भाजपा प्रत्याशियों की सूची जुलाई के अंतिम या अगस्त के पहले सप्ताह में?

प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान चार नेताओं को साथ लेकर 15 दिनों में पूरे हरियाणा की धरती को नापेंगे

यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछेंगे सवाल, देश के अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में बेरोजगारी अधिक क्यों?

बाबरिया की बुजुर्ग नेताओं को नसीहत युवाओं को मौका दें

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में पिछले 10 साल से भगवा पार्टी सत्ता में है और पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। पहले कार्यकाल की तुलना में दूसरे कार्यकाल में भाजपा का वोट प्रतिशत न केवल घटा, अपितु विधायकों की संख्या भी घटकर 40 रह गई। वहीं दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वोट बैंक और विधायकों में इजाफा हुआ और गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने न केवल भाजपा को हैरान और परेशान किया बल्कि 5 सीटों पर जीत प्राप्त की।

सीट कम आने के चलते हरियाणा भाजपा को शीर्ष नेतृत्व के कड़े रवैया का सामना करना पड़ा। आलाकमान ने आगे की विधानसभा चुनावी तैयारी को लेकर निर्देश जारी कर दिए। इन्हीं तैयारी के तहत केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा का दौरा हो चुका है। धर्मेंद्र प्रधान व विप्लव देव लगातार बैठकें व दौरा कर रहे हैं। जिसके जरिए भाजपा दावा कर रही है कि उनके दौरे से प्रदेश में वोट बैंक बढ़ेगा और वह हैट्रिक लगाएगी।

भाजपा पन्ना प्रमुखों की टीम का दावा : ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने की कोशिश

अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा निरंतर तैयारियों में जुटी है और भाजपा तीसरी बार सत्ता में आने के लिए एक खास रोडमैप पर काम कर रही योजना के अंतर्गत भाजपा की कोशिश है कि प्रदेश के सभी 19 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ पर खुद को मजबूत किया, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां पार्टी का जनाधार लोकसभा चुनाव में खिसका है। प्रदेश के 7 हजार से ज्यादा गांव में 2 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं जिनमें ग्रामीण ज्यादा है। पार्टी का दावा है कि इस के पास 3 लाख पन्ना प्रमुखों की मजबूत टीम है और इस टीम को अभी से सक्रिय कर दिया गया है।

विधानसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन

उल्लेखनीय है कि रोहतक में आयोजित चुनावी बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर गहन मंथन करने के बाद अलग-अलग जगह पर बैठकर भी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल भी लगातार हरियाणा पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो भाजपा की ओर से उम्मीदवारों की पहली सूची जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में जारी की जा सकती है।

चुनावों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के प्रभारी भी नियुक्त कर दिया है।अब प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान अपने साथ केंद्र के चार अन्य नेताओं को लेकर आगामी 15 दिनों में पूरे हरियाणा की धरती को नापेंगे और कार्यकर्ताओं की नब्ज़ टटोलेंगे। इसके लिए एक दिन में दो-दो जिलों को नापने का शेड्यूल तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे जारी किया जाएगा और प्रत्येक जिले में केंद्रीय नेताओं की यह कमेटी दस्तक देगी।

हरियाणा का दौरा करने वाली टीम में धर्मेंद्र प्रधान के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, सह प्रभारी बिपल्ब देब, राजस्थान के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया और राष्ट्रीय मंत्री सुरेंद्र नागर शामिल होंगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके उनसे फीडबैक लिया जाएगा और इसी आधार पर घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा।

कांग्रेस भी जुटी तैयारी में : मांगे इच्छुक दावेदारों के आवेदन

पहली बार समय से पहले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस की प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार इच्छुक कांग्रेसजनों के लिए निर्धारित आवेदन पत्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 5 जुलाई से उपलब्ध रहेंगें। इसके लिए पार्टी ने फीस पर निर्धारित कर दी है जो किसी सुरत में वापसी नहीं होगी। यह भी बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की गई है। यह भी बता दे कि गत लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने लोकसभा सीट वाइस दावेदारों के आवेदन मांगे थे और 10 लोकसभा सीटों पर 300 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और टिकट को लेकर खास मारामारी वाली स्थिति थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है टिकटों के लिए मारामारी वाली स्थिति विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस में रहने वाली है।

