भाजपा में किरण चौधरी की एंट्री के बाद धर्मवीर के बगावती सुर

तीन बार के भाजपा सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा उनका 2024 का चुनाव आखिरी था, भाजपा नेता का ऐलान अब नहीं लड़ूंगा चुनाव

किरण के कारण ही पहले कांग्रेस छोड़ी, बंसीलाल परिवार के विरोध में रही धर्मवीर की राजनीति

धर्मवीर ने तय किया पंच से सांसद तक का सफर

अशोक कुमार कौशिक 

बीजेपी के दिग्गज नेता चौधरी धर्मवीर सिंह हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं। हाल ही उन्होंने बड़ा बयान दिया है। खबरों की मानें, तो बीजेपी सांसद ने कहा है कि 2024 में यह उनका आखिरी चुनाव था। इसके बाद वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। धर्मवीर सिंह के इस बयान ने सबको चौंका दिया है। बीजेपी सांसद की यह नाराजगी कांग्रेस से हाल ही में बीजेपी में शामिल हुईं किरण चौधरी से जोड़कर देखी जा रही है।

दरअसल, चौधरी धर्मवीर सिंह को पूर्व सीएम बंसीलाल की बहू किरण चौधरी का कट्टर विरोधी माना जाता है। किरण की बेटी श्रुति चौधरी को जब कांग्रेस की ओर से भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी छोड़ी दी और अपनी बेटी श्रुति के साथ बीजेपी में शामिल हो गई हैं। ऐसे में श्रुति की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर लोकसभा टिकट की भी दावेदारी हो चुकी है।

राव इंद्रजीत सिंह को राज्य मंत्री बनाए जाने पर खड़े किए सवाल

कहा ये भी जा रहा है कि चौधरी धर्मवीर सिंह ने राव इंद्रजीत को राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके इलाके (अहीरवाल) के लोगों में थोड़ी नाराजगी है। राव इंद्रजीत सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। लेकिन, यहां के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। ऐसा इसलिए है कि बीजेपी सांसद धर्मवीर को भी इस बार केंद्र में मंत्रीपद की दौड़ में माना जा रहा था। लेकिन, हरियाणा में बीजेपी की गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। उनकी जगह राव इंद्रजीत को राज्य मंत्री बनाया गया। बीजेपी ने पंजाबी चेहरे खट्‌टर, गुर्जर समुदाय से कृष्णपाल गुर्जर और अहीर समाज से राव इंद्रजीत को मंत्री बना दिया, जबकि धर्मबीर जाट कम्युनिटी से हैं। इसलिए वह मंत्री दौड़ में पिछड़ गए।

तीन बार चुने गए सांसद, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए थे शामिल

बता दें कि बीजेपी नेता चौधरी धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। वह कांग्रेस छोड़कर 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे। कहा जाता है कि राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी पर ही तीनों बार पार्टी हाईकमान ने धर्मबीर सिंह को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट दी।

राव इंद्रजीत सिंह ने धर्मवीर के लिए किया प्रचार

दरअसल, 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव तो धर्मबीर सिंह असानी से जीत गए। लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से राव दान सिंह को कैंडिडेट बनाया गया। जिसके बाद धर्मबीर सिंह कांटे के मुकाबले में फंस गए थे। जिसको देखते हुए राव इंद्रजीत सिंह को ही मैदान में उतरना पड़ा। राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर के लिए चुनाव प्रचार किया और उन्हें अपना साथी बताते हुए अहीरवाल में उन्हें जिताने की अपील की थी। यही वजह रही कि आखिरी वक्त पर पासा पलट गया और चौधरी धर्मबीर सिंह तीसरी बार सांसद चुने गए।

बता दे की चौधरी धर्मवीर सिंह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर भाजपा की टिकट के लिए कई भारी भरकम नेताओं ने पुरजोर कोशिश भी की लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मवीर सिंह के नाम की सिफारिश ही नहीं की अपितु जीतने की भी गारंटी ली। उनकी बदौलत पार्टी ने चौधरी धर्मवीर को टिकट दी। चौधरी धर्मवीर सिंह हरियाणा की राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं।

चौ. धर्मबीर सिंह के बारे में यह भी माना जाता है कि अगर वह किसी भी सीट से चुनाव लड़ेंगे तो वहां से जीतेंगे, उनके बारे में यह राय भी कोई मिथक नहीं है।

चौ. धर्मबीर सिंह ने राजनीति की शुरूआत अपने पैतृक गांव तालु में पंच निर्वाचित होकर की। भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार बीजेपी का कमल खिला है। राजनीति में अपने 48 साल के लंबे करियर में, चौ. धर्मबीर सिंह ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन माना जाता है कि उनके पास विपरीत परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने का अनोखा कौशल है।

धर्मबीर सिंह बवानीखेड़ा पंचायत समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वर्ष 1987 में चौ. देवीलाल ने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के खिलाफ तोशाम विधानसभा क्षेत्र से पार्टी (तत्कालीन जनता दल) को मैदान में उतारा। पहले ही चुनाव में उन्होंने बंसीलाल को 2186 वोटों से हरा दिया और प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। हालांकि बाद में यह चुनाव रद्द कर दिया गया था।

अपने राजनीतिक जीवन के दौरान वह पूरा मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की तीन पीढियां को हराने के लिए प्रसिद्ध है । उन्होंने 2000 में तो शाम से बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया और बाद में बंसीलाल की पोती सुरेंद्र की बेटी श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 में भाजपा के सदस्य के रूप में भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर हराया।

जब बंसी लाल ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी हैबीपा बना ली तो धर्मवीर ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली 1991 में तो शाम सीट पर बंसीलाल से हार गए। 1996 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी अभी पैसे लड़ते हुए बंसीलाल ने धर्मवीर को लगातार दूसरी बार तो शाम सीट पर हराया। 2000 के विधानसभा चुनाव में धर्मवीर ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह को तोशाम सीट पर पटकनी दी।

सुरेंद्र सिंह की पत्नी किरण चौधरी 2005 में तोशाम से चुनाव लड़ने उतरी तो कांग्रेस ने धर्मवीर को बतला सीट से टिकट दी वह विजयी रहे। कांग्रेस ने भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को टिकट दिया तो धर्मवीर ने पार्टी छोड़ दी 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले धर्मवीर भाजपा में शामिल हो गए उन्होंने 2014 और 2019 में श्रुति को लोकसभा चुनाव में लगातार हराया।

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