जलवायु परिवर्तन पर ड्राफ्ट एक्शन प्लान तैयार चंडीगढ़, 6 जून-हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार ने लू के प्रभाव को कम करने और आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय किए हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी उपायुक्तों और हितधारक विभागों के प्रशासनिक सचिवों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इनमें लू से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति की आवश्यकता और कार्यों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नामित करने पर बल दिया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर ड्राफ्ट एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है, जिसे शीघ्र ही केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा, जलाशयों की गाद निकालने के लिए जल्द ही एक कार्य-योजना लागू की जाएगी। श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने यह बात आज केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी (एन.सी.एम.सी.) की बैठक में भाग लेने के बाद कही। यह बैठक देश के कई हिस्सों में चल रही लू की स्थिति से निपटने के लिए की गई तैयारियों और प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से फोन करने पर तुरंत पानी के टैंकर भेजे जाते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि मई के मध्य से ही हरियाणा लगातार लू के कारण भीषण गर्मी की स्थिति से जूझ रहा है। कई क्षेत्रों में लोगों को लंबे समय से अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ रहा है और सिरसा में 28 मई को 50.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में आंधी-तूफान के कारण गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन जल्द ही तापमान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में भीषण लू के चलते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रभावी उपाय किए हैं। विभाग का लक्ष्य त्वरित चिकित्सा प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना और आमजन को इससे सुरक्षित रहने में सक्षम बनाना है। वित्तीय सहायता और चिकित्सा अवसंरचना विभाग ने विशेष रूप से गर्मी से होने वाली बीमारियों के उपचार हेतु आपूर्ति के लिए 26.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इससे प्रत्येक जिले में हीटस्ट्रोक और संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त, गर्मी से होने वाली थकावट या डी-हाइड्रेशन वाले लोगों को तत्काल राहत पहंुचाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रमुख स्थानों पर ओरल रिहाइड्रेशन कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। आपात स्थिति की संभावना के दृष्टिगत, एम्बुलेंस को हाई अलर्ट पर रखा गया हैं और 112 आपातकालीन हेल्पलाइन के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इससे हीट स्ट्रोक की घटनाओं के मामले में त्वरित प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित होता है। इसके अलावा, सभी जिलों में चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार हीट रिलेटेड इलनेस (एचआरआई) से निपटने के लिए कठोर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य पेशेवरों को हीट स्ट्रोक के मामलों का प्रभावी ढंग से निदान और उपचार करने की विशेषज्ञता से लैस करता है। विभिन्न विभागों द्वारा की गई कार्रवाई प्रत्येक विभाग ने हीटवेव से निपटने के लिए विशिष्ट कार्रवाई की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को गर्मी के पीक आवर से बचाने के लिए स्कूल के समय को समायोजित किया गया और 30 जून, 2024 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है। विकास एवं पंचायत विभाग ने भीषण गर्मी से बचने के लिए मनरेगा श्रमिकों के काम के घंटे समायोजित किए हैं तथा कार्यस्थलों पर पेयजल, छाया और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की है। श्रमिकों को लू के प्रभावों के बारे में जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किए गए हैं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने पशुधन की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की गई है जबकि अग्निशमन विभाग ने सुनिश्चित किया है कि सभी अग्निशमन वाहन और उपकरण चालू हों और आपात स्थिति के लिए तैयार हों। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खरीफ 2024 के लिए आकस्मिक फसल योजना बनाई है तथा किसानों की सहायता के लिए सिंचाई परामर्श जारी किए हैं। बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति मांगों के प्रबंधन और जलापूर्ति योजनाओं के लिए निरंतर बिजली सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी एवं समन्वय समिति का गठन किया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने टैंकर तैनात करके तथा सार्वजनिक स्थानों पर पोर्टेबल पेयजल सुविधाओं के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की है। श्रम विभाग ने भी श्रमिकों को लू से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्रम आयुक्त ने सभी क्षेत्र अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है तथा श्रमिकों को विशेष रूप से उद्योगों, निर्माण स्थलों और ईंट-भट्टों पर गर्मी के पीक आवर से बचाने के लिए कार्य समय को समायोजित करने के लिए परामर्श जारी किए हैं। गर्मी के पीक आवर के दौरान आराम की अवधि बढ़ाई गई है तथा निकटतम अस्पताल या क्लिनिक के फोन नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए हैं। विभाग द्वारा हीट स्ट्रोक जैसी आपात स्थितियों में श्रमिकों के लिए एयर कंडीशनिंग या कूलर की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। सभी कार्यस्थलों पर पीने के पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लेबर चैक और ईंट-भट्टों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। नियोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में आइस पैक और ओआरएस पैकेट रखने के कहा गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं। इन अभियानों का उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करके किशोरियों और माताओं को हीट वेव के खतरों, संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों और एहतियाती उपायों के बारे में शिक्षित करना है। आंगनवाड़ियों में आई.ई.सी. सामग्री प्रदर्शित की जाती है और एकीकृत बाल विकास योजना के कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से शिशुओं, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और बुजुर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हीट वेव से संबंधित जानकारी प्रसारित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध हो। स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से इन केंद्रों पर पर्याप्त ओआरएस और जिंक घोल उपलब्ध कराया जाता है। Post navigation क्या संकट में है हरियाणा सरकार ? ……. जेजेपी विधायकों को साधने में जुटे सीएम सैनी व खट्टर लोकसभा चुनाव में भाजपा को ट्रेलर दिखाने वाली जनता विधानसभा चुनाव में पूरी पिक्चर ही दिखाएगी : कुमारी सैलजा