इसके साथ हरियाणा में यूथ कांग्रेस विधानसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारी तथा नौकरियों के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा की घेराबंदी करेगी। प्रदेश यूथ कांग्रेस ने दिल्ली में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। यूथ कांग्रेस का चुनाव प्रचार बेरोजगारी तथा नौकरियों में धांधलियों के मुद्दे पर केंद्रित रहेगा। 

हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को बड़ी नसीहत दी है। बावरिया ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को चाहिए कि वह राजनीति में युवाओं को मौका दें, क्योंकि युवा मजबूती के साथ जनता की आवाज को उठा सकता है। कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनावों में युवाओं और महिलाओं को पूरा मौका देगी। 

हरियाणा में यूथ कांग्रेस विधानसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारी तथा नौकरियों के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा की घेराबंदी करेगी। प्रदेश यूथ कांग्रेस ने दिल्ली में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। यूथ कांग्रेस का चुनाव प्रचार बेरोजगारी तथा नौकरियों में धांधलियों के मुद्दे पर केंद्रित रहेगा। 

बैठक में लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के अलावा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलावरु, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. श्रीनिवास, हरियाणा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा मौजूद रहे। 

इस अवसर पर कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन को सभी 28 प्रदेशों की तुलना में सबसे ज़्यादा मत प्रतिशत 47.6 प्रतिशत हरियाणा में मिले और वर्ष 2019 के मुक़ाबले मत प्रतिशत में सर्वाधिक 19.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हरियाणा में ही हुई।

बैठक में तय किया गया कि यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से सवाल पूछेंगे कि हरियाणा में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेरोजगारी अधिक क्यों है।

सीट और वोट प्रतिशत घटने के चलते भी भाजपा की चिंता बढ़ी

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी 2014 में हरियाणा में सत्ता में है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 7 सीटों पर जीत मिली थी और उसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर जीत हासिल करके भाजपा ने सरकार बनाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में 58.02 प्रतिशत वोट के साथ पार्टी ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की और फिर विधानसभा चुनाव में 43 सीटें जीतकर जजपा एवं निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 सीटों पर ही जीत मिली है जबकि पिछले भर की तुलना में उसके वोट बैंक में भी 11 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐसे में तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने की रणनीति के साथ भाजपा शीर्ष नेतृत्व अभी से प्रयासों में जुट गया है।

लोकसभा चुनाव के नतीजे से उत्साहित है कांग्रेस तो भाजपा उदास 

गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 5 सीट जीती और भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ जिसके चलते कांग्रेस उत्साहित नजर आ रही है तो वहीं भाजपा को झटका लगा। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीटों पर जीत मिली थी तो कांग्रेस के 31 विधायक चुनकर आए थे। जजपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी तो इनेलो व हलोपा के एक-एक विधायक निर्वाचित हुए थे। बाकी स्वतंत्र उम्मीदवारों को जीत मिली थी।

अबकी बार के संसदीय चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस को 15 फीसदी अधिक वोट मिले है जबकि जजपा क वोट बैंक 4 प्रतिशत कम हुआ है। गत लोकसभा चुनाव क्षेत्रीय पार्टियों इनेलो और जजपा के लिए बेहद खराब अनुभव से कम साबित नहीं हुए क्योंकि वोटर्स ने दोनों पार्टियों को एक तरह से नकार दिया। ऐसे में आने वाले चुनाव में मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच मानी जा रही है

भाजपा जल्दी ही प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी।

लोकसभा चुनाव में पांच सीट घटने के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व विधानसभा चुनाव को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटा है। नायब सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद यह भी चर्चा निरंतर है कि उनकी जगह पर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी और को दे दी जाएगी। क्योंकि उनके पास बतौर मुख्यमंत्री बड़ी जिम्मेदारी है तो कहीं ना कहीं प्रदेश अध्यक्ष का पद भी उनके पास होने के चलते संगठन का काम प्रभावित हो रहा है। अमित शाह ने पंचकूला में घोषणा कर दी की चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही रहेंगे। यानी पार्टी ओबीसी मतदाताओं को अपने साथ जोड़े रखना चाहती है।

इसी रणनीति के तहत बीजेपी कभी भी नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करती है।।विधानसभा चुनाव से करीब साढ़े 3 माह पहले ही भाजपा लगातार बैठकें कर रही है।  ऐसे में यह माना जा रहा है कि अब चुनावों से पहले जल्द ही भाजपा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति भी कर दी जाएगी । पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के लिए फिलहाल कई जाट, एससी और अन्य वर्ग के पार्टी नेता कतार में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *