हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में आने के बाद भी न तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विधानसभा की बैठक बुलाकर विश्वासमत लेने की बात कर रहे है और न ही अल्पमत में होनेे पर त्याग पत्र देने को तैयार है : विद्रोही 11 मई 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में आने के बाद भी न तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विधानसभा की बैठक बुलाकर विश्वासमत लेने की बात कर रहे है और न ही अल्पमत में होनेे पर त्याग पत्र देने को तैयार है। विद्रोही ने कहा कि यह सत्ता लिप्सा की पराकाष्ठा व अनैतिकता की हद है। लोकतांत्रिक परम्पराओं अनुसार क्या तो नायब सिंह सैनी विधानसभा की बैठक बुलाकर अपना बहुमत साबित करे या मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देकर हरियाणा में राष्ट्रपति राशन लगाने का रास्ता साफ करे। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने हरियाणा राजभवन को पत्र सौंपकर विधिवत रूप से राज्यपाल को लिखित रूप से सूचित कर दिया है कि नायब सिंह सैनी भाजपा सरकार के पास 88 सदस्यीय विधानसभा में मात्र 43 विधायक रग गए है व कांग्रेस सहित जजपा, इनेलो व निर्दलीय विधायकों को मिलाकर भाजपा के विरोध में 45 विधायक है। ऐसी स्थिति में नायब सिंह सैनी के पास दो ही विकल्प है। क्या तो वे विधानसभा की बैठक बुलाकर अपना बहुमत साबित करे या मुख्यमंत्री पद से त्याग दे। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह को कौनसा विकल्प चुनना है, यह उन्हे ही तय करना है। यदि दोनो विकल्पों में किसी एक विकल्प पर मुख्यमंत्री पहल नही करते है तो हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन अनुसार तत्काल हरियाणा विधानसभा का अधिवेशन बुलाकर मुख्यमंत्री को विश्वास मत प्राप्त करने का निर्देश देना चाहिए। यदि राज्यपाल ऐसा नही करते है तो वे अपने पद के साथ व लोकतांत्रिक परम्पराओं से नाइंसाफी करेंगे। लोकतंत्र में राज्यपाल को अपने पूर्व दल व विचारधारा की बजाय संविधान की लाईन का अनुशरण करके काम करना उनकी संवैद्यानिक जवाबदेही है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि अपना बहुमत बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व मनोहरलाल खट्टर जजपा विधायकों को खरीदने का जो कुप्रयास कर रहे है, वह लोकतंत्र व संविधान की खुलेआम हत्या करना जैसा कुकृत्य है। खरीद-फरोख्त की राजनीति को भाजपा हरियाणा के राजनैतिक वातावरण को गंदला न करे, यह रोकने की संवैद्यानिक जिम्मेदारी राज्यपाल की है। और राज्यपाल अपनी संवैद्यानिक जिम्मेदारी निभाने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को विधानसभा पटल पर अपना बहुमत साबित करने का तत्काल निर्देश दे। Post navigation डबल इंजन सरकार ने श्रमिकों की सबसे ज्यादा चिंता की- नायब सिंह सैनी अन्नदाता को दुखी करने वाले से तो ऊपर वाला दाता भी नाराज हो जाता है : कुमारी सैलजा