हमारे पास पैसे/जमीन/जायदाद नही है तो क्या, जिगर है सरकार से लडने का – नवीन जयहिन्द

मैं किसी सांसद, विधायक के परिवार से नहीं जो 100 करोड़ रु दूंगा – जयहिंद

रौनक शर्मा

चंडीगढ़/रोहतक — जयहिंद सेना सुप्रीमो नवीन जयहिंद ने हरियाणा में होने वाले राज्यसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडने का ऐलान किया हुआ है। जिसके लिए जयहिन्द ने कांग्रेस, जेजेपी पार्टी के विधायकों के साथ साथ निर्दलीय विधायकों से अपने लिए समर्थन की अपील की हुई है वही अब हरियाणा में जेजेपी सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला ने नवीन जयहिंद के द्वारा राज्यसभा चुनाव लड़ने को लेकर एक प्रेसवार्ता के दौरान जयहिंद को बेचारा कहा साथ ही कहा की वे ऐसे स्थिति में नहीं है की राज्यसभा चुनाव लड़ सके। अजय सिंह चौटाला के इस बयान पर जयहिंद ने प्रतिकिया देते हुए कहा की हमारे पास न तो पैसे है और न ही जमीन जायदाद लेकिन हमारे पास सरकार से लडने का जिगर है।

अजय सिंह चौटाला ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा की राज्यसभा चुनाव के लिए पहले 10 विधायकों की इजाजत चाहिए है तब राज्यसभा का चुनाव लड़ा जाएगा बेचारे नवीन जयहिंद के पास कुछ नहीं है

जयहिंद ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए 100-100 करोड रुपए चाहिए होते हैं हमारे पास रुपए नहीं है। जिसका जमीर जिंदा है वह हमें बिना पैसों के वोट देगा और जिसका जमीर मरा हुआ है उनके वोट की हमे जरूरत नहीं है।

हम अपने जिगर के दम पर ही पिछले 20 साल से सरकार से लड़ रहे है और पिछले चार सालो का जिक्र करें तो हमने जनता के ऐसे ऐसे मुद्दे उठाए है जिनका समाधान सरकार को करना पड़ा। प्रदेश के ढाई लाख बुजुर्गो, विधवाओं व विकलांगो की पेंशन बनवाई, जब सीईटी का पेपर नही लिया जा रहा था तो हमने बेरोजगारो की बारात निकाली, सालों से सरकार के कब्जे में पड़ी पहरावर की जमीन से कब्जा छुड़वाया, जब खिलाड़ियों का खेल कोटा खत्म किया गया तो हमने सोटा उठाकर कोटा बहाल करवाया, जब सिंहपुरा गांव में दलितों के घर गिराए जा रहे थे तो हमने बुलडोजर के सामने खड़े होकर घर गिरने से बचाए, जब सरपंचों पर लाठियां बरसाई जा रही थी तो उनके साथ लाठियां खाने वाले हम थे, जब ओल्ड पैंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों पर लाठियां बरसाई जा रही थी तो उनके साथ लाठियां खाने वाले हम थे, जब एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था तो उसे लागू करवाने के लिए हम सड़को पर उतरे, जब आशा वर्कर्स व कर्मचारी धरनों पर बैठे थे तो हम उनके साथ खड़े थे, हरियाणा पुलिस की आवाज कोई नही उठा रहा था तो हमने उठाई और भत्ते भी बढ़े।

अगर जयहिंद पर दर्ज मुकदमों (केस) की बात करे तो गौ माता के लिए, गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछने के लिए, किसानों की आवाज उठाने को लेकर, भर्तियों में भ्रष्टाचार का विरोध करने को लेकर हम पर केस हुए। जबकि हरियाणा में किसी भी विपक्षी पार्टी के नेता ने आज तक सड़क पर उतरकर संघर्ष नहीं किया है वही अब चुनाव को देखकर नेता सड़को पर उतरकर स्टंट बाजी करने को तैयार हैं

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