महंगाई को बढ़ावा दे रहे हैं जमाखोरी, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी    

महंगाई को लेकर सरकार ने साधी चुप्पी, रोम जल रहा है और नीरों बंसी बजा रहा है

चंडीगढ़, 13 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है और सरकार है कि हाथ पर हाथ रखकर केवल बयानबाजी में लगी हुई है। महंगाई के कारण गरीब और अमीर के बीच की खाई और भी गहरी हो जाती है ।  बढ़ती महंगाई के कारण समाज में रिश्वत, भ्रष्टाचार, चोरी, कालाबाजारी लगातार बढ़ रहा है। आम आदमी का जीना ही दूभर होता जा रहा है, रसोई घर से सब्जियां गायब होती जा रही है। तो खाद्य पदार्थों में बढ़ोत्तरी ने रसोई घर का बजट ही बिगाड़ कर रख दिया है। कोई भी सब्जी 60-80 रुपये प्रति किग्रा से कम नहीं है। प्याज खूब रूला रहा है, टमाटर खूब लाल हो रहा है, नींबू, लहसुन, परवल, खीरा के भी भाव चढ़े हुए है। कालाबाजारी को लगातार बढ़ावा देने वाली इस भाजपा सरकार को जनता सबक सिखाकर रहेगी, कांग्रेस की सरकार बनने पर जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि  महंगाई के इस दौर में हर घर का बजट बिगड़ चुका है, फल और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसी महंगाई में आम जनता अपने घर का गुजारा कैसे करे? लहसुन 300 रुपये किलो बिक रहा है एवं अन्य सब्जियों के दाम में भी 02 से 03 गुने का उछाल आया है। अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आई इस सरकार ने सिर्फ महंगाई बढ़ाई है, इस बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए भाजपा सरकार को अब सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण समाज में रिश्वत, भ्रष्टाचार, चोरी, कालाबाजारी लगातार बढ़ रहा है।  देश में जमाखोरी और मुनाफाखोरी एक बहुत ही आम कार्य बन गया है। जिसके कारण बहुत अधिक पक्षपात होता है, पक्षपात वितरण के कारण भी महंगाई दिन पर दिन बढ़ रही है।  उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े व्यापारियों के द्वारा जमाखोरी का कार्य किया जाता है, जिसके कारण बाजार में वस्तुओं की कमी होती है। इसके बाद वह व्यापारी मनमानी कीमत पर उन वस्तुओं को बेचते हैं।  महंगाई का एक कारण जमाखोरी, मुनाफाखोरी और कालाबाजारी भी है। महंगाई से जनता बहुत परेशान होती है और यह एक अभिशाप की तरह है ।

उन्होंने कहा कि भारत एक सीमित आय तथा सीमित संसाधनों वाला देश है इसकी 75 प्रतिशत आबादी गरीब मध्य वर्ग की है जिसके पास आय के सीमित स्रोत है, ऐसे में  महंगाई उनके रहन-सहन, खान -पान के स्तर को और भी निम्न स्तर पर पहुंचा देती है । समाज में महंगाई के कारण गरीब-अमीर की खाई और भी गहरी हो जाती है। सरकार है कि देश से गरीबी दूर करने का दावा कर रही है। महंगाई के चलते लोगों की दैनिक आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पाती। वे बच्चों को उचित शिक्षा, भोजन एवं सुविधा नहीं दे पाते हैं। केवल इतना ही नहीं, भूखा मरता क्या नहीं करता के आधार पर चोरी, डकैती, भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। बढ़ती महंगाई देश के लिए अभिशाप बन गई है। इससे देश का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

सब्जियों, खाद्य पदार्थों और फलों की कीमतों ने बिगाड़ा बजट

कुमारी सैलजा ने कहा कि सब्जियों, खाद्य पदार्थो और फलों की कीमतों ने घर का बजट ही बिगाडक़र रख दिया है महिलाओं के लिए घर चलाना दूभर हो गया है।  कोई भी सब्जी 60-80 रुपये प्रति किग्रा से कम नहीं है। प्याज खूब रूला रहा है, टमाटर खूब लाल हो रहा है, नीबू, लहसुन, परवल, खीरा के भी भाव चढ़े हुए है। पहले प्याज 60 रुपये पहुंच गया था जो अब 80 और कुछ शहरों में तो 100 रुपये प्रति किग्रा तक पहुंच गया है।  लहसुन 300 पार हो गया है, नींबू 200 से 250 प्रति किग्रा पहुंच गया है।  आलू 40 से 50 रुपये प्रति किग्रा तक है। परवल, भिंडी, खीरा, घीया, तोरी,  अरबी, बींस के  भी मिजाज बिगड़े हुए है। अदरक 250 से 300 रुपये तक, शिमला मिर्च 100 रुपये, हरा धनिया 300 रुपये प्रति किग्रा बिक रहे हैं। सब्जियों के भाव फलों पर भारी पड़ रहे हैं। सब्जियां पहुंच से दूर होती जा रही है, मसाले, दाल और अन्य खाद्य पदार्थ तक महंगे होते जा रहे हैं। ऐसे हालात में कहा जा सकता है कि रोम जल रहा है और नीरो बंसी बजा रहा है। कालाबाजारी को लगातार बढ़ावा देने वाली इस भाजपा सरकार को जनता सबक सिखाकर रहेगी, कांग्रेस की सरकार बनने पर जमाखोरी और कालाबाजारी में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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