-कमलेश भारतीय
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हिसार : कहीं ऐसी भनक कान में पड़ी कि आज प्लास्टिक दिवस है तो सोचा कुछ प्रबुद्ध नागरिकों से जाना जाये कि वे प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग और इसके दुष्परिणामों पर क्या कहते हैं ।
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**भारती मुंजाल : कुछ वर्ष पहले गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा रहते समय जूट के बैग का प्रचार करने वालीं भारती अब आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ चुकी हैं लेकिन उनका कहना है कि इस संस्था के माध्यम से वे बड़े वर्ग तक अपनी बात पहुंचा पा रही हैं क्योंकि यह संस्था पर्यावरण संरक्षण में भी जुटी रहती है । प्लास्टिक का उपयोग बंद नहीं, हम कम कर सकते हैं -रियूज, रिसाइकिल व रिचार्ज करके ! वह ‘थैले वाली भारती’ फिर समाज में लौटने वाली है, यह विश्वास दिलाया भारती मुंजाल ने !
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**डाॅ सत्या सावंत : महिला डाॅक्टर, समाजसेवी व अनेक कलाओं की धनी डाॅ सत्या सावंत ने कहा कि वे बढ़ते प्लास्टिक उपयोग के खिलाफ हैं और कपड़े के थैले उपयोग में लाती हैं । यह प्लास्टिक इतना खतरनाक है कि नष्ट नहीं होता । बीमारियों का कारण बनता है । बस, लोगों से यही अपील करती हैं कि बाज़ार अपने बैग लेकर जाइये !
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** नीलम गुप्ता : नगर के बड़े प्राइवेट रवींद्र अस्पताल की प्रबंध निदेशिका श्रीमती नीलम गुप्ता ने कहा कि प्लास्टिक का जहां तक बस चले नहीं होना चाहिए । हम तो जूट के बैग का उपयोग करते हैं और मोटे कपड़े के बैग भी बनवा लेते हैं। सभी लोगों से यही अपील कि प्लास्टिक से दूर ही रहिये !
** त्रिलोक बंसल : जीवन बीमा कंपनी कर्मचारी संगठन के अनेक वर्षों से पदाधिकारी व हमारा प। यार, हिसार से जुड़े समाजसेवी त्रिलोक बंसल का कहना है कि प्लास्टिक बैग एक ऐसी चीज़है, जो हमारी सबकी मज़बूरी बन गयी है पर इसका रियूज करके इसे कम तो किया ही जा सकता है ताकि निराश्रित गाय के मुंह में जाने से बच सके । सरकारी नियमों का पालन करना चाहिए और सरकार को भी नागरिकों से पालन करवाना चाहिए!