बीस साल पहले रोहतक की चौधर अब दीपेंद्र को जिता दो प्रदेश में बना दूंगा सरकार

ऋषिप्रकाश कौशिक/ भारत सारथी

कांग्रेस की गुटबाजी और लट्टम-लठा होने की कहानी कोई नई घटना नही है कांग्रेस में अपना सिक्का जमाने के लिए सभी नेता चाहते है कि कांग्रेस में उनका एक-क्षत्र राज हो और प्रदेश में जब भी बहुमत हो तो बिना किसी लाग-लपेट के उसको मुख्यमंत्री की कुर्सी मिले और इन इच्छा को बल भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ कर जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाया तो कांग्रेस में विरोध के स्वर तभी से उभर रहे है। कांग्रेस के इसी विरोध के स्वरों के कारण प्रदेश में अपना संगठन नही बना पाई है जिसका उसको लगातार घाटा होता जा रहा है। प्रदेश की राजनीति में स्थापित होने के लिए व रोहतक सोनीपत झज्जर के मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्होंनें पुराने रोहतक की चौधर का नारा भी दिया जिसमें में वो कामयाब भी रहे। लेकिन इस चौधर के नारे का परिणाम यह रहा कि अगले चुनाव 2009 में रोहतक, सोनीपत व झज्जर की जनता ने तो हुड्डा के नेतृत्व को तो स्वीकार कर लिया लेकिन बाकी हरियाणा ने उनके नेतृत्व को कहीं ना कहीं नकारने का काम कर दिया था जिससे उनके नेतृत्व में केवल चालीस के लगभग विधायक जीते।

दुसरे चुनाव में भी मुख्यमंत्री की बागड़ोर संभालने वाले हुड्डा पर जिस प्रकार क्षेत्रवाद, जातिवाद, भाई भतीजावाद और जमीनों के घोटालों के जो आरोप लगे उससे प्रदेश में बिना किसी आधार वाली भाजपा के लिए सरकार बनाने का मौका दे दिया। भाजपा सरकार ने हुड्डा पर जिस प्रकार के आरोप लगे थे उन सभी आरोपों से खुद से बचते हुए प्रदेश में काम करने का मौका मिला और प्रदेश में लोकसभा की दस की दस सीटे जीतकर दोबारा से विधान सभा में पहुंचने का काम भी किया। प्रदेश में जाट आरक्षण के कारण भले ही विधान सभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटी हो लेकिन प्रदेश में मोदी के जादू के कांग्रेस की प्रदेश में सबसे सेफ सीट मानी जाने वाली रोहतक सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज कर बता दिया कि लोगों की मोदी से कोई नाराजगी नही है।

अब लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सभी पार्टियों के आमने सामने मैदान में आने से चुनाव प्रचार चरम सीमा पर है। प्रदेश लोकसभा में मोदी शाह और भाजपा के बड़े नेता आने से चुनाव में एक बार फिर भाजपा की लहर दस की दस सीटों पर बनने के पूरे पूरे आसार दिखाई दे रहे है। वहीं कांग्रेस के बड़े नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा यह कतई नही चाह रहे है कि राहुल गांधी रोहतक सोनीपत लोकसभा के में प्रचार के लिए आये क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा यह अच्छी तरह जान चुके है कि उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु पर अब केवल और केवल जाट वोटरों पर निर्भर है और राहूल गांधी केवल और केवल ओबीसी और दलितों की बात करते है और इस फ्रेम में उनकी ही पार्टी की नेता कुमारी सैलजा सबसे फिट बैठती है।

हुड्डा यह कतई नही चाहते कि उनके रोहतक व सोनीपत के जाट लैंड में कार्यकर्ताओं में यह संदेश ना चला जाये कि उनकी मुख्यमंत्री की दावेदारी खटाई में पड़ी हुई है और यदि उनकी मुख्यमंत्री की दावेदारी चली गई तो उनका यह गढ़ दरकने से कोई रोक नही सकता। अब मुख्यमंत्री की इस चाहत में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने बीस साल पुराने नारे रोहतक की चौधर को बदल कर दीपेंद्र को जिता दो तुम्हारी सरकार बना दूंगा का यही मतलब है कि मुख्यमंत्री मै ही बणूंगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इस बयान को भले ही हुड्डा समर्थक पसंद कर रहे हो लेकिन हुड्डा से अलग कांग्रेस समर्थकों को यह बयान सुहाना नही लग रहा क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में उन कांग्रेसी लोगों को भी हुड्डा ने खुड्डे लाईन लगा दिया जिनकी भूपेंद्र सिंह हुड्डा में आस्था नही थी। अब हुड्डा के गढ़ में जाट वोटरों को भी हुड्डा के भुमि अधिग्रहण, नौकरियों में अव्यवस्था आदि को लेकर रोष अभी भी बना हुआ है।

कांग्रेस के पास प्रचार करने के लिए जाट आरक्षण, किसान आंदोलन, व पहलवानों के आंदोलन के अलावा भाजपा पर न तो भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को कुछ है और न ही नौकरियों में भेदभाव लगाने को कुछ है। ऐसे में हुड्डा अपने गुर्गो को फायदा पहुंचाने वाला वही राग अलाप रहे है कि तम दीपेंद्र नै एक लाख तै इस हलके तै जिता दो थारी सरकार मैं बणा दूंगा।

लेकिन हुड्डा साहब से सीधा सवाल है किसान थारे समय के वो दो रूपये के चैक भी फ्रेम में फिट करवा के रखे हुए ताकि आने वाली पीढिय़ों को दिखा सके कि आप कितने हितैषी हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!