– दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मंथली सभी अखबारों, टीवी व डिजिटल मीडिया के सभी पत्रकारों को मिले मान्यता

– कैशलेस कार्ड जारी करने, पत्रकार पेंशन योजना व प्रेस मान्यता के लिए जारी नई अधिसूचना वापस लेने की मांग

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चंडीगढ़, 5 जुलाई : चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन (सीएचजेयू) ने आज मुख्यमंत्री नायब सिंह से मुलाकात कर पत्रकारों की मांगों को उनके समक्ष रखा और एक ज्ञापन सौंपा। सीएचजेयू ने मुख्यमंत्री से इमरजेंसी दौरान जेल जाने वालों की तरह पत्रकारों की पेंशन भी 20 हजार रुपए महीना करने, सांध्य, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मंथली छपने वाले मध्यम, लघु व स्थानीय समाचार पत्रों, टीवी व डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को प्रेस मान्यता कार्ड पहले की तरह सीए रिपोर्ट पर प्रदान करने व पेंशन योजना के लिए जारी नई अधिसूचना की शर्तों को गैर-तर्कसंगत बताते हुए अधिसूचना वापस लेने की मांग की है।

सीएचजेयू के अध्यक्ष राम सिंह बराड़, प्रदेश चेयरमैन बलवंत तक्षक, चंडीगढ़ प्रेस क्लब के अध्यक्ष नलिन आचार्य ने मुख्यमंत्री नायब सिंह को दिए ज्ञापन में सीएम से कहा कि प्रदेश सरकार ने पत्रकारों को कर्मचारियों की तरह कैशलैस मेडिकल सुविधा देने का ऐलान किया था। अभी तक पत्रकारों को कैशलैस मेडिकल कार्ड नहीं मिले हैं।

सीएचजेयू ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सभी पत्रकारों को कैशलेस मेडिकल कार्ड की सुविधा दी जाएं। इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव प्रवीण आत्रेय भी मौजूद थे। सीएचजेयू ने सीएम से आग्रह किया कि पत्रकारों की निशुल्क बस सुविधा पर लगी किलोमीटर सीमा हटाते हुए पत्रकारों की अन्य लंबित सभी मांगे भी जल्दी लागू करवाएं। सीएचजेयू ने कहा कि विभाग द्वारा जारी नई अधिसूचना अनुसार परिवार के सिर्फ एक सदस्य को ही पेंशन मिल सकेगी। यानि अगर पति व पत्नि दोनों पत्रकार हैं तो उनमें अगर पति को पहले पेंशन शुरू हो गई तो पत्नी को पेंशन नहीं मिलेगी। पुराने नियमों में ऐसी कोई पाबंदी नहीं थी। इसके अलावा पुराने नियमों में यह प्रावधान था कि अगर पेंशन पाने वाले पत्रकार का निधन हो जाता है, तो उसके जीवन साथी (पत्नी अथवा पति) को पूरी पेंशन मिलेगी। यानि उस समय पत्रकार का निधन होने पर उसके जीवन साथी को पूरी 10 हजार रुपए महीना पेंशन मिलती थी। नए नियमों के अनुुसार अब उनके लिए पेंशन 10 हजार से बढक़र 15 हजार होने की बजाय घटाकर 7,500 रूपए कर दी गई है। इन नियमों में यह भी प्रावधान किया है कि किसी पत्रकार के खिलाफ कोई मामला दर्ज होने पर उसकी पेंशन बंद कर दी जाएगी, यह शर्त भी न्यायसंगत नहीं है। इसके अलावा पेंशन प्रदान करने के नियमों को सरल करने की बजाय और ज्यादा कड़े व सख्त कर दिए हैं। सीएचजेयू अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह ने पत्रकारों की मांगों व उन्हें पेश आ रही दिक्कतों को ध्यान से विस्तारपूर्वक सुना और इस संबंध में उनका रवैया बेहद सकारात्मक रहा।

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