गुरुग्राम – सतीश भारद्वाज : फरुखनगर खंड के गांव बादली फाजिलपुर में 1 वर्ष पहले हुए एक युवक की हत्या मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जिसमें पीड़ित न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा था। यह मामला जब जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री जेपी दलाल के सामने उठा था। जिसमें उन्होंने हरियाणा पुलिस की अपराध शाखा को नए सिरे से जांच करने के आदेश दिए थे। जिसपर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच के डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी को भेजी थी,जिसपर कार्यवाही करते हुए डीजीपी कार्यालय से थाना फरुखनगर को मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई है। जिस पर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मगर थाना पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए जांच पड़ताल सही तथ्यों पर ना करके केवल खानापुति करने में लगी हुई है। बता दें कि मृतक युवक के पिता प्रताप की दरखास्त के अनुसार बताया गया है कि गत वर्ष 11जुन को शांम करीब 7.30 बजे मेरे पास दीपक पुत्र अजीत गांव फाजिलपुर बादली का फोन आया कि मेरे बड़े लडके अमित की तबियत खराब हो गई है जिसे ईलाज के लिये अस्पताल लेकर गये है आप जल्दी आ जाओ जब मैं अस्पताल पहुंचा तो वहाँ पर आकाश पुत्र श्यामलाल, विक्रम पुत्र पिंकू, दीपक पुत्र अजीत, विकास पुत्र श्यामलाल निवासियान फाजिसपुर बादली मौजूद थे। उन्होने मुझसे कहा कि आप एम्बुलैंस में आगे बैठ जाओ आपका लडका अभी ठीक है हम इसको आर्वी अस्पताल सैक्टर-90 लेकर जा रहे है। विक्रम मेरे लड़के के साथ पीछे बैठ गया और हम आर्मी अस्पताल सैक्टर-90 गुरुग्राम पहुँच गये जहाँ पर डाक्टरो ने एम्बुलैंस में ही मेरे लड़के अमित को चैक कर मृत घोषित कर दिया और कहा कि इसकी मृत्यु लगभग एक घण्टे पहले हो चुकी है। जिस पर मैने डाक्टरो से निवेदन किया कि आप इसको एक बार मशीन पर चैक कर लो जिस पर डाक्टरों ने मेरे लडके अमित को अस्पताल मे अन्दर ले जाकर चैक किया और मृत बतलाया। उसे समय पुलिस ने 174 की कार्रवाई कर मामले को बंद कर दिया था। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मेरे लड़के को कुल 4 चोटे लगनी पाई गई। 2 चोट के निशान गर्दन पर थे। 1 चोट का निशान माथे के पास था व 1 चोट का निशान गुप्तांगों पर भी थे। मुझे गांव से पता किया तो पता चला कि मेरे लडके अमित के साथ विक्रम पुत्र पिंकू, राहुल उर्फ भूपेन्द्र पुत्र शुकन्तराज निवासियान फाजिलपुर ने झगडा किया था। झगडे के दौरान इन्होने मेरे लडके के गुप्तांगों पर लात मारी । जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मेरी व मेरे लडके अमित की इनसे कोई भी पुरानी रंजिश नही थी। इसके बारे में पुलिस को कई दफा शिकायत दी लेकिन पुलिस ने केवल 12 जून को एक डीडी दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस मामले में पीड़ित पक्ष तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र ,एसीपी हरेंद्र व डीसीपी, सीपी से भी कई दफा मिल चुके थे। वहीं एक लिखित शिकायत कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में भी दी थी। जिस पर उनकी जांच अपराध शाखा को भेज दी थी। जिस पर थाने में मामला दर्ज किया गया है। मगर सही जांच पता ना करके केवल खानापूर्ति की कार्रवाई हो रही है। जबकि मामला हत्या का दर्ज होना चाहिए था। लेकिन 304 का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं बताया गया है कि स्थानीय पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई, है क्योंकि आरोपी पक्ष के परिजन पहले पुलिस विभाग में ही नौकरी करते थे जिनकी उनकी पुलिस अधिकारियों से अच्छी पेठ बताई गई है। इस मामले पर पुलिस प्रवक्ता संदीप से बात की गई तो उन्होंने भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। क्योंकि उपरोक्त मामले की एफआईआर ऑनलाइन उपलब्ध नहीं हो रही है। Post navigation रेरा ने क्रिसुमी, एसएस ग्रुप और छह अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण किया मॉडिफाई की गई 02 सुजुकी गाड़ियां सुपर कैरी वैन पुलिस को भेंट की