-भारत-तिब्बत सहयोग मंच देशभर में मना रहा है रजत जयंती वर्ष

-गुरुग्राम में चीन के सामान का बहिष्कार करके आग के हवाले भी किया

गुरुग्राम। कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा, पर्यावरण की रक्षा। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर देश में काम कर रहे भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से रविवार 5 मई को मंच का रजत जयंती वर्ष मनाया गया। इस दौरान भारत-तिब्बत सहयोग मंच के प्रांत प्रमुख अमित गोयल के नेतृत्व में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंका गया। इसके साथ ही चीन के सामान का बहिष्कार करते हुए सामान को जलाया। पर्यावरण बचाने का संदेश देने को पौधारोपण किया। शिव चालीसा धार्मिक पुस्तकों का वितरण भी किया गया।

पुतला फूंकने के दौरान काफी कार्यकर्ता मौजूद रहे और चीन के खिलाफ नारेबाजी करने हुए चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंका।

इस अवसर पर भारत-तिब्बत सहयोग मंच के प्रांत प्रमुख अमित गोयल ने कहा कि मंच के राष्ट्रीय प्रमुख इंद्रेश कुमार जी, महासचिव पंकज गोयल कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा, पर्यावरण की रक्षा के विषय पर लाखों कार्यकर्ताओं के साथ देश-दुनिया में जनजागरण अभियान चलाए हुए हैं। उनके मार्गदर्शन में भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने अपनी स्थापना के 25 वर्षों में देशभर में शाखाओं की शुरुआत की है। देश के लोगों को त्वांग तीर्थ यात्रा पर ले जाकर उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहरों से रूबरू कराया जाता है। तिब्बत की आजादी के लिए लगातार हर साल किया जाता है। तिब्बत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे इंद्रेश कुमार जी ने देश का तिब्बत के रूप में खोया गौरव लौटाने के लिए देश को भी जगाने का काम किया है। आज देश के लोग भी इस बात के पक्ष में खड़े हैं कि हमें हमारा तिब्बत चीन से वापस लेना है। चीन ने तिब्बत के रूप में हमारी संस्कृति पर चोट की है। इसका करार जवाब भी चीन को दिया जाना है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि एक दिन तिब्बत आजाद जरूर होगी। भारत व तिब्बत माउंट कैलाश पर मिल-जुलकर खुशी मनाएंगे। उन्होंने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे इस विषय की लड़ाई लडऩे के लिए, अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक धरोहर वापस पाने के लिए भारत-तिब्बत सहयोग मंच के साथ जुड़ें।

अमित गोयल ने कहा कि भारत-तिब्बत सहयोग ने हमेशा अहिंसा से ही अपनी मांगों को उठाया है। उन्होंने कहा कि चीन ने तिब्बत और तिब्बतियों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसके लिए चीन पर सवालिया निशान खड़े होते हैं। इस अवसर पर बनवारी लाल सैनी, अजय जैन, राज सैनी बिसरवाल, नमन अग्रवाल, राजेश सैनी, युधिष्टर कौशिक, अरुण सैनी, लखन अरोड़ा, सतनारायण गुप्ता, किशन रोहिल्ला, लखन अरोड़ा, मनोज तंवर, कृष्ण गोपाल रोहिला, ललित कटारिया, मनोज सरहौल, पवन शर्मा, हितेश सैनी, फलक गोयल, नमन गोयल मौजूद रहे।

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