क्या सुशील गुप्ता निजी ख्वाहिशें पूरा करने के लिए ही बने इंडिया गठबंधन का हिस्सा ?

*प्रदेश अध्यक्ष प्रभारी और स्वम् की ही उम्मीदवारी, की कोई रायशुमारी या स्वम् का लिख नाम करली तैयारी ?

ऋषिप्रकाश कौशिक

गुरुग्राम, 24/4/24 – पंजाब में आप पार्टी की लहर देख लालायित हुए पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने आप पार्टी की टिकेट पर लिख लिया अपना ही नाम, कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे आप नेताओं को समझ ही नहीं आया कि उनके साथ यह क्या हुआ अलैदा बात है कि हार-जीत किसकी होगी परन्तु वन मैन शो दिखा गए सुशील गुप्ता, न कोई सलाह न कोई मशविरा किया, यहां तक कि कार्यकर्ताओं को खबर भी मीडिया से ज्ञात हुई कि पार्टी केवल एक सीट पर ही मान गई है और उसपर खुद का आधिपत्य स्थापित कर बैठ गए प्रदेश अध्यक्ष, वैसे भी उन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कौन था – ‘घर की बही और काका लिखनिया” अर्थात पार्टी प्रमुख का सजातीय होना भी तो लाभप्रद साबित हुआ, हरियाणा के प्रदेश प्रभारी व अध्यक्ष पद इन्हीं के पास तो रहा है !

संक्षिप्त में कहें तो अथाह धन सागर था ही, टिकेट खुद के हाथों में थी , वर्करों की फ़ौज साथ ली और कोंग्रेस के विरोध से बचते हुए इंडिया गठबंधन से सिर्फ अपने लिए समझौता कर रास्ता साफ कर गए बड़ी चालाकी से !

रही बात कोंग्रेस की तो वह भी अन्य सीटों पर ध्यान लगाए हुए है जिस प्रकार आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने सिर्फ कुरुक्षेत्र में डेरा डाला हुआ है !

छन-छनकर आ रही सूचनाएं इशारा कर रही हैं कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, कारण है आप कार्यकर्ताओं की चिंता वो यह कि लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में भी कुछ ऐसा ही निर्णय लिया गया तो वह क्यों न निर्दलीय उम्मीदवारी पेश करें, इसी कारण अनेकों आप नेता पार्टी को बाय बाय कर चुके हैं विशेषकर दलित ओबीसी नेता, कमोवेश ऐसी ही प्रतिक्रियाएं कांग्रेसियों की भी आ रही हैं अर्थता वह भी दूरी बनाने लगे हैं ऐसे में सवाल है के सुशील गुप्ता का चुनाव खटाई में तो नहीं पड़ जाएगा ?

चर्चाओं में एसवाईएल हरियाणा का प्रमुख मुद्दा है, पानी पंजाब से आना है और वहां आप पार्टी की ही सरकार है किंतु इस मुद्दे पर लगता है उन्हें भय सता रहा है कि कहीं यह बड़ा मुद्दा न बन जाए इसलिए लगातार मौन साधे हुए हैं सुशील गुप्ता ?

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