 में भी महेंद्रगढ़ सीट से जीत हासिल की थी। 2014 में वह राम बिलास शर्मा से हार गए थे। हालांकि, 2019 के चुनाव में दान सिंह ने रामबिलास शर्मा को हरा दिया था। चुनाव से पहले ‘इलाज’ माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को छका चुके राव दान सिंह विधानसभा चुनाव में भी सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं। ऐसे में अगर 1392 करोड़ के मामले में जांच आगे बढ़ी तो राव दान सिंह के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। बीजेपी की शिकायत पर कोल घोटाले में कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के सांसद रहे नवीन जिंदल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। बाद में जिंदल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल कर कुरुक्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया था। ये चुनाव नवीन जिंदल जीत गए थे। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते समय चुनाव आयोग को सौंपे अपने हलफनामे में दान सिंह ने उल्लेख किया कि उन पर कोई आपराधिक मामला नहीं चल रहा है। उन्होंने अपनी संपत्ति 18.04 करोड़ रुपये घोषित की है। सीएम नायब सिंह सैनी ने ईडी को एक स्वतंत्र एजेंसी करार दिया, जो जांच करती है और जहां जरूरी होता है, कार्रवाई करती है। उधर, ईडी की रेड पर भिवानी महेंद्रगढ़ से भाजपा के सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि ये रूटीन प्रक्रिया है और इसमें पक्ष और विपक्ष वाली कोई बात नहीं है। ऐसे में इसे राजनीतिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि राव दान सिंह भले ही मेरे प्रतिद्वंद्वी हों, लेकिन मेरे साथी रहें हैं। कांग्रेस ने छापेमारी को बताया राजनीति से प्रेरित राज्य कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने कहा, “यह उनकी फितरत है। जहां भी चुनाव होते हैं, चाहे महाराष्ट्र, झारखंड और अब हरियाणा, छापेमारी होती है। ईडी सक्रिय हो गया है।” उन्होंने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित और सत्तारूढ़ सरकार के इशारे पर की जा रही कार्रवाई करार देते हुए कहा, “हमें न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है। उन्हें अपना काम करने दीजिए। लोगों को भी अब एहसास हो गया है कि वे क्या कर रहे हैं।” वहीं, रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा की कार्यशैली को हर कोई जानता है। कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।” सोनीपत में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ईडी का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है और इस तरह की छापेमारी नई नहीं है क्योंकि एजेंसी का दुरुपयोग पूरे देश में व्यापक रूप से हुआ है। हरियाणा में तीन माह बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सभी दलों ने कमर कसना शुरू कर दिया है। इस बार मुकाबले में कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है। लेकिन विधायक राव दान सिंह के जरिए किए गए बैंक धोखाधड़ी का मुद्दा गरमा सकता है। बीजेपी इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस को घेरने का प्रयास करेगी। विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश का नाम दे रहे हैं। अगर ईडी को इस रेड में कुछ मिलता है, तो इससे ना सिर्फ कांग्रेस विधायक को नुकसान होगा, बल्कि हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को भी झटका लग सकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस भाजपा पर ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं धर्म सिंह छोक्कर व राव दान सिंह के घर चुनाव से पहले दबिश को कांग्रेस मुद्दा बना सकती है। Post navigation भूजल व्यवस्था सुधार एवं सुदृढीकरण का काम अंतिम चरण में 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