भारतीय योग संस्थान द्वारा वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब में शंख प्रक्षालन क्रिया का आयोजन किया गया ।

डा: जे. के. डाँग

हिसार – शंख का अर्थ है आंतें और प्रक्षालन का अर्थ है धोना। इस क्रिया से आंत वाहिनी कंठ से गुदा तक शुद्ध हो जाती है। यह एक ऐसी क्रिया है जिससे पानी पीकर के कुछ सरल योगासन ( ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, तिर्यक भुजंगासन, कटि चक्र एवं उदराकर्षण आसन) के साथ दोहराकर मल निष्कासन के लिए चार पाँच बार शौचालय जाना पड़ता है जिससे आंतड़ियां साफ़ हो जाती हैं।

इस क्रिया से गैस , अम्लीयता ( एसिडिटी ), क़ब्ज़, पेट दोष, चर्म रोग, फोङे फुंसी , मुहाने मधुमेह एवम मोटापा जैसे रोग दूर हो जाते हैं। साधकों को योगनिद्रा , शुद्धि क्रियाएँ- जल नेधि , सूत्र नेधि एवं कुंजल- क्रियाओं का भी अभ्यास करवाया गया ।

भारतीय योग संस्थान हरियाणा इकाई के प्रधान श्री मुकेश गोयल एवं हिसार इकाई के प्रधान श्री सुरेश जांगड़ा के सानिध्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया ।

हिसार इकाई के पदाधिकारी श्री जुबिन गोयल , श्री वेदप्रकाश शर्मा , श्री राधेश्याम कक्कड़ एवं श्री राकेश जी ने अपनी सेवाएँ प्रदान की।

वानप्रस्थ संस्था के महासचिव डा: जे. के . डाँग ने कहा कि हिसार के अलग अलग पार्कों में अब 17-योग केंद्र चल रहे हैं। हिसार इकाई के प्रधान श्री सुरेश जांगड़ा जी इसको आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहते हैं ताकि जनसाधारण तक योग को पहुँचाया जा सके।उन्होंने कहा कि भारतीय योग संस्थान के सहयोग से प्रत्येक रविवार को क्लब में साधना शिविर (मैडिटेशन शिविर ) लगाया जाएगा । उन्होंने आज के आयोजन के लिए श्री मुकेश गोयल, श्री सुरेश जांगड़ा एवं अन्य पदाधिकारियों का धन्यवाद किया।

पाँच घंटे से अधिक चली इस योग क्रिया में 30-से अधिक साधकों ने भाग लिया। खिचड़ी के प्रसाद के साथ शंख- प्रक्षालन क्रिया का विधिवत समापन हुआ।

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