विस अध्यक्ष बोले- ओबीसी आरक्षण में नहीं लगने देंगे सेंध, हर कीमत पर करेंगे मंगल सूत्र की रक्षा

पंचकूला, 6 मई। हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष एवं पंचकूला से भाजपा विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति खुल कर सामने आ गई है। इसी नीति के कारण देश की जनता पहले ही कांग्रेस को नकार चुकी है। अब इस पार्टी ने मुस्लिम तुष्टिकरण को अर्बन नक्सलवाद के रंग में भी रंग दिया। ऐसा करके कांग्रेस देश का माहौल खराब करना चाहती है, लेकिन अब जनता काफी जागरूक हो चुकी है और ऐसे कुत्सिग इरादे कभी सफल नहीं हो पाएंगे।

ज्ञान चंद गुप्ता ने सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में सारा जोर अल्पसंख्यकों के हितों पर दिया हुआ है। इस घोषणापत्र में जातियों और समुदायों की सामाजिक-आर्थिक जनगणना की बात कही है। ओबीसी आरक्षण में से मुस्लिमों को हिस्सा देने की घोषणा की जा रही है। गुप्ता ने कहा कि भाजपा ओबीसी समाज के हितों पर किसी भी कीमत पर कुठाराघात नहीं होने देगी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ओबीसी आरक्षण की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरा चुके हैं। कांग्रेस एआई टूल का सहारा लेकर जनता को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रही है।

गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंसी हुई है और पार्टी ने अपने घोषणापत्र में जो कहा है वह चिंताजनक और गंभीर मामला है। इसमें कहा गया है कि यदि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी, उसका हिसाब लगाया जाएगा। ये गहने रूपी संपत्ति भी सबको समान रूप से वितरित करने की बात कही जा रही है। माताओं-बहनों के जीवन में सोना दिखाने के लिए नहीं होता, बल्कि उनके स्वाभिमान से जुड़ा होता है। कांग्रेस उसे छीनने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि ये माओवाद की सोच को जमीन पर उतारने की उनकी कोशिश है।

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो वह लोगों के बीच संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति मुसलमानों को देना चाहती है। गुप्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस विवादित टिप्पणी का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने 2006 में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।

गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से बहुसंख्यक समाज के आर्थिक हितों के साथ-साथ उसकी धार्मिक भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ करती आई है। अब कांग्रेस के घोषणा पत्र और राममंदिर मूर्ति स्थापना समारोह का निमंत्रण ठुकराने से उसकी हिन्दू विरोधी मानसिकता जगजाहिर हो गई है।

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