पहले जाली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी देकर उनको ठगो और चुनाव बाद दस्तावेज सही नही पाये जाने पर नियुक्ति पा चुके युवाओं से सरकारी नौकरी छीनना युवाओं के साथ एक सुनियोजित क्रूर मजाक नही तो और क्या : विद्रोही

कांग्रेस सरकार में प्रत्येक वर्ष 8 से 10 प्रतिशत डीसी रेट स्वत: बढ़ जाता था : विद्रोही

इस प्रकार पिछले 4 साल में कच्चे कर्मचारियों के वेतन में लगभग 35 से 40 प्रतिशत की बढोतरी होनी थी, अब मात्र 8 प्रतिशत बढोतरी : विद्रोही

2 जुलाई 2024 – विधानसभा चुनावों में युवाओं को ठगकर उनकी वोट हडपने के लिए हरियाणा भाजपा सरकार द्वारा 30 सितम्बर 2024 तक हरियाणा लोकसेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन सेवा आयोग द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों को जांच किये बिना सरकारी नियुक्तियां देने को हरियाणा के मुख्य सचिव के सरकुलर को स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने गैरकानूनी बताते हुए कहा कि भाजपा चुनावी लाभ के लिए उन उम्मीदवारों को भी सरकारी नियुक्तियां देने का कुप्रयास कर सकती है जिनके शिक्षा डोमिसाईल सहित अन्य दस्तावेजों के जाली होने की संभावना है। विद्रोही ने कहा कि पहले जाली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी देकर उनको ठगो और चुनाव बाद दस्तावेज सही नही पाये जाने पर नियुक्ति पा चुके युवाओं से सरकारी नौकरी छीनना युवाओं के साथ एक सुनियोजित क्रूर मजाक नही तो और क्या है। किसी भी युवाओं को सरकारी नौकरियोंं का नियुक्ति पत्र देने से पहले उनके शिक्षा प्रमाण पत्र सहित सभी दस्तावेजों की जांच आवश्यक है और बिना दस्तावेजों की जांच किये सरकारी नौकरी देना एक तरह से अपराध है। बिना दस्तावेज जांच किये गैरकानूनी नियुक्ति देने वाले अधिकारी न भूले नियमों के साथ खिलवाड़ करने पर उनको भी जेल का रास्ता देखना पड़ सकता है। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के नाम पर जिस तरह ठगी का खेल कर रही है, वह युवाओं के भविष्य के साथ क्रूर खिलवाड़ है। जो सरकार पिछडे वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों से वंचित रखने जो क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये थी, उसे जान-बूझकर 9 साल पहलेे कम करके 6 लाख रूपये वार्षिक करके नौ साल तक उन्हे नौकरी पाने में रोड़े अटकाये और अब चुनाव नजदीक होने पर पिछडा वर्ग हितैषी होने का ढोंग करके फिर 8 लाख रूपये क्रीमीलेयर सीमा की। पिछडा वर्ग जानना चाहता है कि 9 साल पूर्व क्रीमीलेयर सीमा 8 लाख रूपये से घटाकरे 6 लाख रूपये करके उनके साथ अन्याय क्यों किया? 

विद्रोही ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों, अनुबंध कर्मचारियों का हर साल डीसी रेट महंगाई के मध्यनजर वर्षो से बढ़ता आ रहा था। किन्तु कटु सत्य यह है कि जब से बीजेपी सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम का झुनझुना लेकर आई है, तब से पिछले 4 सालों से कच्चे कर्मचारियों के वेतन में कोई बढोतरी नहीे हुई जबकि कांग्रेस सरकार में प्रत्येक वर्ष 8 से 10 प्रतिशत डीसी रेट स्वत: बढ़ जाता था। इस प्रकार पिछले 4 साल में कच्चे कर्मचारियों के वेतन में लगभग 35 से 40 प्रतिशत की बढोतरी होनी थी, अब मुख्यमंत्री कौशल रोजगार निगम के नाम पर उसी डीसी रेट में मात्र 8 प्रतिशत बढोतरी करके ऐसे प्रदर्शित कर रहे है कि मानो उन्होंने कच्चे कर्मचारियों पर बहुत बडा एहसान कर दिया। हर साल डीसी रेट बढने से रोकने वाले ही अब मामूली सी वेतन बढोतरी का इस तरह वोट हडपने खातिर गिरेंगे, सोचा भी नही जा सकता।  

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