वर्षा जल संग्रह के लिए बनाए जाएं टैंक
बरसाती पानी की निकासी के प्रबंधों की समीक्षा की डिवीजनल कमिश्नर ने
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गुरुग्राम, 28 जून। गुरुग्राम डिवीजन के कमिश्नर आर.सी. बिढान ने कहा है कि एमसीजी, जीएमडीए, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली वितरण निगम आदि इंजीनियरिंग विभागों के अधिकारी आपस में तालमेल कर भविष्य में जलभराव की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए कारगर योजनाएं तैयार करें, जिससे कि बरसात के मौसम में पानी निकासी की व्यवस्था बनी रहे।
कमिश्नर आर.सी. बिढान आज अपने कैंप आफिस में इंजीनियरिंग विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीएमडीए और एमसीजी इस प्रकार की कार्य योजना तैयार करें कि सीवरेज लाइनों से केवल दूषित पानी नहीं, अपितु बरसाती पानी भी मानसून सीजन के दौरान ड्रेन में चला जाए। इसके लिए सीवरेज लाइनों के नए डिजाइन तैयार किए जाने चाहिए। अधिकारी पिछले दस सालों की बारिश का डाटा एकत्रित कर अपनी प्लानिंग बनाएं। इसमें जो घनी आबादी वाले इलाके हैं, उनके लिए अधिक घनत्व की पाइपलाइनें बिछाई जानी चाहिए।
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बैठक में डिवीजनल कमिश्नर ने कहा कि बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। जीएमडीए और एमसीजी के अधिकारी संभावित जलभराव वाले स्थानों पर पर्याप्त क्षमता के पंपिंग सैट लगा कर और उनके बिजली कनेक्शन लेकर अपनी तैयारी पूरी रखें। जीएमडीए द्वारा वर्षा जल संग्रहण के लिए बड़े टैंक बनाए जाने चाहिए।
इस अवसर पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि सोहना, हेलीमंडी, पटौदी और फर्रूखनगर में 90 पंपिंग सैट लगाए गए हैं। एमसीजी के चीफ इंजीनियर मनोज यादव ने बताया कि उन्होंने 80 पंप सैट स्थापित कर दिए हैं। जीएमडीए के अधीक्षण अभियंता सुधीर रांसीवाल ने बताया कि गुरुग्राम सिटी में 50 हार्सपावर की क्षमता के 23 मोटर पंप लगा दिए हैं। अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि उनकी ओर से जल निकासी के लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा सीवरेज लाइनों व ड्रेनों की सफाई करवा दी गई है।
इस अवसर पर एसडीएम रविन्द्र कुमार, ओएसडी प्रीति रावत, जिला राजस्व अधिकारी नरेश कुमार, लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता विकास कुमार, कार्यकारी अभियंता चरणदीप सिंह, एमसीजी के कार्यकारी अभियंता प्रवीन दलाल, जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता विक्रम सिंह इत्यादि मौजूद रहे।